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हज़ारों देसी-विदेशी कंपनियों को छोड़कर, भारतीय इन्वेस्टर इस कंपनी के पीछे क्यूं पड़े हैं?

मज़े की बात ये है कि जो कंपनी भारत में बिज़नेस भी नहीं करती, उसमें सिर्फ़ इन्वेस्ट करने के लिए लोग अकाउंट खोल रहे हैं.

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टेसल के मालिक एलन मस्क (तस्वीर: PTI)
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11 दिसंबर 2020 (Updated: 15 दिसंबर 2020, 06:54 AM IST) कॉमेंट्स
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टेस्ला. एक अमेरिकी कंपनी. जिसका भारत में कोई बिज़नेस फ़ुटप्रिंट नहीं है लेकिन फिर भी भारतीय इसमें ख़ूब इन्वेस्ट कर रहे हैं. क्यूं और कितना, आइए पूरी ख़बर जानते हैं.
# अमेरिकन ड्रीम-
कोविड 19 के चलते भारत ही नहीं दुनियाभर की आर्थिक हालत पस्त हो गई थी. और आर्थिक स्थितियों के ख़राब होते ही दुनिया भर के शेयर मार्केट गिरावट के नए-नए रिकॉर्ड बनाने लगे. लेकिन फिर मार्च ख़त्म होते-होते आया रिकवरी का दौर. ऐसा, कि भारत का शेयर मार्केट न केवल उस खाई को पाट गया जो लॉकडाउन ने बनाई थी, बल्कि उसके बाद प्रॉफ़िट का पहाड़ भी बनाने लगा. और अब तो रोज़-रोज़ अपने पिछले हाई के रिकॉर्ड को तोड़ रहा है.
दुनिया भर के शेयर मार्केट का यही हाल था. कोविड तो अपनी जगह बना रहा, और उससे जुड़ी आर्थिक दिक़्क़तें भी. लेकिन, दुनियाभर के शेयर बाज़ार उबरते चले गए. इनमें से एक मार्केट था, जिसने सबसे तेज़ रिकवरी दिखाई. अमेरिकी शेयर मार्केट. जो V शेप रिकवरी का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया. (V शेप रिकवरी मतलब, जितनी तेज़ी से गिरा, उतनी ही तेज़ी से फिर चढ़ गया. यूं ग्राफ़ में एक V बन जाएगा.)
और इसी के तेज़ी के चलते आम भारतीयों को भी अमेरिकी शेयर मार्केट लुभाने लगा. ऐमज़ॉन, ऐपल, फ़ेसबुक और माइक्रोसॉफ़्ट जैसी टेक और IT कंपनियां तो भारतीय इंवेस्टर्स की हमेशा से फ़ेवरेट रही हैं. लेकिन अबकी बार भारतीय इंवेस्टर्स इन कंपनियों से ज़्यादा एलन मस्क की कंपनी ‘टेस्ला’ में निवेश करने लगीं. अपनी इलेक्ट्रॉनिक कारों के लिए विश्व विख्यात 'टेस्ला' में.
टेस्ला की भविषयोन्मुखी कार (तस्वीर: PTI) टेस्ला की भविषयोन्मुखी कार (तस्वीर: PTI)


रॉयटर्स के अनुसार
, भारतीय ब्रोकरेज ‘वेस्टेड फाइनेंस’ (जो भारत के रिटेल इंवेस्टर्स का पैसा विदेश में भी निवेश करती है) के खाते में इस वक़्त हिंदुस्तानियों के ख़रीदे टेस्ला के 25 लाख डॉलर मूल्य के शेयर्स पड़े हैं. यानी क़रीब साढ़े अट्ठारह करोड़ रुपये के शेयर्स. ये फ़िगर्स नवंबर की हैं. जबकि मार्च में ये मात्र 76,000 डॉलर यानी 56 लाख रुपए के क़रीब था. एक दूसरी कंपनी स्टॉकल में टेस्ला की होल्डिंग्स इस अवधि के दौरान चार गुनी होकर 1 करोड़ डॉलर यानी क़रीब 73 करोड़ रुपए मूल की हो गई.
ये तो फ़िगर्स की बात थी. अब आपको आप बीती, मित्र बीती बताता हूं. मेरे एक सहकर्मी हैं. साइंसकारी में आते हैं. आयुष. एक दिन मेरे पास आए और बोले,
मुझे टेस्ला के शेयर्स ख़रीदने हैं. कैसे ख़रीदूं?
ये बात इंट्रेस्टिंग इसलिए है कि आयुष को शेयर मार्केट में कोई रुचि नहीं है. लेकिन फिर भी दुनिया की हज़ारों कंपनियों में से एक अकेली कंपनी के शेयर्स हैं, जिसको ख़रीदने के लिए वो मरे जा रहे हैं.
और आयुष की इस बात की पुष्टि फिर से रॉयटर्स की रिपोर्ट करती है. जिसके अनुसार कितने भारतीय इंवेस्टर्स तो ऐसे हैं, जिन्होंने केवल टेस्ला में इन्वेस्ट करने के लिए अपने अकाउंट उन ब्रोकरेज फ़र्म के साथ खोले हैं जो अमेरिकी शेयर मार्केट या वहां के स्टॉक इंडेक्सेज़, डाउ जोंस, S&P 500 वग़ैरह में इन्वेस्ट करते हैं. (स्टॉक इंडेक्सेज़, एक से अधिक शेयर्स का ग्रुप होता है.)
# क्यूं कर रहे हैं भारतीय टेस्ला में इन्वेस्ट-
वेस्टेड के सीईओ विरम शाह के अनुसार-
हमने कभी नहीं सोचा था कि एक ऐसी कंपनी जो भारत में मौजूद भी नहीं है, वह भारतीय इंवेस्टर्स के बीच सबसे लोकप्रिय होगी.
वैसे भारतीय ही नहीं सभी इस कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने में लगे हुए हैं. टेस्ला के शेयर की क़ीमत इस साल की शुरुआत में 86 डॉलर के क़रीब थी. और ख़बर लिखे जाने तक ये हो गई है, 613 डॉलर. मतलब साल पूरा भी नहीं बीता और इसने साढ़े छः गुना से ज़्यादा का रिटर्न दे डाला है. और शेयर की क़ीमत बढ़ी इसके शेयर्स की मांग में बढ़त के चलते. FD या किसी और इन्वेस्टमेंट के रिटर्न से इसकी तुलना कीजिए ज़रा.
टेस्ला के शेयर्स की क़ीमत दिन दुगनी रात चौगुनी गति से बढ़ रही है. (स्क्रीनग्रैब: गूगल फ़ाइनेंस) टेस्ला के शेयर्स की क़ीमत दिन दुगनी रात चौगुनी गति से बढ़ रही है. (स्क्रीनग्रैब: गूगल फ़ाइनेंस)


तो फिर भारतीय न होते हुए, यहां पर ऑपरेट न करते हुए भी ये कंपनी, भारत में लोकप्रिय क्यूं है? कई कारणों के चलते-
# टेस्ला के मालिक एलन मस्क खबरों में बने रहते हैं. ट्विटर में बने रहते हैं. पिछले साल तक टॉप 20 में भी नहीं आते थे, इस महीने दुनिया के दूसरे सबसे अमीर इंसान बन गए हैं. कंपनी और उसके मालिक के अमीर बनने से दोनों फ़ेमस हो रहे हैं. और दोनों के फ़ेमस होने से दोनों अमीर बन रहे हैं. एक ‘सु-चक्र’ बन रहा है. और पैसा ही पैसा जनरेट हो रहा है.
# इस सबके मूल में है कंपनी और उसकी परफ़ॉरमेंस. परफ़ॉरमेंस से भी ज़्यादा उसका भविष्य. बल्कि ये कहा जा सकता है कि टेस्ला दुनिया की कुछ गिनी चुनी कंपनियों में से एक है जो दुनिया का भविष्य बना रही है. इलेक्ट्रिकल कारों से लेकर, ग्रीन एनर्जी से लेकर लोगों को स्पेस में सैर कराने वाला भविष्य. हालांकि ‘स्पेस में सैर’ टेस्ला की दूसरी कंपनी, स्पेस-एक्स करवाएगी लेकिन है तो सिस्टर कंपनी ही.
# एलन मस्क ने एक बार प्रॉमिस किया था कि 2020 तक भारत में आ जाएंगी टेस्ला की इलेक्ट्रॉनिक कारें लेकिन अब उन्होंने कहा है कि सच्ची वाला प्रॉमिस, अगले साल पक्का. ऐसा उन्होंने अक्टूबर में ट्वीट करके बताया. और भारत में है बहुत बड़ा यूज़र या बायर बेस. जनसंख्या जो इतनी है. तो आज नहीं तो कल कंपनी भारत में भी आएगी. # एक भारतीय, गौरव झुनझुनवाला एलन मस्क की बायोग्राफ़ी पढ़ने के बाद मस्क के इतने बड़े प्रशंसक बन गए कि भारत में लॉन्च होने पर टेस्ला की मॉडल 3 इलेक्ट्रिक सेडान पाने के लिए 1,000 डॉलर का प्री बुकिंग अमाउंट का भी भुगतान कर दिए. दूर के ढोल सुहाने भी तो होते हैं. जो मिला नहीं, या जिसका मिलना मुश्किल होता है हर कोई उसके पीछे भागता है. हर भारतीय के लिए टेस्ला ऐसा ही ऊंचाई में लटका फल है. यूं जब गौरव झुनझुनवाला का गाड़ी का इंतजार लंबा हो गया, तो उन्होंने टेस्ला के शेयरों में निवेश करना शुरू कर दिया. थोड़ा-बहुत नहीं 100,000 डॉलर यानी क़रीब 73 लाख रुपए. हो सकता है वो टेस्ला के शेयर्स से ही कमाकर टेस्ला की गाड़ी ख़रीदने का प्लान बना रहे हों.

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