फरवरी 1945 में. फिरोज और इंदिरा का बड़ा बेटा राजीव अब तक छह महीने का हो गया था.मगर उसके नाना जवाहर लाल नेहरू ने नाती की शक्ल नहीं देखी थी. क्योंकि नेहरू भारतछोड़ो आंदोलन के चलते जेल में बंद थे. खतों में बात हुई थी. उसी क्रम में तस्वीर भीदेखी थी. फिरोज ने नाना को नाती दिखाने की एक जुगत निकाली. उन्हें पता चला कि नेहरूको एक जेल से दूसरी जेल शिफ्ट किया जा रहा है. इस दौरान एक रात उन्हें इलाहाबाद केपास की नैनी जेल में भी रखा जाएगा. सहायकों संग फिरोज और इंदिरा पहुंच गए नैनी केगेट पर.