The Lallantop
Advertisement

हिमाचल में अडानी ग्रुप के ठिकानों पर रेड पड़ गई, टैक्स में बड़ी गड़बड़ी का आरोप

हिमाचल के टैक्स विभाग ने रात भर खंगाले अडानी के रिकॉर्ड

Advertisement
himachal pradesh adani group raid news
अडानी सांकेतिक फोटो(फोटो: इंडिया टुडे)
9 फ़रवरी 2023 (Updated: 9 फ़रवरी 2023, 21:10 IST)
Updated: 9 फ़रवरी 2023 21:10 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

अडानी (Adani) के यहां रेड पड़ी है. हिमाचल प्रदेश के स्टेट एक्साइज एंड टेक्सेशन डिपार्टमेंट (State Excise and taxation Department) ने ये कार्रवाई की है. ये रेड अडानी विल्मर ग्रुप (Adani Wilmar Group) के स्टोर्स पर पड़ी है. एक्साइज टीम के अधिकारियों ने स्टॉक का जायजा लिया और दस्तावेजों की जांच-पड़ताल की. लेकिन इस सबके बीच बड़ा सवाल ये कि रेड आखिर पड़ी क्यों? आइए जानते हैं.

एक्साइज की टीम ने क्यों छापा मारा? 

बुधवार 8 फरवरी, को देर रात हिमाचल प्रदेश के परवाणू में एक्साइज विभाग की एक टीम अडानी के स्टोर पर पहुंची. यहां पहुंच कर टीम ने गोदाम में रखे स्टॉक का जायज़ा लिया. इस दौरान गोदाम में पड़े स्टॉक और स्टोर से जुड़े कागजों की चेकिंग की गई. पता किया गया कि हिसाब बराबर है या नहीं.

आज तक से जुड़े सतेंदर चौहान की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल एक्साइज विभाग को पता लगा है कि अडानी विल्मर लिमिटेड ने बीते साल प्रदेश में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार किया. लेकिन, नियम के मुताबिक टैक्स लाइबिलिटी का लगभग 10-15% टैक्स कैश पेमेंट में नहीं किया.

आजतक से जुड़े राजेश शर्मा के मुताबिक आबकारी एवं कराधान विभाग के संयुक्त निदेशक जीडी ठाकुर ने बताया,

‘जांच में पाया गया कि अडानी विल्मर लिमिटेड ने हिमाचल प्रदेश में बीते तीन साल में 110, 106 और 138 करोड़ का कारोबार किया. कंपनी ने जीएसटी का सारा टैक्स इनपुट टैक्स क्रेडिट से एडजस्ट किया है, जबकि टैक्स लाइबिलिटी में कुछ कैश पेमेंट देना पड़ता है, मगर अडानी ने इसे जीरो दर्शाया है. इसी पॉइंट पर विभाग अपनी जांच को आगे बढ़ा रहा है.’

छापे पर अडानी ग्रुप ने क्या कहा?

हिमाचल प्रदेश में हुई छपेमारी की कार्रवाई को लेकर अडानी विल्मर ने गुरुवार को एक बयान जारी किया. एक प्रवक्ता ने कहा,

‘हिमाचल प्रदेश के परवाणू में अडानी विल्मर के एक गोदाम का जीएसटी अधिकारियों ने दौरा किया. हमारे कर्मचारियों ने इस नियमित निरीक्षण के दौरान सरकारी अधिकारियों का पूरा सहयोग किया. जांच के दौरान अधिकारियों को कोई अनियमितता नहीं मिली. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि जीएसटी के नियम 86बी के तहत टैक्स लाइबिलिटी का भुगतान कैश में करने की जरूरत नहीं है.’

हिमाचल में अडानी के आगे और भी मुश्किलें हैं?

हिमाचल प्रदेश में अडानी समूह की 7 कंपनियां एक्टिवली काम कर रही हैं. ये फल सब्जियों के कोल्ड स्टोरेज के अलावा यहां बड़े स्तर पर किराने का सामान भी सप्लाई करवाती हैं. यहां अडानी ग्रुप की दो सीमेंट की फैक्ट्रियां भी हैं.

इन दो कंपनियों को लेकर हिमाचल सरकार और अडानी समूह के बीच काफी समय से तनाव की स्थिति बनी हुई है. दरअसल, अडानी ग्रुप और ट्रक ऑपरेटरों के बीच माल ढुलाई भाड़े को लेकर विवाद चल रहा है, इसके चलते लगभग 2 महीने से अडानी ग्रुप ने हिमाचल प्रदेश में अपने दोनों सीमेंट प्लांट में प्रोडक्शन बंद कर रखा है.

CM सुखविंदर सिंह सुक्खू कह चुके हैं कि अडानी ग्रुप के अड़ियल रवैये के चलते इस विवाद का हल नहीं निकल रहा है. राज्य सरकार अडानी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई के लिए लीगल ओपिनियन भी ले रही है. क्योंकि प्लांट बंद होने से सैकड़ों ट्रांसपोर्टरों की रोजी-रोजी पर संकट आ गया है. राज्य सरकार को भी इससे काफी नुकसान हो रहा है.

हिमाचल प्रदेश सरकार और अडानी ग्रुप के बीच अनबन की एक और बड़ी वजह ये है कि समूह ने कुछ लोगों की जमीन लेकर सीमेंट प्लांट शुरु किए थे. लेकिन, अब इन लोगों ने कंपनी का विरोध करना शुरु कर दिया है. सरकार ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, लेकिन हालात नहीं सुधरे. सतेंदर चौहान की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सरकार जल्द ही इस मामले में अडानी ग्रुप के खिलाफ लीगल एक्शन भी ले सकती है.

वीडियो: मनोज झा संसद में क्या कहानी सुना गए, कश्मीर और अडानी पर बड़ी बात बोल दी!

thumbnail

Advertisement

Advertisement