कॉरपोरेट एम्प्लॉई की अनकही दास्तान है 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान!'
स्लो मोशन में चलने वाला ट्रेलर पूरी कहानी कह जाता है.
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फोटो - thelallantop
Thugs of Hindostan, हिंदी में ठग्स ऑफ हिंदोस्तान. ट्रेलर आ चुका है मितरों. हम अपनी बात शुरू करना चाहते हैं लेकिन ट्रेलर का एक सीन हमको रोक लेता है. पहले देखो फिर आगे बढ़ते हैं.
Thugs Of Hindostan Trailer screengrab
भाईसाब फिल्ममेकर्स ने ये फिल्म भारत के ठगों को समर्पित की है. जिनकी वाट लगाने के लिए मोदी जी ने 2 साल पहले 8 नवंबर को ही नोटबंदी की थी. उस ऐतिहासिक कदम के बाद नीरव मोदी वगैरह की कमर टूट गई. ऐसा दुम दबाकर भागे कि लौटकर मुंह न दिखाया. सबसे बड़े ठग अब हिंदोस्तान से बाहर हैं. ठैंक्स टू मोदी जी. अब बात शुरू करते हैं. मैंने अपने निज नयनों से जब ठग्स ऑफ हिंदोस्तान का ट्रेलर देखा तो एक कॉरपोरेट एम्प्लॉई की जिंदगी का हिस्सा लगी.
इंटरव्यू से शुरू करो. जब वो कहते हैं 'इंगलिश मस्ट है'

आपकी स्ट्रेंथ क्या है?

सैलरी निगोशिएशन के टाइम:

जब बहुतै बेशर्म होकर मुंह खोलना पड़े:

जॉइनिंग लेटर हाथ में आने के बाद:

टारगेट:

अप्रेजल में ठेंगा मिलने के बाद कंपनी को आईना दिखाना और जॉब स्विच के लिए अलग इंटरव्यू देना:

और फाइनली तीन मैजिकल वर्ड्स- रिजाइन क्यों किया?

तो साहिबान यही है कहानी ठग्स ऑफ हिंदोस्तान की. जिसको देसी पाइरेट्स ऑफ द कैरिबियन कहा जा रहा है. फिल्म कैसी होगी इसका नहीं पता लेकिन ट्रेलर मस्त है. मस्ट वॉच है. पूरा ट्रेलर स्लो मोशन में चलता है. इसमें बहुत सारी चीजें अविश्वसनीय हैं. जैसे कि ये आदमी जो कि खुद को जिला कानपुर का बताता है लेकिन कमला पसंद नहीं खाता. यूपी वालों का इतना बड़ा मजाक किसी और फिल्म ने नहीं बनाया.

देखें वीडियो, अजय देवगन की अगली फिल्म के बारे में: