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आधार कार्ड में 'मधु का पांचवां बच्चा' जैसी गलती हो जाए तो उसे सुधारा कैसे जाता है?

यूपी के बदायूं का मामला हर तरफ चर्चा में है.

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वायरल होता आधार कार्ड (फोटो- ट्विटर)
4 अप्रैल 2022 (Updated: 4 अप्रैल 2022, 14:14 IST)
Updated: 4 अप्रैल 2022 14:14 IST
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वोटर आईडी कार्ड पर गधे की तस्वीर, किसी योजना लाभार्थी के खाते में अचानक 15 लाख रुपये, आधार कार्ड धारक के नाम के साथ खेल, कहना ये चाह रहे कि सरकारी काम में कुछ भी गलती हो सकती है. ऐसी ही एक गलती 'मधु का पांचवां बच्चा' सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा बन गई है. दरअसल एक बच्चे के आधार कार्ड की तस्वीर वायरल हुई है. इसमें नाम के सामने बच्चे का नाम नहीं है, बल्कि एक पूरा वाक्य लिखा हुआ है- मधु का पांचवां बच्चा. नाम के ठीक नीचे अंग्रेजी में छपा है 'Baby Five of Madhu'. क्या है पूरा मामला? इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक वाकया उत्तर प्रदेश के बदायूं का है. यहां के बिल्सी तहसील क्षेत्र का एक गांव है रायपुर. इसके एक निवासी दिनेश अपनी बच्ची आरती का एडमिशन कराने प्राइमरी स्कूल पहुंचे थे. लेकिन स्कूल में शिक्षिका ने बच्ची का एडमिशन करने से इंकार कर दिया. वजह बताई आधार कार्ड, जिसमें बच्ची के नाम की जगह पर 'मधु का पांचवां बच्चा' लिखा हुआ था. शिक्षिका ने आरती के पिता दिनेश को सलाह दी कि वो आधार कार्ड की ये डिटेल ठीक कराएं उसके बाद ही एडमिशन हो पाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक दिनेश के 5 बच्चे हैं. उनके तीन बच्चे गांव के ही प्राइमरी स्कूल में पढ़ते हैं. हालांकि आरती उनकी पांचवीं नहीं चौथी संतान है. वो उसका एडमिशन कराने स्कूल पहुंचे तो ये भी पता चला कि कार्ड पर आधार नंबर भी नहीं है. ये साफ नहीं है कि बच्ची के आधार कार्ड पर 'पांचवां बच्चा' वाली जानकारी कैसे छप गई. बदायूं जिला अधिकारी का इसे लेकर बयान आया है, लेकिन उससे पहले कुछ सोशल मीडिया रिएक्शन्स देख लीजिए.

कैसे बनता है बच्चों का आधार?

इस वाकये से एक सवाल उठता है कि किसी बच्चे का आधार कार्ड कैसे बनता है, उसकी क्या प्रक्रिया होती है और अगर उसमें कुछ बदलाव करवाना हो तो उसके लिए क्या ज़रूरी डॉक्यूमेंट इस्तेमाल होते हैं. इन सब बातों को जानने के लिए हमने बात की ऋषभ साहू से जो आधार कार्ड बनाने का काम करते हैं. उन्होंने हमें बताया,
"किसी भी बच्चे का आधार कार्ड बनाने के लिए सबसे अहम डॉक्यूमेंट होता है उसका जन्म प्रमाणपत्र. और उसके साथ में मां बाप का आधार कार्ड. ये दोनों डॉक्यूमेंट्स लगने के बाद ही उस बच्चे का आधार कार्ड बनाया जाता है. वहीं उसमें सुधार करने की बात आए तो उसके लिए एक करेक्शन फॉर्म होता है, जिसमें अलग-अलग कैटेगरी दी हुई होती है. आपको जिस तरह का सुधार आधार कार्ड में चाहिए वो उस करेक्शन फॉर्म में भरना होता है. उस फॉर्म में आपके लोकल पार्षद/सरपंच का साइन भी करवाना होता है. उसके बाद ये फॉर्म आधार सेंटर में सबमिट किया जाता है जिसके बाद ही उसे आगे सुधार के लिए भेजा जाता है."
सिद्धांत वैष्णव भी आधार कार्ड बनाने का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि आधार कार्ड में चूक की गुंजाइश अब बहुत कम हो गई है. सिद्धांत के मुताबिक अगर किसी के नाम ही की जगह ऐसा लिखा आ रहा है तो ये बड़ी बात है. वहीं बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने भी इस बात को स्वीकार किया है. हालांकि उन्होंने कहा है कि आधार कार्ड बैंक और डाक घर में बनाए जा रहे हैं और ये मामला उनके संज्ञान में नहीं है. लेकिन दीपा रंजन ने माना कि अगर ऐसा हुआ है तो ये घोर लापरवाही है. उन्होंने कहा कि बैंक और डाकघर के अधिकारियों को सतर्क किया जाएगा और इस तरह की लापरवाही करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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