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'सेना पर कंट्रोल चाहते हैं RSS वाले, अग्निपथ छिपा हुआ एजेंडा', बोले कर्नाटक के पूर्व CM

कुमारस्वामी ने कहा कि अग्निपथ के जरिए देश को हिटलर वाले जर्मनी की तरह बना दिया जाएगा.

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former cm kumaraswamy on agnipath scheme
अग्निपथ पर कर्नाटक के पूर्व सीएम एच डी कुमारस्वामी का बड़ा बयान (फोटो- आजतक)
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ज्योति जोशी
20 जून 2022 (Updated: 20 जून 2022, 01:24 PM IST) कॉमेंट्स
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सरकार की नई स्कीम अग्निपथ (Agnipath Scheme) के खिलाफ युवाओं का विरोध रुक नहीं रहा है. विपक्षी पार्टियां भी सरकार को घेर रही हैं. इस बीच कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व सीएम एच डी कुमारस्वामी (Former CM Kumaraswamy) ने भी इस नई स्कीम पर बयान दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने इस स्कीम की तुलना नाजी आंदोलन से की है. साथ ही इसे सेना को कंट्रोल करने के लिए RSS का छिपा हुआ एजेंडा बताया है.

कुमारस्वामी ने अग्निपथ पर सरकार से सवाल पूछते हुए कहा,

10 लाख अग्निवीरों का चयन कौन करेगा? RSS के नेता उन्हें चुनेंगे या सेना उन्हें चुनेगी? चुने गए 10 लाख अग्निवार RSS की टीम होगी. और बाद में चुने गए 2.5 लाख जिन्हें अग्निपथ में रखा जाएगा, वो आरएसएस के कार्यकर्ता होंगे. बाकी बचे 75 फीसदी 4 साल बाद भारत में फैला दिए जाएंगे. RSS सेना पर नियंत्रण करना चाहता है और ये RSS का छिपा हुआ एजेंडा है.

कुमारस्वामी ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा-

आप भारत में 75% रिटायर्ड फोर्स का इस्तेमाल करेंगे, यह नाजियों की तरह होगा. RSS भारत में नाजी आंदोलन लाने की कोशिश कर रहा है. इसलिए वो अग्निपथ योजना को लाए हैं. भारत में नाजी आंदोलन की शुरुआत अग्निपथ से होगी और अग्निवीरों का इस्तेमाल किया जाएगा.

दरअसल, नाजी आंदोलन जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने शुरु किया था. इसके तहत पूरे जर्मनी को एक पुलिस स्टेट में बदल दिया गया था. हिटलर द्वारा तैनात किए गए लड़ाके पूरे देश में दहशत और आतंक का पर्याय बन गए थे. इन्हीं लड़ाकों के जरिए नाजी जर्मनी में मानव इतिहास का सबसे वीभत्स नरसंहार किया गया था. लाखों यहूदियों को बेरहमी से मार दिया गया था. इन लड़ाकों का प्रयोग हिटलर के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ भी किया जाता था.

अग्निपथ स्कीम के तहत सेना में चार सालों के लिए युवाओं की भर्ती की जाएगी. इन्हें ही ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. चार साल बाद इनमें से सिर्फ 25 फीसदी अग्निनवीरों को स्थाई नौकरी मिलेगी. बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को नौकरी छोड़नी पड़ेगी. छात्र इस योजना का विरोध कर रहे हैं. वहीं सरकार के अलावा इसे सेना में जरूरी सुधारों के लिए लाई गई स्कीम बताया जा रहा है.

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