UP में अग्निपथ का विरोध, फिरोजाबाद में बसों में तोड़फोड़, बलिया में अलग खड़ी ट्रेन जलाई
अग्निपथ के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.

देश भर में अग्निपथ योजना को लेकर खड़ा हुआ बवाल थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. अलग-अलग शहरों में युवाओं के प्रदर्शन तेज हो गए हैं. कई जगहों पर ये प्रदर्शन हिंसक हो चले हैं. उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद और बलिया जिले से ऐसी ही खबरें सामने आई हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिरोजाबाद में सुबह 5 बजे के करीब सेना में भर्ती के इच्छुक युवाओं ने अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर कुछ बसों में तोड़फोड़ की. इसे लेकर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराने की कोशिश की. फिलहाल आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस पर यातायात चालू है.
इसी तरह बलिया से भी लगातार प्रदर्शन की तस्वीरें आ रही हैं. यहां सुबह-सुबह रेलवे स्टेशन पर युवाओं की भीड़ जमा हो गई. इन युवाओं ने अग्निपथ योजना के खिलाफ खूब नारेबाजी की.
इस दौरान छात्रों ने एक खाली पड़ी ट्रेन की बोगियों में आग लगा दी. प्रशासन की तरफ से आग बुझाने और क्षेत्र को खाली कराने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही युवाओं पर पत्थरबाजी कर आस-पास की चीजों को नुकसान पहुंचाने का आरोप है.
इस पूरे घटनाक्रम के बारे में बलिया की डीएम सौम्या अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा,
'सुबह से ही रेलवे स्टेशन पर फोर्स तैनात की गई है. कुछ गुंडे वहां पहुंचे थे, लेकिन उन्हें ज्यादा नुकसान करने से रोक दिया गया. उन्होंने पथराव का भी प्रयास किया. कार्रवाई की जा रही है.'
वहीं जिले के एसपी आरके नैय्यर ने कहा,
क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन?‘बलिया रेलवे स्टेशन पर छात्रों के जमावड़े के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और डीएम ने उनसे बात की और छात्रों को हटाने का प्रयास किया. इसके बाद कुछ छात्रों ने ट्रेन की खिड़की को तोड़ दिया और खाली पड़ी ट्रेन की बोगी में आग लगा दिया. पूरे क्षेत्र में गश्ती की जा रही है.’
अग्निपथ योजना को लेकर मुख्य रूप से दो पहलुओं पर प्रदर्शनकारी युवाओं ने चिंता जताई है. पहली ये कि इसमें स्थाई नौकरी नहीं है. चार साल बाद ही 75 फीसदी लोगों की सर्विस खत्म हो जाएगी. दूसरी ये कि पुरानी भर्ती योजना के तहत सैनिकों को जो जीवन पर्यंत पेंशन और स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिलती थी, वो अब इन 75 फीसदी लोगों पर लागू नहीं होगी.
अग्निपथ योजना के तहत हर साल 45 हजार से 50 हजार सैनिकों की नियुक्ति की जाएगी. लेकिन इसमें से 75 फीसदी लोगों को चार साल बाद ही नौकरी छोड़नी पड़ेगी. बाकी के 25 फीसदी लोगों को अगले 15 सालों तक के लिए स्थाई जॉब मिलेगी. पहले सशस्त्र बलों में चयन होने पर करीब 17 साल की स्थाई नौकरी होती थी.
इस योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल की उम्र वाले युवा अप्लाई कर सकते हैं. हालांकि युवाओं के विरोध प्रदर्शन और इस बात को ध्यान में रखते हुए कि साल 2020 से कोई नियुक्ति नहीं हुई है, सरकार ने साल 2022 के लिए अधिकतम उम्र बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है.