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कौन है कानपुर हिंसा का 'मास्टमाइंड' जफर, जिसकी मां-बहन ने डीएम के सामने खुद को आग लगा ली थी?

जफर का नाम कानपुर में CAA-NRC को लेकर मचे हंगामे में भी सामने आया था.

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Kanpur
जफर हाशमी को कानपुर हिंसा का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है.
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सौरभ
6 जून 2022 (Updated: 7 जून 2022, 12:24 PM IST) कॉमेंट्स
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राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मौजूदगी के बीच कानपुर में बवाल हुए तीन दिन बीत चुके हैं. आरोपियों की धरपकड़ जारी है. सोमवार 6 जून को कानपुर पुलिस ने 40 आरोपियों का एक पोस्टर भी जारी किया. लेकिन इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा एक नाम की है. हयात जफर हाशमी. इस शख्स को पूरे बवाल का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. तो कौन है हयात जफर हाशमी? क्या है इसकी हिस्ट्री? क्यों इसे पुराना कुख्यात बताया जा रहा है? हमने इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की है.

मां और बहन को आत्महत्या के लिए उकसाया?

कानपुर के रहने वाले जफर का नाम अखबारों में सबसे पहले साल 2012 में छपा. जफर के परिवार का प्रॉपर्टी विवाद चल रहा था. इसके परिवार के लोग जिला प्रशासन के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे. डीएम का दफ्तर था. कानपुर के तब के डीएम सामने खड़े थे. जफर की मां और बहन ने खुद को आग के हवाले कर दिया. आज बुझाने की कोशिशें हुई. उन्हें बचाने की कोशिशें हुई. तुरंत अस्पताल ले जाया गया. लेकिन दोनों की मौत हो गई. इस पूरी घटना के लिए आरोप लगे जफर हयात हाशमी पर. कहा गया कि जफर ने ही मां और बहन को आत्महत्या करने के लिए उकसाया था. इस मामले में जफर पर केस भी दर्ज हुआ.

जफर ने 2007 में मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैन्स असोसिएशन बनाया. उसने कहा कि इस संस्था के जरिए वो लोगों की सामाजिक समस्याओं को उठाएगा. लेकिन बताया जाता है कि इसके काम वैसे थे नहीं जैसे ये दावे करता रहा है.

CAA-NRC प्रोटेस्ट में भी नाम आया था

दिल्ली के शाहीन बाग में CAA के विरोध में कई दिन तक प्रदर्शन चला. प्रदर्शन की आंच कानपुर तक भी पहुंची. यहां भी CAA के विरोध में जमकर बवाल हुआ. हिंसा की खबरें आईं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एक पुलिस चौकी को भारी नुकसान पहुंचा. कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए. इस बीच जफर का नाम भी सामने आया. जफर पर प्रदर्शन के दौरान लोगों को उकसाने के आरोप लगे. पुलिस ने जफर पर केस भी दर्ज किया था. हालांकि जफर हाशमी की पत्नी दावा करती है कि CAA-NRC प्रदर्शन के दौरान जो FIR हुई थी वो गलत थी और बाद में ये साबित भी हो गया कि जफर का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.

कानपुर हिंसा में कैसे आया नाम?

हाल में एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद को लेकर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई. इसके बाद 3 जून को हयात जफर हाशमी ने प्रदर्शन का ऐलान किया. इसमें उसने दुकानें बंद कराने की बात की. खबरों के मुताबिक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने जफर से इस प्रदर्शन को रोकने को कहा. उसने प्रदर्शन रद्द कर दिया. ऐसा माना गया कि प्रदर्शन अब नहीं होगा. लेकिन पिछले कई दिनों से जफर लगातार लोगों से जुलूस में शामिल होने को कह रहा था. लोग तय समय के मुताबिक इकट्ठा हुए. और बवाल हो गया. आरोप है कि जफर ने प्रदर्शन रद्द तो कर दिया. लेकिन उसके बाद भी लोगों को उकसाता रहा. 

6 जून को आई एक खबर के मुताबिक जफर पर आरोप लगे हैं कि वो वॉट्सएप ग्रुप्स पर बाजार बंद करवाने का मैसेज फॉरवर्ड कर रहा था. वो लगातार ग्रुप मेंबर्स को बता रहा था कि कहां-कहां बाजार बंद हो रहे हैं. मुस्लिम समुदाय को अलर्ट कर रहा था कि वो दुकान बंद कर लें और सावधान हो जाएं. आजतक से जुड़े रंजय सिंह बताते हैं कि दंगों के बाद जफर कानपुर से लखनऊ चला गया. इसके बाद जफर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

कानपुर पुलिस के ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने दी लल्लनटॉप से बात करते हुए बताया कि जफर पर अब तक कुल 9 मामले दर्ज हुए हैं. सभी की जांच की जा रही है. उसकी क्राइम हिस्ट्री खंगाली जा रही है. इसके अलावा जफर के किन जगहों से कनेक्शन हैं, इसकी जांच भी की जा रही है.

वीडियो: कानपुर हिंसा को लेकर पुलिस कमिश्नर ने क्या नई बात बताई?

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