बंगाल में BJP के 2 विधायकों का इस्तीफा, TMC ने कहा-पहले से पता था
BJP की सीटों की संख्या घटकर 77 से अब 75 हो गई है.
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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीतने के बावजूद भाजपा के दो नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. ये दोनों सांसद हैं. पार्टी ने इन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा था. जीत भी गए. लेकिन अब विधायकी छोड़ दी है. इसके साथ ही राज्य में बीजेपी की सीटों की संख्या 77 से घटकर 75 रह गई है.
इस्तीफा देने वाले विधायक हैं- जगन्नाथ सरकार और निशीथ प्रमाणिक. जगन्नाथ सरकार राणाघाट से सांसद हैं. हालिया विधानसभा चुनाव में नदिया जिले की शांतिपुर सीट से जीतकर विधायक बने थे. इसी तरह निशीथ प्रमाणिक ने कूचबिहार की सांसदी किनारे करके दिनहाटा से विधायकी जीती थी. प्रमाणिक ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार उदयन गुहा को मात्र 57 वोटों से हराया था. वहीं जगन्नाथ सरकार ने शांतिपुर सीट से निकटतम प्रतिद्वंद्वी के 15,878 मतों से हराया था.
दोनों ने बुधवार, 12 मई को विधानसभा जाकर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को अपना त्यागपत्र सौंप दिया. प्रमाणिक ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर वे विधायक पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
जगन्नाथ सरकार ने कहा,
भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर जीत मिली थी, इससे काफी अच्छा प्रदर्शन करते हुए इस बार 77 सीटों पर जीत दर्ज की. सरकार संचालन में अनुभवी लोगों को जोड़ने के लिए कुछ सांसदों को भी विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा गया था. लेकिन पार्टी राज्य में सरकार गठन के अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकी.
जगन्नाथ सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि सांसद रहने के बावजूद उनका विधानसभा चुनाव लड़ना, और जीतने के बाद इस्तीफा देना भाजपा की किसी संगठनात्मक कमजोरी को नहीं दर्शाता. प्रमाणिक ने कहा कि वे एकसाथ लोकसभा और राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं रह सकते. बीजेपी के तीन सांसद चुनाव हार गए थे प्रसिद्ध बंगाली अभिनेत्री और हुगली से लोकसभा सांसद लॉकेट चटर्जी को बीजेपी ने चुरचुरा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. तृणमूल कांग्रेस के असित मजुमदार ने लॉकेट चटर्जी को 18,417 वोटों के अंतर से हरा दिया था. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो को बीजेपी ने टॉलीगंज से मैदान में उतारा था. लेकिन तृणमूल कांग्रेस के अरूप विश्वास ने बाबुल को 50,080 वोटों से हरा दिया. राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता 2016 में राज्यसभा सांसद मनोनीत हुए थे. बंगाल के इस चुनाव में बीजेपी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया, तो विपक्ष ने कहा था कि ये संविधान का उल्लंघन है. इसके बाद स्वपन दासगुप्ता ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी ने उन्हें तारकेश्वर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा. लेकिन तृणमूल कांग्रेस के रामेंदु सिंघा रॉय ने 7484 वोटों के अंतर से उन्हें मात दे दी. TMC ने क्या कहा? टीएमसी नेता उदयन गुहा का कहना है कि दोनों सांसदों ने स्थानीय जनता को धोखा दिया है. इन दोनों नेताओं ने विधानसभा का चुनाव क्यों लड़ा, अगर वे विधायक नहीं बनना चाहते थे? उदयन गुहा दिनहाटा सीट से दो बार विधायक रहे हैं, हालांकि इस बार उन्हें 57 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. भवानीपुर से विधायक शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा कि बीजेपी के उन दो सांसदों को देखिए जिन्हें जीत मिली है. निसीथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार, जिन्होंने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया है. चट्टोपाध्याय ने कहा, "ये जनता के पैसे की बर्बादी है, हमें इन दोनों सीटों पर उपचुनाव लड़ना होगा. ये सब महामारी के बीच हुआ है. TMC के नेताओं का कहना है कि हम पहले से ही कहते आ रहे हैं कि सांसद जिन्हें विधायकी का चुनाव लड़वाया जा रहा है जीतने के बाद इस्तीफा दे देंगे. बंगाल में अब पांच सीटें खाली बीजेपी विधायकों के इस्तीफों के साथ ही 294 सीटों वाली विधानसभा में अब पांच सीटें खाली हो गई हैं. जंगीपुर और शमशेरगंज सीट पर एक-एक प्रत्याशी की कोरोना से मौत के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया था. वहीं उत्तर 24 परगना के खारदा से चुनाव जीते टीएमसी के काजल सिन्हा की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी. इस कारण सदन में पांच सीटें खाली हो गई हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 मई को आए थे. इसमें टीएमसी को 213 और बीजेपी को 77 सीटें मिली थीं. एक-एक सीट निर्दलीय और राष्ट्रीय सेक्युलर मजलिस पार्टी के खाते में गई थी. लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी.Two BJP MPs Jagannath Sarkar and Nisith Pramanik elected to the Bengal assembly from Santipur and Dinhata, respectively submitted their resignation before Speaker Biman Banerjee. pic.twitter.com/HjV4IVctE5
— ANI (@ANI) May 12, 2021