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दुनिया का ये सबसे बदमाश आदमी नागा बाबा के पास क्या करने जाता था

32 की उम्र में आधी दुनिया जीतने वाले लड़ाका के किस्से

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अविनाश जानू
20 जुलाई 2016 (Updated: 21 जुलाई 2016, 11:19 AM IST) कॉमेंट्स
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दुनिया का सबसे धांसू मिलिट्री जीनियस, लड़ाकू राजा, मेसीडोना का अलेक्जेंडर-III. जिसे हम सब सिकंदर के नाम से जानते हैं. माफ़ कीजियेगा सिकंदर अब नाम नहीं है, मुहावरा है. सिकंदर की ख्वाहिश थी दुनिया जीत लेने की. बातें नहीं छौंकता था बस. सच में निकल गया था दुनिया को अपने क़दमों में डालने के लिए. उसने इतना बड़ा साम्राज्य बनाया जितना फिर कभी कोई इंसानी इतिहास में नहीं बना सका. उसका साम्राज्य ग्रीस से लेकर मिस्त्र तक फैला हुआ था आज के टर्की, ईरान और पाकिस्तान सब उसमें आते थे. 13 साल उसने पूरब और पश्चिम को एक करने में खर्च कर दिए. उसके इस काम से बस आर्मी ही पास नहीं आई लोग भी आये. बल्कि कहें तो दुनिया के कई कल्चर एक-दूसरे से गले मिलने लगे. सिकंदर की प्रतिष्ठा जिंदा रहने के दौरान ही इतनी तेजी से बढ़ी कि 32 की उम्र में जब उसकी मौत हुई, तब तक उसे लोग देवता मानने लगे थे. उसके नाम से लोग झूठी-सच्ची कहानियां सुनाने लगे. हजारों सालों से ये काम यूं ही चल रहा था. अब हालत ये है कि उसकी असली और बनाई हुई कहानियों में अंतर कर पाना बहुत मुश्किल हो चुका है. ऐसे में हम सात कहानी आपके लिए खोद के ला रहे हैं एकदम. काहे कि साढ़े 23 सौ पुरानी है न. लो पढ़ो, हौले-हौले पढ़ियो -

सिकंदर को पढ़ने भेजा कहीं और निकल लिए कहीं और

सिकंदर को पढ़ने भेजा गया था अरस्तू के पास. पर वो पढ़ा दूसरे लोगों से. अरस्तू से उसने क्या सीखा इसका तो कोई जिक्र ढंग का मिलता नहीं. जिनका जिक्र मिलता है वो लोग दूसरे ही कोई हैं. उनमें से एक है डियोयेनिस ऑफ़ सिनोपेस. डियोयेनिस एक पाइप में घुसकर रहते थे और इनका दोस्त था 'कुत्ता'. जब सिकंदर इनके पास गया और पूछा, 'मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं?' तो डियोयेनिस बोले, 'मेरे पाइप के सामने से हट जाओ धूप आने दो.' इस बात से सिकंदर इम्प्रेस हो गया. बाद में एक बार सिकंदर ने कहा था, 'अगर मैं सिकंदर न होता तो डियोयेनिस ऑफ़ सिनोपेस होता.'Avinash Vivek इसके वाकये के सालों बाद जब सिकंदर भारत आया तो यहां पर वो भारत के हिंदू, जैन संतों और नागा बाबाओं से दर्शन और शिक्षा की बातें सीखता रहा.

15 साल तक लड़ा पर कभी हारा नहीं

उसकी टैक्टिक्स और युद्ध लड़ने की स्ट्रेटेजी आज भी मिलिट्री एकेडमी में आने वाले नए रंगरूटों को पढ़ाई जाती है. उसकी स्ट्रेटेजी में तेजी वाला फैक्टर सबसे इम्पॉर्टेंट था. उसके पास लड़ाई करने को मेसीडोना के ही 15,000 सैनिकों का जत्था था.

70 शहरों के नाम अपने नाम पर रखे और अपने घोड़े के नाम पर 1 का

उसने कम से कम 70 शहरों का नाम अपने नाम पर और 1 का नाम अपने घोड़े के नाम पर रखा. ऐसा ही एक अलेक्जेंड्रिया नाम का शहर आज मिस्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. आज भी ये सारे अलेक्सेन्ड्रिया टर्की, ईरान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान और पकिस्तान में हैं. हाईडासपस नदी के किनारे पर अपनी जीत के बाद बुसेफाला नाम के शहर की स्थापना की. जो कि उसने अपने घोड़े के नाम पर रखी थी. उसके भारत अभियान की बेशकीमती जीत थी. इस लड़ाई में उसके घोड़े की घावों के चलते मौत हो गई थी.

सिकंदर को पहली नजर में हुआ था प्यार

तब सिकंदर 28 साल का था. और उसने बैक्ट्रिया पर हमला कर एक बहुत मुश्किल किले को जीता था. जब बंदी बनाये गए लोग उसके सामने लाये गए. तो उसकी आखें बंदी बनी एक राजाधिकारी लड़की से मिलीं और प्यार हो गया. जिसके बाद जिसके बाद एक सिंपल सेरेमनी में शादी हुई. वो भी जानते हो कैसे? सिकंदर ने एक बड़ी सी ब्रेड ली और उसे अपनी तलवार से दो पार्ट में काट दिया. एक खुद खा लिया और एक अपनी बीवी को खिला दिया. बस भइय्या! हो गई शादी. सिकंदर जब मरा तो उसकी मौत के कुछ महीनों बाद उसकी बीवी ने उसके एकमात्र बच्चे को जन्म दिया. जिसका नाम था अलेक्जेंडर-IV.

सिकंदर में जन्मजात इनबिल्ट था परफ्यूम

प्लूटार्क ने सिकंदर की मौत के 400 साल बाद अपनी किताब लाइव्स ऑफ़ नोबेल ग्रीक एंड रोमंस में लिखा था कि सिकंदर के शरीर से एक अपनी ओर खींचने वाली गंध आया करती थी. उसकी सांसों और शरीर से ऐसी खुशबू आती थी कि वो जो कपड़े पहनता था उसमें भी वो बस जाती थी. ये सब उसकी सुनी-सुनाई बातें थी जो लोग उसे देवताओं की तरह बनाने के लिए लोग करते थे. खुद भी सिकंदर एक जगह पर अपने आप को देवता ज्यूस का बेटा बताता पाया गया था.

फारस के लोगों को हराकर उसने उन्हीं की तरह कपड़े पहनने शुरू कर दिए थे

पर्सेपोलिस को जीतने के बाद वो पर्शियन कल्चर का सेंटर था. उस समय सिकंदर को लगा कि पर्शिया को पूरी तरह से अपने काबू में करना है तो वहां का खान-पान रहन-सहन अपनाकर इस बात को प्रूव करना होगा. उसने कुछ दिन बाद पर्शिया के शहर सूसा में एक शादी करवाई जिसमें उसने अपने 92 बड़े शहरियों को पर्शियन बीवियों से शादी करने को मजबूर किया. खुद सिकंदर ने भी दो से शादी की.

सिकंदर की मौत आज भी दुनिया के सबसे बड़े राजों में से एक है

323 बीसी में सिकंदर मर गया था. एक पार्टी में सिकंदर ने एक कटोरा शराब पी और बीमार पड़ गया. दो हफ्ते बाद ये महान योद्धा मर गया. जब मरा उस वक्त इसकी उम्र 32 साल थी. सिकंदर के बाप को खुद उसके ही बॉडीगार्ड ने मारा था. उसके सेनापति एंटीपेटर और एंटीपेटर के बेटे कैसेंडर पर कई लोगों को शक है. जिसने उसकी विधवा और बेटे को भी मारने का ऑर्डर दिया था. कुछ लोग मानते हैं कि इसमें अरस्तू भी शामिल था क्योंकि उसके एंटीपेटर के परिवार से करीबी रिश्ते थे. आज के समय के जो मेडिकल एक्सपर्ट हैं उनका मानना है कि सिकंदर मलेरिया, फेफड़ों के इंफेक्शन, लिवर के फेल होने या टाइफॉइड से मर गया. सिकंदर के शव को शहद की टंकी में रखा गया. प्लूटार्क ने अपनी किताब में लिखा है. दो साल तक मिस्र में उसका शरीर शहद में डुबोकर रखा गया फिर उसको निकलकर मेसीडोना वापस भेज दिया गया.

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