ऐसे मुश्किल समय में किसी की मौत पर ताबूत उठाकर नाचते हुए ये लोग कौन हैं?
इनका वीडियो खूब वायरल हो रहा है.
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चकाचक सूट और जूतों में सजे हुए ये डांसर्स किसी की भी मौत पर विदाई देने के लिए किराए पर बुलाए जाते हैं. इनका डांस बेहद साधा हुआ होता है, और लोग रूमाल और हाथ हिलाते हुए मरने वाले को अलविदा कहते हैं. (तस्वीर: बीबीसी अफ्रीका/यूट्यूब)
डार्क ह्यूमर के बहाने मौत एक डरावनी चीज है. दुख देने वाली. उसके अलावा और भी कई चीज़ें हैं. जिन पर बात करना टैबू हो सकता है. या किसी के लिए पीड़ा देने वाला हो सकता है. जैसे यहूदियों का नरसंहार. या गुलामी के काल में अश्वेत लोगों का रूई चुनना. इस तरह की बातें बेहद संवेदनशील मुद्दा हैं. फिर भी उसे हल्का-फुल्का करने के लिए जोक मारे जाते हैं. इसे ही ब्लैक कॉमेडी या डार्क ह्यूमर कहते हैं. मृत व्यक्ति को लेकर नाचते लोगों का इस्तेमाल हंसने- हंसाने के लिए करना भी एक तरह से डार्क ह्यूमर ही है. लेकिन पॉपुलर हो रहा है.Just alerted to an INCREDIBLE new meme format that rivals we got him pic.twitter.com/yLz2onyggn
— dan nolan (@dannolan) April 4, 2020
— dan nolan (@dannolan) April 4, 2020इंडिया कनेक्शन भारत के भी कई हिस्सों में मरने वालों को धूमधाम से विदाई दी जाती है. नाचना-गाना भले न होता हो. लेकिन अगर मरने वाले की उम्र काफी होती है, तो ये मानते हैं कि वो एक भरपूर ज़िन्दगी जी कर गए. इसमें दुखी होने वाली कोई बात नहीं. ऐसे में मरने वाले की अर्थी को सज़ा-धजा कर बाजे-गाजे के साथ अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है. बिहार के कुछ हिस्सों में ऐसी अर्थी के नीचे से बच्चों को निकलने के लिए कहा जाता है. शव यात्रा में लोग पैसे लुटाते हैं. कई बार इन लुटाए हुए पैसों में छेद करके भी बच्चों को पहना देते हैं. ये सब इसलिए किया जाता है ताकि मरने वाले की तरह उनकी भी उम्र लम्बी हो, और वो भी एक भरपूर जीवन जिएं. मुश्किल हालत में हंसने-हंसाने वाला कॉन्टेंट थोड़ी राहत दे जाता है. ख़ास तौर पर जब हर तरफ ऐसी खबरें पढ़ने को मिल रही हों, जिनसे दिल बैठ जाए. अब डार्क ह्यूमर ही सही, लेकिन ये मीम्स लोगों के बीच बेहद पॉपुलर हो रहे हैं.
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