बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जीत हासिल कर चुकी NDA ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर सत्ता संभाल ली है. सोमवार 16 नवंबर को नीतीश कुमार ने 7वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके अलावा 14 अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. इस दौरान दो डिप्टी सीएम बनाए गए. इनमें से एक तारकिशोर प्रसाद हैं. आइये बताते हैं, इनके बारे में.
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12वीं पास, चार बार के विधायक
BJP ने तारकिशोर प्रसाद को बिहार विधानसभा में BJP विधानमंडल दल का नेता चुना है. तारकिशोर को बिहार में BJP का मजबूत चेहरा माना जाता है. 2005 में कटिहार विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे. तब से लेकर लगातार जीतते आ रहे हैं. 'आज तक' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ 2015 में लालू और नीतीश की मजबूत जोड़ी भी तारकिशोर प्रसाद के दुर्ग को भेद नहीं सकी थी. इस बार कटिहार से चौथी बार विधायक बने हैं. RJD के डॉ राम प्रकाश महतो को 12 हजार वोटों से हराया था. 12वीं पास हैं. कटिहार के ही दर्शन साह कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी. ABVP के सदस्य रहे हैं. इलेक्शन के एफिडेविट में जानकारी देते हुए बताया था कि खेती-बाड़ी करते हैं. संपत्ति देखी जाए तो करोड़पति हैं. सुशील मोदी के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं.
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तारकिशोर प्रसाद को डिप्टी सीएम बनाए जाने के पीछे ये भी दलील दी जा रही है कि वह बिहार के सीमांचल इलाके से हैं. कटिहार पश्चिम बंगाल से लगा हुआ है. 'हिन्दुस्तान टाइम्स' में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, राजनैतिक विशेषज्ञों का मानना है कि BJP पश्चिम बंगाल की राजनीति में एंट्री करना चाहती है. बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. इसी वजह तारकिशोर को बिहार में अहम पद के लिए चुना गया है.
बिहार विधानमंडल का नेता चुने जाने पर तारकिशोर प्रसाद ने कहा,
मुझे जो ज़िम्मेदारी दी गई है, उसे मैं अपनी पूरी कुशलता के साथ निभाऊंगा.
हालांकि बिहार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल कलवार हैं और तारकिशोर प्रसाद भी कलवार हैं. कलवार वैश्य समाज की एक जाति है. बिहार में कलवार जाति की आबादी 2 फीसद से भी कम है. ऐसे में एक ही बिरादरी के दो लोगों को बिहार में महत्वपूर्ण पद दिया जाना राजनीतिक विश्लेषकों को कुछ अटपटा लग रहा है.