The Lallantop
Advertisement

ISIS आतंकियों को मारना आसान है, बोली 23 साल की एक लड़की

सीरिया में ISIS वालों से लड़कर आई है ये डैनिश लड़की. सुनाई, अपनी और 11 साल की एक प्रेग्नेंट बच्ची की कहानी.

Advertisement
Img The Lallantop
Source : Twitter
27 मई 2016 (Updated: 27 मई 2016, 08:52 IST)
Updated: 27 मई 2016 08:52 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
वो लड़की 23 साल की है. कहती है कि ISIS लड़ाकों को मारना बहुत आसान है. उसी के शब्दों में, 'सीरियाई प्रेसिडेंट बशर-अल-असद के खूंखार सैनिकों को ढेर करने के मुकाबले काफी आसान.'
डेनमार्क की इस लड़की का नाम है जोआना पलानी. आतंकियों से लड़ने के लिए अपना देश छोड़कर सीरिया चली गई थी. एक साल तक वहां कुर्द सेना के साथ ISIS आतंकियों और बशर-अल-असद की फोर्स के खिलाफ लड़ी.
Source : Twitter
Source : Twitter

जोआना अब कोपेनहेगन लौट आई हैं और वहां पॉलिटिक्स और फिलॉसफी की पढ़ाई कर रही हैं. सीरिया लड़ने क्यों गई थीं, पूछने पर कहती हैं, 'सारे लोगों के ह्यूमन राइट्स के लिए.' नवंबर 2014 में घर छोड़कर और सीरिया की कुर्दिश सेना 'पीपल्स प्रोटेक्शन यूनिट' से जुड़ गईं. बाद में उन्होंने कुर्दिश रीजनल सरकार की सेना 'पेशमर्गा' जॉइन कर लीं.
लड़ाई की पहली रात ही उन्होंने अपने दोस्त एक स्वीडिश फाइटर को खो दिया था. उसे एक स्नाइपर ने आंखों के बीच में गोली मारी थी. जोआना ने सीरिया के अपने अनुभव 'डेली मेल' से शेयर किए हैं.
Source : Dailymail
Source : CEN

जोआना का कहना है कि उसने मोसूल के पास के एक गांव से कुछ बच्चों को ISIS आतंकियों के कब्जे से छुड़ाया. जोआना मानती हैं कि कुर्द लोग लोकतंत्र और पश्चिमी मान्यताओं के लिए लड़ रहे हैं और अगर इस लड़ाई के दौरान वह पकड़ी या मारी जातीं तो उन्हें अपने मरने पर गर्व होता.
Source : Twitter
Source : Twitter

जोआना बताती हैं कि शुरुआत में मैंने इन सब को गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन पहले अटैक के बाद समझा कि चीजें बहुत मुश्किल हैं. ISIS आतंकी और बशर-अल-असद की फोर्स क्लोरीन गैस, बैरेल और वैक्यूम बम से  हमलों के लिए जाने जाते हैं. ये अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बैन हैं.
अपने दोनों दुश्मनों को कंपेयर करते हुए जोआना ने कहा कि ISIS लड़ाकों को मारना ज्यादा आसान है, क्योंकि वो अपनी जिंदगी कुर्बान करने में संकोच नहीं करने. पर असद के जवानों के साथ ऐसा नहीं है. उन्हें लोगों को मारने की प्रॉपर ट्रेनिंग दी जाती है.
सीरिया में अपने आखिरी दिनों में जोआना ने कुछ लड़कियों को भी ISIS के चंगुल से बचाया. उनकी 16 साल से कम थी. उनकी हालत इतनी खराब थी कि उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा. वहीं जोअाना को 11 साल की एक प्रेग्नेंट बच्ची से मिली. जोआना के सामने ही उसने दम तोड़ दिया. डॉक्टरों से लेकर जवानों तक, सब उस बच्ची की मौत पर रो रहे थे.
Source : Dailymail
Source : CEN

15 दिन की छुट्टी पर घर आई जोआना का पासपोर्ट पुलिस और डैनिश इंटेलिजेंस सर्विस PET ने जब्त कर लिया. नए फॉरेन फाइटर रूल के तहत जोआना वापस सीरिया नहीं जा सकतीं. लेकिन वह कहती हैं अपनी जिंदगी यूरोप, डेमोक्रेसी, फ्रीडम और औरतों के हक के लिए न्योछावर कर दूंगी. मुझे लगता है कि मुझे उन लोगों से धोखा मिला है जिनके लिए मैं अपनी जिंदगी कुर्बान करने को तैयार थी.

thumbnail

Advertisement

Advertisement