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यह NFT कौन सा आर्ट है जिससे बना 10 सेकेंड का वीडियो 48 करोड़ रुपये में बिक गया?

इसे तो भविष्यजीवी आर्ट बताया जा रहा है.

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नॉन फंजीबल टोकन डिजिटल दुनिया की मोनालीसा बनने की ताकत रखते हैं. अब देखना यह है कि कौन सा डिजिटल आर्ट पीस इस मुकाम पर पहुंचता है.
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अमित
3 मार्च 2021 (Updated: 3 मार्च 2021, 02:32 PM IST) कॉमेंट्स
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दुनिया बदल रही है. तकनीक की दुनिया तो और भी तेजी से बदल रही है. अभी आप बिटकॉइन को ढंग से समझ नहीं पाए कि दूसरा शिगूफा आपका सिर चकराने के लिए तैयार है. एक 10 सेकेंड की क्लिप को 6.6 मिलियन डॉलर यानी तकरीबन 48 करोड़ रुपये में खरीदा गया है. आपको लगेगा कि होगा कोई खुफिया टाइप का वीडियो, इसलिए इतना महंगा बिका होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. इसे तो भविष्यजीवी आर्ट बताया जा रहा है. इस आर्ट फॉर्म को नॉन फंजीबल टोकन यानी NFT कहा गया है. इसे बस ऐसा समझिए जैसे डिजिटल आर्ट वर्ल्ड की मोनालिसा हो. क्या है यह खुराफात... मतलब तकनीकी कलाकारी जो इतनी महंगी बिक रही है? इसके पीछे लोग इतने दीवाने क्यों हुए जा रहे हैं? आइए बताते हैं. किस बला का नाम है NFT? जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि इसका फुल फॉर्म नॉन फंजीबल टोकन है. लेकिन इस नाम से यह पता नहीं लगाया जा सकता कि आखिर यह बला क्या है. असल में भले ही इसका नाम बहुत तकनीकी है, लेकिन यह कॉन्सेप्ट काफी आसान है. कोई ऐसा तकनीकी आर्ट (जैसे gif, graphic art) जिसके बारे में यह दावा किया जा सके कि वह यूनिक है और यह स्थापित किया जा सके कि उसकी ओनरशिप किसी खास शख्स के पास है तो उसे नॉन फंजीबल टोकन कहा जाएगा.
अब भी नहीं समझ आया. चलिए दूसरे ढंग से समझते हैं. मोनालिसा नाम की एक पेंटिंग है. वह पेरिस के एक म्यूजियम में रखी है. लियोनार्दो दा विंची के हाथ का यह आर्ट पीस दुनियाभर में एक ही है. यह बात पूरी तरह से स्थापित है. आर्ट की दुनिया में इस बात की तस्दीक आसानी से की जा सकती है. अब तो पूरी दुनिया इस बात को मानती है. तो जैसे मोनालिसा को आर्ट की दुनिया में स्थापित किया गया है, वैसे ही अगर किसी डिजिटल आर्ट के नमूने को तकनीक की दुनिया में स्थापित किया जा सके तो उसे NFT या नॉन फंजीबल टोकन कहा जाएगा. ऐसा ही एक नॉन फंजीबल टोकन कुछ दिन पहले करीब 48 करोड़ रुपये में बिका है. आइए इसके बारे में जानते हैं.
Nft
इस नॉन फंजीबल टोकन को मशहूर आर्ट कलेक्शन और ऑक्शन कंपनी क्रिस्टी ने अपने आधिकारिक आर्ट कलेक्शन में शामिल किया है.
सबसे महंगा NFT आपको भले ही हाल-फिलहाल में नॉन फंजीबल टोकन के बारे में पता चला हो. लेकिन इसके मुरीद दुनिया में पहले से मौजूद हैं. ये लोग इस तरह का डिजिटल आर्ट खरीदते हैं और इसे आगे बेचते रहते हैं. ऐसे ही एक आर्ट के कद्रदान हैं पाब्लो रॉड्रिगेज फ्रेल. अमेरिका के मियामी शहर में रहते हैं. महज 10 सेकेंड के जिस वीडियो को वह मुफ्त में कहीं भी देख सकते थे, उसे उन्होंने अक्टूबर 2020 में 67 हजार डॉलर यानी करीब 5 करोड़ रुपये में खरीदा.
इस 10 सेकेंड के वीडियो को मीपल नाम के एक आर्टिस्ट ने बनाया था. मीपल इस आर्टिस्ट का डिजिटल नाम है. जैसे कई लोग 'एंजल प्रिया' या कुछ और नाम रख लेते हैं. वैसे आर्टिस्ट का असली नाम है माइक विंकलमैन. उन्होंने ही अपनी वीडियो क्लिप पाब्लो फ्रेल को पिछले साल 5 करोड़ रुपये में बेची थी. अब फ्रेल ने उसे पिछले हफ्ते 48 करोड़ रुपये में बेचा है. एक साल से भी कम वक्त में इस नॉन फंजीबल टोकन की कीमत कई गुना बढ़ गई. ये रिटर्न न तो किसी बैंक में मिलता है और न ही शेयर मार्केट में. यही वजह है कि अब डिजिटल दुनिया में एनएफटी के दीवाने बढ़ते जा रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा लोग इस तरह के डिजिटल आइटम खरीद रहे हैं. इस आस में कि पता नहीं कब किसी के हाथ वो मोनालिसा लग जाए.
Highest Prices Nft
यह उस नॉन फंजीबल टोकल की एक तस्वीर है जो सबसे महंगी (48 करोड़ रुपए) बिकी है.
क्या कोई भी बना NFT सकता है? अगर आपका डिजिटल आर्ट फॉर्म पर हाथ साफ है तो. इसे बनाने के लिए आपका आर्टिस्ट होना जरूरी है. साथ ही डिजिटल दुनिया की कुछ जानकारी भी लेनी होगी. इस दुनिया में एंट्री करने के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आप अपनी NFT को एक ऐसे प्लेटफॉर्म पर रख सकें जहां इसके कद्रदान आते हों. इस तरह के कुछ प्लेटफॉर्म रेरिबल
, ओपेन सी
, फाउंडेशन
 और सोरारे
 हैं. इनमें से रेरिबल इस्तेमाल करने के लिहाज से सबसे आसान बताया जाता है.
अब ये प्लेटफॉर्म खास चीज के लिए हैं तो इसके कुछ खास तौर-तरीके भी होंगे. जैसे इस पर खरीद-फरोख्त रुपये में नहीं बल्कि क्रिप्टोकरेंसी में होती है. क्रिप्टोकरेंसी
मतलब वही बिटकॉइन आदि. ऐसी ही एक करेंसी है इथेरनम. आपको पहले इथेरनम का अकाउंट बनाना होगा और उसे इन प्लेफॉर्म पर अटैच करना होगा. इसके बाद बस अपने डिजिटल आर्ट पीस को अपलोड करना है और बड़े कद्रदान का इंतजार करना है. इन NFT पर नजर डालिए आप कहेंगे कि इतना ज्ञान दे दिया लेकिन कोई ढंग की एनएफटी तो बताई नहीं देखने लायक. तो लीजिए पेश हैं.
#डिजिटल फ्लावर
- इसकी कीमत है 20 हजार डॉलर या तकरीबन 14 लाख रुपए
#अनाम लूपिंग वीडियो
- कीमत 26 हजार 128 डॉलर या तकरीबन 19 लाख रुपए
#ए सॉक
(एक जोड़ी मोजे) - कीमत 60 हजार डॉलर या तकरीबन 40 करोड़ रुपए
इतना ही नहीं किसी खिलाड़ी के 10 सेकेंड खेलते हुए की क्लिप भी खरीदने के लिए मार्केट में नॉन फंजीबल टोकन के तौर पर उपलब्ध है. एनबीए
 ने तो बाकायदा बेचना भी शुरू कर दिया है. अब इंतजार करिए कि जब आपको सचिन तेंदुलकर के किसी शॉट का नॉन फंजीबल टोकन खरीदने का मौका मिले और आप उसे झपट कर खरीद पाएं.

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