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क्या है 100 लाख करोड़ की गति शक्ति योजना, जिसे PM मोदी ने लॉन्च किया है?

योजना को लेकर पीएम मोदी ने बड़े-बड़े दावे कर दिए हैं.

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गति शक्ति योजना की लॉन्चिंग के मौके पर भाषण देते पीएम मोदी. (स्क्रीनशॉट पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल से साभार् है.)
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अभिषेक त्रिपाठी
13 अक्तूबर 2021 (Updated: 13 अक्तूबर 2021, 11:28 AM IST) कॉमेंट्स
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी गति शक्ति योजना को लॉन्च कर दिया है. पूरा नाम है- पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान. बताया गया है कि इस योजना का मकसद केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों के तहत चल रही परियोजनाओं की निगरानी करना है ताकि उन्हें बेहतर ढंग से लागू करते हुए तेजी से पूरा किया जा सके. बुधवार 13 अक्टूबर को इस योजना की शुरुआत करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा,
'आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हम अगले 25 वर्षों के भारत की बुनियाद रच रहे हैं. पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान भारत के इसी आत्मबल को, आत्मविश्वास को आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जाने वाला है. ये नेशनल मास्टर प्लान 21वीं सदी के भारत को गति शक्ति देगा.
अगली पीढ़ी के इन्फ्रास्ट्रक्चर और मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को इस प्लान से गति शक्ति मिलेगी. इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी सरकारी नीतियों में प्लानिंग से लेकर एग्जिक्यूशन तक को ये प्लान गति शक्ति देगा. सरकार के प्रोजेक्ट्स तय समयसीमा में पूरे हों इसके लिए ये गति शक्ति नेशनल प्लान सही जानकारी और सटीक मार्गदर्शन करेगा.'
प्रधानमंत्री ने इस मास्टर प्लान को लाने की वजहों पर भी चर्चा की. कहा कि बीते दशकों में जिस तरह सरकारी काम हुए, उससे एक नेगेटिव परसेप्शन पैदा हुआ है. वे बोले,
'लोग दूसरे देशों में विकास देखकर निराश हैं. प्रगति की इच्छा और प्रगति की प्राथमिकता आज का नया मंत्र है. देश 'चलता है' वाले कल्चर से ऊब चुका है जिससे कुछ भी बदलने नहीं वाला. हमने 'वर्क इन प्रोग्रेस' के कॉन्सेप्ट को ही बदल दिया. अब ये टर्म काम नहीं करने का प्रतीक बन कर रह गया है.'
भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि सरकारी काम का मतलब ये मान लिया गया है कि काम में देरी होगी, जनता के पैसे का अपमान होगा और काम की गुणवत्ता भी खराब होगी. उन्होंने आगे कहा,
'गति शक्ति ये सुनिश्चित करेगी कि इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते समय और पैसे की बर्बादी ना हो. ये सभी विभागों को आपस में जोड़ेगी ताकि जानकारी समय पर एक्सचेंज की जा सके.'
Mega Gatishakti Master Plan
गति शक्ति योजना की समीक्षा करते पीएम मोदी. (तस्वीर- पीटीआई)
क्या है गति शक्ति? पीएम का भाषण तो जान लिया, अब थोड़ा योजना पर फोकस कर लेते हैं. पीएम मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था कि जल्द ही देश में 100 लाख करोड़ रुपये की गति शक्ति योजना शुरू की जाएगी. तब इसके बारे में ज़्यादा कुछ बताया नहीं गया था.
गति शक्ति एक ऐसा डिजिटल मंच होगा, जो सरकार के 16 मंत्रालयों को आपस में जोड़ेगा. सरकार का दावा है कि ऐसा करने से करीब 100 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की अच्छी मॉनिटरिंग हो सकेगी, इनको अच्छे से अमल में लाया जा सकेगा और कामों की रफ्तार बढ़ेगी. गति शक्ति के तहत 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को Geographic Information System यानी GIS मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है.
जब नरेंद्र मोदी 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, उसके बाद ही उन्होंने एक ‘सुपर मिनिस्टर’ का कंसेप्ट रखा था. इसके तहत एक ही तरह से काम करने वाले कई मंत्रालय एक ही मंत्री को सौंपे जा सकते थे. लेकिन ब्यूरोक्रेसी की अपनी ज़रूरतों के चलते ये कंसेप्ट अमल में नहीं लाया जा सका. अब इसी को नए ढंग से गति शक्ति के माध्यम से सामने रखा गया है, जहां एक इंटीग्रेटेड सिस्टम तैयार किया जा सके और उससे सभी कामों की निगरानी हो सके. लक्ष्य ये है कि 2024 तक इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी से जुड़े अधिकतर बड़े कामों को पूरा किया जाए. कैसे काम करेगा? गति शक्ति के अंडर लाने के लिए शुरुआत में 16 मंत्रालयों की पहचान की गई है. ये ऐसे मंत्रालय हैं जो या तो इंफ्रास्ट्रक्चर या कनेक्टिविटी से जुड़े काम देखते हैं या फिर आर्थिक ढांचे के रूप में काम करते हैं.
गति शक्ति के तहत जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम आधारित प्लानिंग, रूट प्लानिंग, मॉनिटरिंग और सैटेलाइट तस्वीरों के इस्तेमाल जैसे कई काम टेक्नॉलजी की मदद से किए जा सकेंगे. हर मंत्रालय को अलग लॉगइन आईडी दी जाएगी, जिसमें वे नियमित रूप से अपने डेटा को अपडेट कर पाएंगे. ये सभी डेटा एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे. सरकार कह रही है कि इस प्लेटफॉर्म के जरिये हर मंत्रालय एक-दूसरे के काम पर भी नज़र रख सकेगा, अपडेट हो सकेगा. इससे कलेक्टिव रेस्पॉन्सबिलिटी बढ़ेगी. योजना को लेकर सरकार के दावे गति शक्ति को लेकर सरकार कई दावे कर रही है. जैसे कि -
# करीब 20 हज़ार करोड़ रुपये के निवेश से उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में 2 डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना है. अनुमान है कि इससे देश में 1.7 लाख करोड़ रुपये के डिफेंस उपकरणों का उत्पादन हो सकेगा, जिसका बड़ा हिस्सा निर्यात भी किया जा सकेगा.
# NHAI द्वारा संचालित हाईवेज़ का देश में करीब 1 लाख किमी का नेटवर्क है. इसे 2024-25 तक बढ़ाकर 2 लाख किमी किए जाने की योजना है.
# रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को 1200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1600 मीट्रिक टन करने की योजना है. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भी तेजी आने की उम्मीद है.
# नेशनल इंडस्ट्र‍ियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश में 2024-25 तक 11 इंडस्ट्रि‍यल कॉरिडोर बनाने की योजना है.
# सरकार की योजना गंगा नदी में 29 MMT क्षमता का और अन्य नदियों में 95 MMT क्षमता का कार्गो ढुलाई प्रोजेक्ट शुरु कराने की है. वाराणसी से असम में तिनसुख‍िया जिले के सादिया तक साल भर फेरी चलाने की शुरुआत की जाएगी. इसी तरह बंदरगाहों से भी ढुलाई का लक्ष्य बढ़ाया जाएगा
# 2024-25 तक दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्ट‍िकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का प्लान है.
ये सभी योजनाएं अलग-अलग क्षेत्र की हैं और अलग-अलग मंत्रालयों के अधीन हैं. लेकिन सभी योजनाओं को गति शक्ति के अंतर्गत ही संचालित किया जाएगा. उम्मीद जताई गई है कि इससे योजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए मंत्रालय आपस में कोऑर्डिनेट कर सकेंगे.

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