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अफगानिस्तान: काबुल में फिर से धमाका, तीन लोगों की मौत, 13 घायल

पिछले कई महीनों से इस्लामिक स्टेट अफगानिस्तान में आतंकी हमले कर रहा है. इस धमाके की वजह अभी साफ नहीं हुई है.

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Afghanistan Kabul Blast
अभी धमाके की वजह साफ नहीं हुई है. (फोटो साभार: ToLo News)
21 सितंबर 2022 (Updated: 22 सितंबर 2022, 15:45 IST)
Updated: 22 सितंबर 2022 15:45 IST
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अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) में एक धमाके में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है और 13 अन्य लोग घायल हुए हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक तालिबान अधिकारी ने 21 सितंबर को इसकी जानकारी दी. तालिबान द्वारा नियुक्त किए गए काबुल पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता खालिद ज़दरान ने बताया कि शहर के पश्चिमी देहमज़ाग के एक रेस्टोरेंट में ये धमाका हुआ. विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए एक टीम इलाके में पहुंच गई है.

पुलिस ने ये नहीं बताया कि ये विस्फोट कोई दुर्घटना थी या किसी के द्वारा किया गया हमला था. पिछले कुछ महीने में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां अफगान शहर को स्थानीय इस्लामिक स्टेट समूह ने निशाना बनाया है. इधर स्थानीय निवासियों और वर्कर्स ने बताया कि यह रेस्टोरेंट काफी पॉपुलर था, क्योंकि यहां सस्ते में काफी चीजें मिल जाती थीं, जो कि कम आय वालों के बजट में होता था.

अस्पताल ले जाया गया था

विस्फोट में मारे गए लोगों में से एक युवा शामिल था, जो इलाके में एक फोटोग्राफी की दुकान में काम करता था. घटना के कई घंटे बाद 21 सितंबर को उसका अंतिम संस्कार किया गया. धमाके के दौरान वहां मौजूद एक शख्स हामिद ने बताया कि इस घटना में उसके तीन दोस्त मारे गए. हामिद ने बताया, 

‘इस घटना में कई लोग हताहत हुए थे. हमने कई लोगों को एक गाड़ी में डाला, जिसके बाद उन्हें इस्तेकलाल हॉस्पिटल ले जाया गया.’

पीड़ितों में से एक के पिता मोहम्मद मुख्तार ने कहा कि उनका बेटा रेस्टोरेंट में दोपहर का भोजन कर रहा था.

उन्होंने कहा, 

'पांच मिनट बाद हमें सूचना मिली कि विस्फोट में मेरे बेटे की मौत हो गई है. जब मैं अस्पताल गया तो मैंने अपने बेटे का शव देखा. इसके लिए कौन जिम्मेदार है? मैं उसके नुकसान के लिए किसे जिम्मेदार ठहरा सकता हूं?'

आतंकी संगठन ISIS के स्थानीय सहयोगी, जिसे खुरासान प्रांत में इस्लामिक स्टेट के रूप में जाना जाता है, ने पिछले साल अगस्त महीने में तालिबान द्वारा सत्ता काबिज करने के बाद अफगानिस्तान में मस्जिदों और अल्पसंख्यकों पर कई हमले किए हैं. साल 2014 में अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में इस समूह का उदय हुआ और इसे तालिबान शासन के लिए बड़े खतरे के रूप में देखा जा रहा है. वहीं तालिबान भी इस समूह को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.

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