बात 1984 की है. उसी 84 की जिस साल इंदिरा गांधी का कत्ल हुआ. राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने. और अमेठी को एक तोहफा मिला. एचएएल का. वही एचएएल जो इस वक्त लोन लेकर अपने कर्मचारियों को सैलरी दे रही है. अमेठी के कोरवा इलाके में एचएएल की बिल्डिंग बननी शुरू हुई.एक जवान लड़का काम ढूंढ रहा था. पता चला एचएएल की बिल्डिंग में पुताई का काम होना है. तो वहीं लग गया. पुताई करने लगा. कुछ साल ब्रश चलाने के बाद दूसरों से ब्रश चलवाने लगा. पुताई के ठेके उठाने शुरू कर दिए. वो राजीव गांधी का दौर था. अमेठी में काफी बिल्डिंगें बन रही थीं. पैसा आया तो चसका लगा नेतागिरी का. आगे का किस्सा देखिए वीडियो में.