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भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है ट्रंप-पुतिन की अलास्का वाली मुलाकात

ट्रंप-पुतिन की हालिया मुलाकात केवल एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि भारत समेत पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है कि वैश्विक सत्ता समीकरण बदल रहे हैं और नए रणनीतिक निर्णयों की जरूरत है.

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Trump Putin Meeting
ट्रंप-पुतिन की मुलाकात: भारत समेत पूरी दुनिया के लिए चेतावनी
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दिग्विजय सिंह
18 अगस्त 2025 (Published: 08:54 AM IST)
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आज की दुनिया तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रही है. हर बड़े वैश्विक निर्णय पर पूरी दुनिया की नजर रहती है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया मुलाकात केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि वैश्विक राजनीति में बड़े बदलाव की निशानी है.

कीव का नजरिया: कमजोर हुआ यूक्रेन

विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप-पुतिन की नई बातचीत ने यूक्रेन की स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है. अमेरिका की रूस नीति में नरमी का संकेत मिलने से कीव की उम्मीदें कमजोर हुई हैं. पश्चिमी देशों का समर्थन घटने से यूक्रेन को अपनी सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में और संघर्ष करना होगा.

रूस की बढ़ती ताकत और पश्चिमी चिंताएं

पुतिन का आत्मविश्वास लगातार बढ़ रहा है. रूस की वैश्विक भूमिका हर क्षेत्र में दिखाई दे रही है – यूरोप में शांति, मिडिल ईस्ट और एशिया में राजनीतिक समीकरण. विदेशी प्रतिबंधों और पश्चिमी दबावों के बावजूद रूस की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है. यह रूस की बढ़ती वैश्विक शक्ति और पश्चिमी चिंताओं का संकेत है.

भारत के लिए नीति और संतुलन

भारत के लिए विदेश नीति में संतुलन बनाए रखना अब और जरूरी हो गया है. अमेरिका और रूस दोनों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना भारत के हित में है. बढ़ती वैश्विक दूरी का फायदा उठाकर भारत अपनी कूटनीतिक भूमिका को बढ़ा सकता है. वहीं, चीन की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए भारत को अपनी रणनीति सतर्कता से तय करनी होगी.

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नतीजा: वैश्विक दिशा बदलने वाला लम्हा

ट्रंप-पुतिन मुलाकात केवल एक घटना नहीं है, बल्कि इसका असर वैश्विक सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और कूटनीति पर दिखाई देगा. यूक्रेन कमजोर हुआ है, पश्चिम की नीति सवालों के घेरे में है, और भारत समेत अन्य देशों के लिए नीतिगत संतुलन का इम्तिहान शुरु हो चुका है.

अब समय है कि भारत अपने विदेशी हितों की समीक्षा करे और आने वाली वैश्विक चुनौतियों का सामना मजबूती से करे.
 

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