8 अगस्त 2016 (Updated: 8 अगस्त 2016, 08:09 AM IST) कॉमेंट्स
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हरियाणा के फरीदाबाद जिले के चंदावली गांव की चांदी-चांदी हो रखी है. वजह है गांव की सरपंच. अंजू यादव. सिर्फ 22 साल की हैं. अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ से हिंदी में मास्टर्स कर रही हैं. कॉलेज भी जाती हैं और गांव को भी संभालती हैं.
बस 6 महीने पहले ही चंदावली गांव की जिम्मेदारी उसके सर पड़ी है. सोच रहे हो कि स्टूडेंट हैं, पढ़ रही हैं, फिर कैसे सरपंच बन गईं. दरअसल हरियाणा सरकार के नियम के अनुसार 10वीं से कम पढ़े-लिखे लोगों को गांव की कमान नहीं मिल सकती. अंजू तो एमए कर ही रही थीं. चुनाव लड़ गईं. और जीत भी गईं. सबसे पहले पंचायत फंड से पैसे निकाले और गांव में कैमरे लगवाने के लिए जगह तय किया.
गांव के चक्कर लगाकर उन्होंने हर गली-चौराहे, नुक्कड़ पर कैमरे फिट करा दिए. ऐसा करने के पीछे की वजह है सेक्योरिटी. दरअसल हरियाणा सरकार ने गांव से लगा हुआ इंडस्ट्रियल मॉडल टाउन बनाया है. तो लोग उसके लिए बाहर से आ रहे हैं. जिसके चलते गांव में लोग किराए पर रहने के लिए आ रहे हैं. और दिन ब दिन उनकी संख्या में इजाफा ही हो रहा है. सरपंच ने बताया कि गांववालों ने कहा कि ये लोग दिक्कत कर सकते हैं. तो उन्होंने CCTV कैमरे लगवाने शुरू कर दिए.
गांव के लोग अंजू की इस पहल से बहुत खुश हैं. और अपने आप को पहले से ज्यादा सेफ फील करते हैं. गांव का ऐसा कोई कोना नहीं है, जो अंधेरे में हो. अंजू गांव की जिम्मेदारियों के साथ अपनी पढ़ाई भी मैनेज कर रही हैं. और इसमें उनके घरवाले उनकी हेल्प करते हैं.
सीसीटीवी की फुटेज की सारी फीड अंजू के कंट्रोल में है. उन्होंने अपने घर में बड़ी टीवी लगा रखी है. जिससे वो गांव पर नजर रखती हैं. जब वो कॉलेज चली जाती हैं, तो उनका ये काम पेरेंट्स करते हैं. गांव को कैमरे में कैद करने का आइडिया उन्हें शहरों में लगे कैमरे से आया.
एक तरफ अंजू हैं, जिन्होंने 6 महीने पहले चंदावली की जिम्मेदारी ली. सरपंच बनते ही गांव में 72 कैमरे लगवा दिए, ताकि गांव सेफ रहे. और दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. जिन्होंने गला फाड़ के दिल्ली के लोगों से वादा किया था कि वो यहां 15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगवाएंगे. पर सब फुस्स. न तो कैमरे लगे और न ही केजरीवाल फिर इस मसले पर कुछ बोले.