The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • agnipath protest young protestors performs push ups in west bengal rajasthan and bihar video

राजस्थान और पश्चिम बंगाल में युवाओं का पुश अप प्रोटेस्ट, अग्निपथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी

इस तरह गोल घेरे में पुश अप आर्मी के ऑफिसर्स पास आउट परेड के दैरान भी लगाते हैं.

Advertisement
push up protest against agnipath
अग्निपथ के खिलाफ पुश अप प्रोटेस्ट करते युवा. (फोटो: ANI)
pic
ज्योति जोशी
17 जून 2022 (Updated: 17 जून 2022, 04:06 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

सैन्य भर्ती की नई स्कीम 'अग्निपथ योजना' (Agnipath Scheme) के विरोध (Protest) में प्रदर्शन जारी है. यूपी-बिहार के साथ कई और राज्यों में युवक सड़कों पर विरोध जता रहे हैं. लगातार आग लगने, रेल-सड़क मार्ग को बाधित करने की खबरें सामने आ रही हैं. युवा सड़कों पर पुश अप करते नजर आ रहे हैं. 

राजस्थान (Rajasthan) के चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) में सेना की तैयारी कर रहे युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया है. 17 जून को बड़ी संख्या में युवा जिला कलेक्ट्री चौराहे पर पहुंचे. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, ये युवा केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और योजना को वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं. पुश अप करते हुए युवक विरोध जता रहे हैं.  

इसी तरह, पश्चिम बंगाल के हावड़ा ब्रिज पर भी अग्निपथ योजना का विरोध किया गया. यहां पुलिस ने इन लोगों को तुरंत हटाते हुए रास्ता खाली कर दिया है.

 

इसी तरह पश्चिम बंगाल में नॉर्थ 24 परगना जिले के ठाकुरनगर रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर युवाओं ने नारेबाजी की.  बिहार के जहानाबाद से भी पुश अप प्रोटेस्ट के वीडियोज ट्विटर पर पोस्ट हुए.  

बता दें कि इस तरह गोल घेरे में पुश अप आर्मी के ऑफिसर्स पास आउट परेड के दैरान भी लगाते हैं.  

इधर इस विरोध प्रदर्शन के बीच आर्मी चीफ मनोज पांडे का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग इसी साल दिसंबर में शुरू हो जाएगी. जानकारी के मुताबिक अग्निपथ के खिलाफ प्रदर्शन की वजह से अबतक 200 से ज्यादा ट्रेनें बाधित हो चुकी हैं. 35 ट्रेनें कैंसिल हुई हैं. वहीं 13 को कम दूरी पर ही खत्म कर दिया गया है. इन विरोध प्रदर्शनों के बीच विपक्ष के नेता लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. सरकार से इस योजना पर पुनर्विचार करने की मांग की जा रही है.

Advertisement