अमेरिका का वो राष्ट्रपति, जो दोस्त की बीवी से प्यार करने लगा था
ऐसे-ऐसे किस्से हैं अमेरिका के बापू के कि हंसते-हंसते पगला जाओगे.
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जॉर्ज वॉशिंगटन. अमेरिका के पहले राष्ट्रपति. डॉलर पर इनकी फोटो छपती है. जॉर्ज को अमेरिका में सर्वोच्च आर्मी जनरल (जनरल ऑफ द आर्मीज़ ऑफ अमेरिका) का दर्जा मिला हुआ है. मतलब इनकी पोस्ट तक कोई और कभी नहीं पहुंचेगा. जॉर्ज वॉशिंगटन ने देश को आज़ाद करवाया और पहले राष्ट्रपति बन गए, मगर जॉर्ज का जीवन कई विवादों और अजीबो-गरीब संयोगों से भरा रहा. 22 फरवरी को पैदा हुए जॉर्ज वॉशिंगटन के बारे में बताते हैं कुछ रोचक किस्से.
सबसे ज़्यादा सैलरी, लेकिन सब उड़ा दी
1789 में जॉर्ज वॉशिंगटन तनख्वाह के तौर पर अमेरिका के बजट का 2 प्रतिशत लेते थे. इतनी मोटी सैलरी लेने के बाद भी बड़ी बात ये है कि वॉशिंगटन बाबू ने इसमें से ज़्यादातर पैसा शराब और जुए में उड़ा दिया. हालत यहां तक पहुंच गई कि अपने पहले इनॉग्रेशन में जॉर्ज पैसा उधार लेकर पहुंचे थे.
सबसे बीमार राष्ट्रपति
जब वॉशिंगटन ने शपथ ली थी तो उनका एक दांत बाकी बचा था. खूब तंबाकू खाते थे (क्या पता पिछले जनम में कान्हेपुर के हों). इसके अलावा वो डिप्थीरिया, टीबी, चेचक, कब्ज़, निमोनिया, कार्बंकल, टॉन्सिल, मलेरिया, एपिग्लॉटिटिस जैसी और कई बीमारियों से ग्रस्त थे. वॉशिंगटन को अमेरिका का सबसे बीमार राष्ट्रपति माना जाता है.
दवा के चलते नपुंसक और दोस्त की बीवी से प्यार
बताया जाता है कि वॉशिंगटन दवाओं की ओवरडोज़ के चलते नपुंसक हो गए थे. उनकी कोई संतान नहीं हुई. वॉशिंगटन अपनी एक नौकरानी के लड़के को अपना बताते थे. मगर उसके बच्चा होने से दो साल पहले तक वॉशिंगटन युद्ध के मैदान में थे, और कभी घर नहीं आए थे. जॉर्ज को अपने दोस्त की बीवी से प्रेम हो गया था. उन्होंने ‘वोटरी ऑफ लव’ नाम से पत्र लिखा, जो आज भी मौजूद है. वैसे ज़्यादातर अमेरिकी इतिहासकार कहते हैं कि जॉर्ज की संतान न होना अमेरिका के लिए अच्छा रहा. अमेरिका वंशवाद से बच गया.
अपनी दारू की फैक्ट्री
वॉशिंगटन की अपनी व्हिस्की की फैक्ट्री थी. उनके यहां साल में 45,000 लीटर शराब बनती थी. (सारी पीते नहीं थे, बेचते भी थे). इसके साथ ही एक बात और वॉशिंगटन की, वो चेरी के पेड़ वाली कहानी भी झूठी है. नेताओं की इमेज अच्छी करने के लिए उनके बाल जीवन के किस्से लिखवाना एक पुरानी परंपरा है, समझ गए न.
किस्मत सबसे तेज़ थी
वॉशिंगटन अपने कार्यकाल में जितने युद्ध जीते, उससे ज़्यादा हारे. युद्ध में उनके कोट को फाड़ती हुई दो गोलियां पीछे खड़े घोड़ों को लगीं. घोड़े मर गए या बच गए, ये कन्फर्म नहीं है. पाठक स्वयं प्रयास करें और पता करके बताएं. जॉर्ज को खरोंच भी नहीं आई. इसके अलावा वॉशिंगटन पहले ब्रिटिश फौज की तरफ से लड़े. इन सबके बावजूद उन्हें अमेरिका का पहला राष्ट्रपति बनने का मौका मिला, और दुनिया के सबसे ताकतवर देश की करेंसी पर छपने का भी.
कन्फ्यूजन में जान चली गई
वॉशिंगटन बीमार थे. एल्बिन रॉलिंस नाम के सज्जन उनका खून लेने के लिए लेने आए. वॉशिंगटन ने अपनी बांह सामने करके कहा, 'डरो मत जितना चाहो ले लो.' एल्बिन ने चार राउंड में शरीर से पांच बोतल (80 आउंस) खून निकाल लिया. (सच है भाई). महामहिम बेहोश हो गए. उनके सेक्रेटरी कर्नल टॉबियस लियर को बुलाया गया. वॉशिंगटन बीच में होश में आए, और अपने अंतिम संस्कार के निर्देश दिए. इसके कुछ ही देर बाद वॉशिंगटन की मृत्यु हो गई.