The Lallantop
Advertisement

कौन-सा वीडियो देखकर Trump ने कहा- "टैरिफ पर 90 दिन का पॉज़ लगा दो"

वीडियो के बीच Donald Trump ने फोन किया, खलबली मची. फ़िर अगले दिन हुई व्हाइट हाउस में एक सीक्रेट मीटिंग. इस मीटिंग में ट्रम्प के अलावा और कौन-कौन था? क्या हुआ उन आखिरी घंटों में?

Advertisement
US President Trump took U turn on tariff after watching a TV show
एक वीडियो से शुरू हुई बात इतनी बढ़ गई कि Trump हरे हो गए (सांकेतिक तस्वीरें)
pic
सिद्धांत मोहन
10 अप्रैल 2025 (Updated: 10 अप्रैल 2025, 06:02 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

भारत में 9 अप्रैल की रात के लगभग साढ़े 10 बजे का समय हो रहा था. अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प काला कोट पहनकर व्हाइट हाउस में अपने ऑफिस से बाहर निकले. मीडिया के सामने आए. गहरी सांस ली, और कह दिया कि उन्होंने जो टैरिफ लगाया है, वो उस पर 90 दिनों का पॉज़ लगा रहे हैं. पॉज़ यानी 90 दिनों बाद फिर से ये टैरिफ लागू हो सकता है. कम शब्दों में कहें तो ट्रम्प पर दबाव पड़ा था, इस वजह से उन्होंने टैरिफ वापिस लेने का निर्णय लिया था. ज्यादा शब्दों में कहें, तो हम आपको उन 18 घंटों की कहानी बताएंगे, जिसमें कुछ मीटिंग्स हुईं, कुछ बातचीत और फिर आया डॉनल्ड ट्रम्प का हारा हुआ चेहरा, और आया पॉज़ का ये ऐलान.

तो क्या हुआ था उन 18 घंटों में? आपको मालूम ही है कि जब से अमरीकी राष्ट्रपति ने इस टैरिफ की घोषणा की थी, तब से मार्केट की स्थिति अच्छी नहीं थी. बस 9 अप्रैल को अमरीकी शेयर मार्केट के सूचकांक S&P 500 में 12 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई थी. और तो और, अमरीकी कंपनियों लग रहा था कि किसी निर्माण के लिए सस्ते रेट पर उनको चीन से जो सामान मिला करता था, अब वो भी नहीं मिलेगा. क्यों? क्योंकि ट्रम्प एक-एक करके कुल 125 परसेंट का टैरिफ चीन पर चिपका चुके थे. मूलतः ट्रम्प, अमरीका की हालत सुधारने के चक्कर में पूरी दुनिया की लंका लगाने के पीछे पड़े हुए थे.

उनके इस फैसले को लेकर उनके राजनीतिक विरोधी तो नाखुश थे ही, उनकी कैबिनेट के लोग भी बहुत खुश नहीं थे. इलॉन मस्क समेत उनके कई मंत्रियों ने ये टैरिफ लगाने के खिलाफ सलाह दी थी. लेकिन ट्रम्प नहीं मान रहे थे. चार लोगों ने मिलकर उनके कान भरे थे, और उनकी ही सलाह पर मामला अटक गया था. कौन थे ये लोग?

एक - आर्थिक मामलों के सलाहकार पीटर नवारो
दो - अमरीकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट
तीन - अमरीकी वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक
चार - आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष स्टीफन मिरान

खबरों के मुताबिक, इन चार लोगों ने मिलकर ही इस पूरे टैरिफ प्लान पर काम किया था, और फाइनल मसौदा ट्रम्प के पास पहुंचाया था. इसे बाद ही ऐलान वगैरह के लफड़े सामने आए थे. 

9 अप्रैल से ये टैरिफ लागू होने थे. इसके एक दिन पहले की तारीख 8 अप्रैल को चलिए. अमरीकी न्यूज़ चैनल फॉक्स न्यूज़ पर रात 9 बजे आने वाला शो प्रसारित हो रहा था. न्यूज़ प्रेजेंटर शॉन हेनेटी इस शो को होस्ट करते हैं. अपने 8 अप्रैल वाले एपिसोड में शॉन हेनेटी ने रिपब्लिकन पार्टी के कुछ चुने हुए सांसदों को स्टूडियो में बुलाया था. शो का मकसद ये जानना था कि ट्रम्प सरकार के टैरिफ वाले डीसीजन मे अमरीका का कितना फायदा है? रात 9 बजे जब ये शो टीवी पर आ रहा था, डॉनल्ड ट्रम्प भी अपने कमरे में बैठकर ये शो देख रहे थे.

शो लाइव चल रहा था. और इस लाइव शो में ही लूसियाना के सांसद जॉन नीली केनेडी ने होस्ट से पूछा कि क्या वो 15 सेकंड का ब्रेक ले सकते हैं?

होस्ट शॉन हेनेटी ने कारण पूछा, तो केनेडी ने कहा, "मुझे राष्ट्रपति से बात करनी है."

साउथ कैरोलाइना के सांसद लिंडसे ग्राहम ने पहले ही होस्ट से बता दिया था कि हो सकता है कि प्रेसिडेंट ट्रम्प भी ये शो देख रहे होंगे. शॉन हेनेटी अचकचा गए थे.

और ये जानते हुए भी कि ट्रम्प ये शो देख रहे हैं, बहुतेरे रिपब्लिकन सांसदों ने लाइव शो में कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प को टैरिफ के बाबत देशों से बात करनी चाहिए.

जैसे ही शो खत्म हुआ, ट्रम्प के ऑफिस से उन सभी लोगों को एक-एक फोन गया, जो इस शो के पैनल में शामिल हुए थे. वाशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक, जब सांसदों ने फोन उठाया, तो दूसरी ओर ट्रम्प मौजूद थे. और फिर चली एक घंटे की ग्रुप कॉल. ट्रम्प चिंतित थे. क्योंकि कुछ देर पहले ही वो शेयर मार्केट का हाल देख चुके थे. और ठीक एक दिन बाद से दुनिया भर के टैरिफ लागू होने थे, जिसके बाद एक व्यापार युद्ध होना था, ऐसा भी विशेषज्ञों ने चेता दिया था.

President Trump on Phone call
फोन पर बतियाते हुए डॉनल्ड ट्रम्प (पुरानी तस्वीर)

ट्रम्प ने फोन पर अपनी पार्टी के सांसदों से पूछा कि वो टैरिफ वाले प्लान पर क्या सोचते हैं? अधिकांश सांसदों ने चिंता जताई. उन्होंने ट्रम्प से क्या कहा, आइए जानते हैं -

लिंडसे ग्राहम ने कहा -

"इनफ क्या है, और क्या नहीं, इसका निर्णय आप लें. लेकिन आप देख सकते हैं कि लोग आपके खिलाफ प्वाइंट स्कोर करना चाह रहे हैं."

टेक्सस के सांसद टेड क्रूज ने कहा,

"सरकार के पास दो ही रास्ते हैं. या तो सरकार, टैरिफ के आधार पर अन्य देश की सरकारों से बात करे, ताकि बाकी देश अपने टैक्स और टैरिफ कम करें. या तो ट्रम्प, टैरिफ़ यूं ही रहने दें, और देखें कि बाकी देश कब बदले की कारवाई करते हैं. दूसरे रास्ते का परिणाम बहुत बुरा होगा. और इससे देश के साथ-साथ टेक्सस का भी बहुत नुकसान होगा."

सांसदों के साथ बातचीत हुई. ट्रम्प ने फोन रख दिया. उधेड़बुन और कश्मकश में रात बीत गई.

कैलेंडर में 9 अप्रैल की तारीख लगी. राष्ट्रपति ट्रम्प अपने ऑफिस में पहुंचे. वहाँ पर कुछ सहयोगी उनका वेट कर रहे थे. ट्रम्प ने उनसे मुलाकात के बाद एक फोन किया. फोन सीधे लगा स्विट्ज़रलैंड के राष्ट्रपति कैरिन केलर सटर को. बता दें कि ट्रम्प सरकार ने स्विट्ज़रलैंड पर 31 परसेंट का टैरिफ लगा दिया है. तो 9 अप्रैल को जब दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच बात शुरु हुई, तो स्विस प्रेसिडेंट ने शिकायत की. कहा कि

"31 परसेंट का टैक्स बहुत ज्यादा है. इस वजह से स्विस घड़ियों और स्विस चॉकलेट के मार्केट पर चोट पहुंची है. स्विस कंपनियां अमरीका में नौकरी पैदा कर रही हैं, और साल 2024 में ही स्विस सरकार ने अमरीका के भेजे सामानों पर टैरिफ लगाना बंद कर दिया है."

ध्यान रहें कि स्विट्ज़रलैंड के बनाए इन दोनों प्रॉडक्ट्स की अमरीका समेत कई पश्चिमी देशों में काफी पूछ है. तो ट्रम्प और कैरिन के बीच बातचीत लगभग 25 मिनट तक चली. उसके बाद ट्रम्प ने फोन रख दिया.

घड़ी में बज रहे थे सुबह के 8. अमरीकी राष्ट्रपति की नजर गई फॉक्स न्यूज़ पर. यहाँ पर अमरीकी बैंक जेपीमॉर्गन चेज़ के चीफ जेमी डिमॉन का इंटरव्यू चल रहा था. जेमी कह रहे थे

"अभी कोई कदम नहीं उठाया गया, तो स्थितियाँ और खराब होंगी. तमाम कंपनियों ने खर्च में कटौती करना शुरू कर दिया है. क्योंकि कंपनियों को लग रहा है कि मंदी आने वाली है."

ट्रम्प ने ये इंटरव्यू बंद किया. कुछ देर बाद खुद के सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर लॉगिन किया. और एक पोस्ट लिखी,"ठंड रखिए, सब ठीक हो जाएगा. अमरीका पहले से भी विशाल और बेहतर बनकर सामने आएगा." ट्रम्प देश को भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे थे कि सब ठीक है.

कुछ ही मिनटों बाद उन्होंने फिर से एक पोस्ट लिखी, "ये खरीदने का सही समय है." यहाँ ट्रम्प ये कह रहे थे कि शेयरों का दाम गिरे हैं, उन्हें खरीदने का ये सही समय है.

लेकिन ट्रम्प का दिलासा काम नहीं आने वाला था, क्योंकि इस समय उनके वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक का फोन बजने लगा था. दूसरी ओर थे यूरोपियन यूनियन (EU)के ट्रेड अधिकारी मारोस सेफकोविक. एक बुरी खबर आई थी. EU ने कह दिया था कि वो संगठित हैं, और अमरीका से यूनियन के देशों में जाने वाले स्टील और एल्यूमिनियम पर टैक्स बढ़ाने का प्लान तैयार कर चुके हैं. अगर अमरीका ने अपने टैरिफ नहीं हटाए, तो ये टैक्स बढ़ाने का प्लान लागू हो जाएगा. और EU पर ट्रम्प ने कितना टैरिफ ठोंका था? पूरे 20 फीसद. 

ये 20 फीसद EU के सभी 28 देशों पर लगता. कौन से देश? - ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्ज़मबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड्स, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, और स्वीडन

आपको ये पता होना चाहिए कि अमरीकी स्टील और एल्यूमिनियम का सबसे बड़ा मार्केट है EU. इसके पहले चीन ने तो कह ही दिया था कि वो ट्रम्प टैक्स के बदले में, पहले से ज्यादा टैक्स लगाने वाले हैं. अब EU ने भी मोर्चेबंदी कर ली थी. ऐसे में अमरीकी सरकार पर बड़ा खतरा मंडरा रहा था. लोग अमरीकी सामान पर पलटकर टैक्स लगा देते, तो ट्रम्प बाबू की पूरी प्लानिंग गड़बड़ा जाती. बाहर के सामान उनके देश में महंगे तो होते ही, उनके अपने यहाँ बने सामान विदेशों में महंगे हो जाते. खपत गिर जाती. ट्रम्प की पेशानी पर बल पड़े. और फिर कुछ लोगों को फोन किया गया.

US President Trump in Oval Office
ओवल ऑफिस की पुरानी तस्वीर

दोपहर का वक़्त, सूरज सिर पर चढ़ आया था. ओवल ऑफिस में एक मीटिंग शुरू हुई. डेस्क के एक तरफ बैठे थे ट्रम्प, और दूसरी ओर हावर्ड लुटनिक और वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट. मीटिंग में चर्चा हो रही थी कि क्या किया जाए? हरेक मोर्चे से तीनों ही नेताओं को अच्छी खबर नहीं मिल रही थी. लेकिन सरकार की साख का भी सवाल था. एक ऐसा ऐलान, जिसके बारे में ट्रम्प ने बढ़-चढ़कर हर मंच से ऐलान किया था. दुनिया भर के नेताओं ने अमरीका की यात्रा कर ली थी. उसको वापिस लेने में गड़बड़ी होती, और बाकी राष्ट्राध्यक्षों के पास अच्छा संदेश नहीं जाता. इस मीटिंग में ट्रम्प के खासमखास पीटर नवारो मौजूद नहीं थे. खबरों के मुताबिक, नवारो को बुरा लगा था कि उनका टैरिफ वाला मास्टरमाइंड प्लान फेल कर गया है.

लिहाजा एक फैसला लिया गया - 90 दिनों का पॉज़. खबरें बताती हैं कि तीनों नेताओं में एक बात पर सहमति बनी, ये 90 दिनों की रियायत में बस एक देश शामिल नहीं होगा - चीन. बाकी सबको मिलेगा लाभ. इससे रिलेटेड बयान जारी किया जाना था, जिसका मजमून डॉनल्ड ट्रम्प ने खुद गठित किया.

ट्रम्प ने गहरी सांस भरी. और व्हाइट हाउस के साउथ लॉन पर चले आए. कुछ लोगों से बात की. और इधर सोशल मीडिया पर ऐलान कर दिया गया कि टैरिफ पर पॉज़ लगा दिया गया है. जैसे ही ये ऐलान हुआ, व्हाइट हाउस में हल्ला मच गया. क्योंकि अमरीकी राष्ट्रपति प्लस वो चार लोग, जिनका हमने शुरुआत में जिक्र किया, उनके अलावा बहुत कम लोग थे, जिनको इस पॉज़ प्लान के बारे में जानकारी थी. वरना तो सुबह से ट्रम्प ने कोई बड़ा बम नहीं फोड़ा था. कुछेक आदेशों पर साइन किये थे, और NASCAR रेसिंग के चैंपियंस का स्वागत किया था. टैरिफ पर पॉज़ की पोस्ट सोशल मीडिया पर गई तो व्हाइट हाउस का डे प्लान अचानक से चेंज हो गया था. व्हाइट हाउस कवर करने वाले पत्रकारों के फोन आने लगे थे. सबको खबर पक्की करने की जल्दी थी. इसलिए तय हुआ कि ट्रम्प पत्रकारों से बात करेंगे.

और फिर कुछ ही देर बाद पत्रकारों के सामने ट्रम्प आए, और खबर पर मौखिक रूप से मुहर लगा दी. लेकिन उनकी सरकार के लोगों ने अभीष्ट चालाकी दिखाई. उनको ये दिखाना था कि ये सरकार का यूटर्न नहीं है, बल्कि एक सोचीसमझी रणनीति है. लिहाजा रिपब्लिकन आईटी सेल वालों ने प्वाइंट्स बनाए, जिनके आधार पर व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने X पर लिखा कि ये प्रेसिडेंट ट्रम्प की मास्टर प्लानिंग है, जिसने दशकों से टूटे हुए इंटरनेशनल ट्रेड को फिर से स्थापित करने का काम किया है. मिलर ने ये भी कहा कि ट्रम्प इस कथित प्लान ने आर्थिक अग्रेशन के मास्टरमाइंड को भी अलगथलग कर दिया है. ये मास्टरमाइंड कौन  - चाइना.

जब तक ये अनाउंसमेंट और डैमेज कंट्रोल हो रहा था, पीटर नवारो गायब थे. ट्रम्प ने ऐलान कर दिया तो नवारो फिर से व्हाइट हाउस लॉन पर दिखाई दिए. पत्रकारों को खबर मिल गई थी कि वो इस फैसले से खुश नहीं थे. इसलिए पूछा गया, "कैसा लगा ये डीसीजन?" नवारो ने जवाब दिया, "ब्यूटीफुल."

पत्रकारों ने जब और सवाल पूछने चाहे तो नवारो ने मना कर दिया. हालांकि फॉक्स न्यूज़ के पत्रकारों ने जब लॉन पर नवारो से पूछा कि क्या उनको अलगथलग किया गया? नवारो ने कहा, "नहीं, हम सब साथ काम करते हैं. वो सब मेरे दोस्त हैं. और हमारा मकसद है कि प्रेसिडेंट के लिए काम करना, और यही है रिज़ल्ट."

कुछ और पत्रकार वार्ताओं के साथ दिन बीत गया. और दिन बीतने के साथ ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर लिखा - What a day, but more great days coming!!!

वीडियो: ट्रंप के टैरिफ का असर, भारत समेत कई देशों का स्टॉक मार्केट क्रैश

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement