अरबों सालों से घूम रही पृथ्वी अगर 5 सेकंड के लिए पूरी तरह रुक जाए, तो क्या होगा?
9 जुलाई को पृथ्वी के घूमने की गति बढ़ गई थी, जिसकी वजह से दिन के घंटों में मामूली सी कमी आई थी. सोचिए, अगर धरती एकदम से घूमना ही बंद कर दे तो क्या होगा?
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धरती की अपनी धुरी पर घूमने की स्पीड बढ़ रही है. इससे दिन के घंटे कम होने की आशंका है. लेकिन क्या हो कि धरती घूमना ही बंद कर दे? नहीं, हमेशा के लिए नहीं. मान लीजिए 5 सेकेंड के लिए धरती घूमना बंद कर दे. फिर क्या होगा? कभी इस तरह से सोचा है? नहीं सोचा है तो आज सोचकर देखते हैं. जिस रोटेशन (Rotation) की वजह से धरती पर दिन और रात होते हैं. 24 घंटे का एक दिन होता है. मौसम में बदलाव होते हैं. वह बंद हो जाए तो मिल्की वे गैलेक्सी में जीवन वाले इस इकलौते ग्रह का क्या हाल होगा?
आज से तकरीबन 400 करोड़ साल पहले जब धरती बन रही थी, तब धूल और गैस के बादल आपस में जबर्दस्त तरीके से टकरा रहे थे. इन टक्करों की वजह से ही धरती को रफ्तार मिली थी. तब धरती ने जो घूमना शुरू किया तो आज तक रुकी नहीं.
लेकिन मान लीजिए किसी दिन धरती पर सिर्फ 5 सेकेंड के लिए ‘डिस्क ब्रेक’ लग गया. जैसे किसी गाड़ी का ब्रेक लगता है, ठीक वैसे ही.

तब धरती पर क्या होगा?
होगा ये कि धरती तो रुक जाएगी, लेकिन उसका वायुमंडल यानी हवा नहीं रुक पाएगी. वह गति में ही रहेगी. उतनी ही गति में जितनी गति से पृथ्वी घूम रही थी और इस वजह से धरती पर वो तबाही आएगी कि सब कुछ खत्म हो जाएगा.
एंड्रयू लैडन ओहायो की बॉलिंग ग्रीन स्टेट यूनिवर्सिटी में भौतिकी और खगोलशास्त्र के प्रोफेसर हैं. स्पेस.कॉम पर उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताया है कि अगर धरती थोड़ी देर के लिए भी थम जाए तो क्या-क्या होगा? उनके मुताबिक,
फिर क्या होगा?जो भी चीजें अभी धरती के साथ घूम रही हैं. जैसे पानी, हवा, बिल्डिंग. उनमें घूमने की एक रफ्तार (Momentum) होती है. अगर धरती अचानक रुक जाए तो ये सब चीजें अपनी उसी रफ्तार से चलती रहेंगी. यानी, ये सतह से अलग होकर उड़ जाएंगी और धरती के चारों ओर निचली कक्षा (Low Orbit) में घूमने लगेंगी.
धरती के रुकने के बाद इतनी तेज हवाएं चलेंगी कि आप अब तक आए सबसे खतरनाक तूफान को भी भूल जाएंगे. यह उससे भी कई गुना ज्यादा विनाशकारी होगा. ये हवाएं धरती के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग ताकत के साथ चलेंगी. भूमध्य रेखा पर धरती के घूमने की रफ्तार सबसे तेज, तकरीबन 1670 किमी प्रति घंटा होती है. यानी इस रफ्तार से हवाएं चलेंगी और अगर आप अफ्रीका, ब्राजील या इंडोनेशिया में होंगे तो ऐसा तूफान आएगा कि न सिर्फ इंसान उड़ जाएंगे बल्कि जमीन की सतह तक फट सकती है.
इसको ऐसे समझिए कि दुनिया का सबसे खतरनाक टॉरनेडो F5 की रफ्तार 511 किमी प्रतिघंटा होती है. ये आपका पूरा घर उड़ा सकते हैं. जब धरती का घूमना रुक जाएगा तो इससे 3 गुना तेज रफ्तार से हवाएं चलेंगी. अब अंदाजा लगाइए कि ये विनाशक हवाएं क्या-क्या करेंगी!

ये तो हुई हवा की बात. पानी भी कम तबाही नहीं मचाएगा.
हमारी धरती गोलाकार है, लेकिन पूरी तरह से गोल नहीं है. यह जब घूमती है तो बाहर की ओर एक बल काम करता है. इससे यह भूमध्य रेखा पर थोड़ी फूली हुई है. जैसे ही धरती का घूमना बंद होगा, पृथ्वी अपने पूर्ण गोलाकार शेप में आ जाएगी. इससे क्या होगा? समुद्र का जो पानी इक्वेटर यानी भूमध्य रेखा पर था, वो ध्रुवों की तरफ भागेगा. यानी एक भयानक सुनामी आएगी, जो सब कुछ तबाह कर देगी.
धरती पर कोई तो जगह होगी, जहां जान बचेगी?
इसका जवाब है, हां. दो जगहें हैं, जहां पर पनाह मिल सकता है. वो है उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव. ये वो जगहें हैं, जहां पर धरती के घूमने की रफ्तार तकरीबन जीरो होती है. ऐसे में पृथ्वी का घूर्णन बंद होने के बाद यहां पर हवाओं की मार थोड़ी कम रहेगी.
लेकिन धरती के इतनी ही देर के ‘आराम’ में पूरी दुनिया तबाह हो चुकी होगी. सारे शहर खंडहर बन चुके होंगे. मशीनें, बिजली, नेटवर्क सब खत्म. और इंसानों में शायद ही कोई बचे.

एक सवाल और है. अगर अचानक एक झटके से नहीं, धरती धीरे-धीरे घूमना बंद करे तो क्या होगा?
तब भी धरती पर जीवन की दशा और दिशा एकदम बदल जाएगी. एंड्रयू लेडन के मुताबिक, ऐसा होने पर दिन और रात की लंबाई तब तक बढ़ती रहेगी जब तक 6 महीने का दिन और 6 महीने की रात न हो जाए. चूंकि हवा और समुद्र धरती के घूमने की गति से प्रभावित होते हैं, ऐसे में स्पीड कम होने पर मौसम में ऐसा बदलाव आएगा जो दुनिया को धीरे-धीरे खत्म कर देगा.
कुल मिलाकर धरती अचानक घूमना बंद करे या धीरे-धीरे, हालात विनाशकारी ही होंगे.
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