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यूपी में बड़े पेपर सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़, कान के बहुत अंदर घुसा रखा था ब्लूटूथ डिवाइस

इतना अंदर कि STF ने चिमटी के इस्तेमाल से डिवाइस बाहर निकाला.

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cheating in UP Subordinate Selection Commission exam using bluetooth device in ear
यूपी STF ने लखनऊ, कानपुर, बरेली और गोरखपुर से कुल 14 लोगों को पकड़ा है. (फोटो: आजतक)
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सुरभि गुप्ता
27 जून 2023 (Updated: 27 जून 2023, 12:08 AM IST) कॉमेंट्स
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उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग (UP Subordinate Services Selection Commission) की एक परीक्षा में नकल के मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए कैंडिडेट्स में कुछ ने मुन्ना भाई MBBS वाला तरीका अपनाया था, तो कुछ कान के अंदर ब्लूटूथ डिवाइस डाल रखी थी. इतना अंदर कि उस ब्लूटूथ डिवाइस को चिमटी से निकाला गया. यूपी सबऑर्डिनेट सर्विसेज सेलेक्शन कमीशन की ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक 2018 की परीक्षा 26 जून को हुई थी. यूपी STF (स्पेशल टास्क फोर्स) ने इस एग्जाम में नकल के मामले में 14 लोगों को अलग-अलग जिलों से पकड़ा है.

इसकी जानकारी देते हुए यूपी STF ने ट्वीट किया,

"तारीख 26-06-2023 को आयोजित सम्मिलित ग्राम पंचायत अधिकारी (सामान्य चयन) परीक्षा में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर पेपर आउट करने, सॉल्वर बैठाने और अन्य माध्यमों से नकल कराने वाले गिरोह के सदस्यों, साल्वरों एवं अभ्यर्थियों सहित कुल 14 व्यक्तियों को STF द्वारा गिरफ्तार किया गया."

STF टीम ने लखनऊ से 4, कानपुर से 1, बरेली से 7 और गोरखपुर से 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. आजतक के संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में गलत पेपर बांटने और सॉल्वर गैंग के चलते ही ये परीक्षा रद्द की गई थी. 5 साल बाद यूपी के 20 जिलों के 737 सेंटर पर इस एग्जाम को फिर से कराया गया. इस बार भी नकल कराने वाले गिरोह का पता चला है.

यूपी STF ने लखनऊ और बरेली से अलग-अलग गैंग का पर्दाफाश किया है. लखनऊ में पकड़े गए गैंग के मुखिया का नाम कमलेश यादव बताया गया है, जो जौनपुर में बतौर लेखपाल काम करता है. STF ने कमलेश कुमार यादव को लखनऊ से ही गिरफ्तार किया है.

8-12 लाख रुपयों में एग्जाम पास कराने की डील थी

लेखपाल कमलेश यादव ने एग्जाम देने वाले राहुल यादव से 8 लाख रुपये और मनोज यादव से 12 लाख रुपये में एग्जाम पास कराने की बात की थी. एडवांस में दोनों से 50 हजार रुपये लिए थे और एक ब्लूटूथ डिवाइस दी थी, जिसे दोनों परीक्षार्थियों ने अपने कान में लगाया था और दूसरी तरफ से सॉल्वर कनेक्ट था. परीक्षार्थी बोलकर सवाल पढ़ते और दूसरी ओर से सॉल्वर उसका जवाब बताते.

रिपोर्ट के मुताबिक इसी तरह कानपुर के नौबस्ता इलाके से सत्यम तिवारी को गिरफ्तार किया गया है. एग्जाम हॉल से गिरफ्तार सत्यम तिवारी ने भी कान के अंदर ब्लूटूथ डिवाइस लगाई थी. इसे STF ने चिमटी से बाहर निकाला. 

 cheating in UP Subordinate Selection Commission exam
(फोटो: आजतक)

STF ने पूछताछ की तो पता चला ब्लूटूथ डिवाइस सत्यम तिवारी को दूसरे कैंडिडेट प्रह्लाद पाल ने दी थी. एग्जाम पास करने पर 8 लाख रुपये देने थे. ब्लूटूथ डिवाइस की दूसरी तरफ प्रह्लाद पाल खुद था जो पास के ही एक लॉज में रुक कर सत्यम को सवालों के जवाब  बता रहा था. सत्यम की गिरफ्तारी के बाद प्रह्लाद पाल लॉज से फरार हो गया.

बिहार से बुलाए गए सॉल्वर्स को एग्जाम में बैठाया

STF ने बरेली के हाफिजगंज थाना क्षेत्र से नकल करा रहे गिरोह के मुखिया नाजिम, 2 सॉल्वर, 2 कैंडिडेट, 1 हेल्पर और इस गैंग के लिए काम करने वाले ड्राइवर को भी गिरफ्तार किया है. पूछताछ में नाजिम ने बताया कि 2018 में हुई इसी पद की परीक्षा में वह बिहार से सॉल्वर लाया था और फोटो मिक्सिंग के जरिए परीक्षार्थियों की जगह सॉल्वर बैठे थे. इस बार भी परीक्षा में बिहार से बुलाए गए सॉल्वर्स को एग्जाम में बैठाया था, जिन्‍हें UP STF ने गिरफ्तार किया है.

गोरखपुर से STF ने एक कैंडिडेट दीपांशु वर्मा और उसके साथी को गिरफ्तार किया है. दीपांशु वर्मा ने 2018 में ग्राम विकास अधिकारी के लिए परीक्षा दी थी. इस बार खुद सॉल्वर बनकर एग्जाम दे रहा था.

वीडियो: यूपी बोर्ड में नकल करने वालों पर NSA लगेगा, सरकार ने पूरा प्लान बताया!

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