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कहानी देश के सबसे बड़े ठग सुकेश चंद्रशेखर की

मामले की जांच में जैकलीन फर्नांडिस ने क्या खुलासे कीए?

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sukesh Chandrashekhar
जैकलीन फर्नांडिस के साथ सुकेश की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी (फोटो: इंडिया टुडे)
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अभिनव पाण्डेय
14 सितंबर 2022 (Updated: 14 सितंबर 2022, 01:33 AM IST) कॉमेंट्स
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हो सकता है कि आप में से कई युवाओं ने नटवरलाल का नाम न सुना हो. जिन्हें याद भी होगा, उन्हें जीके के सवाल की तरह याद होगा - भारत का सबसे बड़ा ठग कौन ? जवाब नटवरलाल. कहते हैं उसने भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से लेकर उद्योगपति धीरूभाई अंबानी तक के जाली दस्तखत करके लोगों को बेवकूफ बनाया था. किंवदंतियां चलने लगीं. कोई कहता कि उसने विदेशी नागरिकों को ताजमहल बेच दिया, तो कोई कहता कि उसने संसद तक बेच दिया. जाली ही सही, इतना बड़ा काम करने के लिए दिमाग तो चाहिए ही. अगर आप ये कहानी फॉलो नहीं कर पा रहे, तो आपके लिए हमारे पास एक नई कहानी है. एक नए नटवरलाल की. नाम है सुकेश चंद्रशेखर. इस धोखे में मत रहिए कि सुकेश ने सिर्फ जैकलीन को अपने फेर में फंसाया. कौन-कौन फंसा था, आप जानेंगे तो दातों में उंगलियां दबा लेंगे.  

क्या आप कल्पना कर सकते हैं? एक अपराधी देश के किसी बड़े नेता से करोड़ों की ठगी कर जाए. किसी राज्य के मुख्यमंत्री का पोता बनकर लोगों को चूना लगाए. मशहूर अभिनेत्रियों को फंसा जाए. और सबसे बड़ी बात, कि वो अपराधी जेल में बैठकर 200 करोड़ रुपये की ठगी एक बड़े व्यापारी के घर से कर जाए. कल्पना से परे हैं ये कहानियां और किरदार भी, नाम - सुकेश चंद्रशेखर. हो सकता है आपने ये नाम ना सुना होगा, लेकिन तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक सुरक्षा और जांच एजेंसियों के कान खड़े कर चुका है. कानूनी भाषा में उसे फ्रॉड कहा जा रहा है. और खबरों की दुनिया में कॉनमैन या ठग.

इतना परिचय काफी नहीं तो अब कुछ तस्वीरों पर नजर डालिए जो बीते दिनों खूब वायरल थीं. कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस के साथ एक शख्स नजर आ रहा था, जिसका नाम है सुकेश चंद्रशेखर. सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े मामलों में जैकलीन भी ईडी के रडार पर हैं. एक मामले में आरोपी बनाया, जांच आगे बढ़ी तो उनपर ठगी के पैसे से महंगे गिफ्ट लेने का आरोपपत्र तैयार कर दिया. 200 करोड़ रुपये की जालसाजी के मामले में आज जैकलीन को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा, अंग्रेजी में कहें तो Economic offences wing यानी EOW ने उसे घंटों पूछताछ की. ये तस्वीरें उसी वक्त की हैं, जब वो पूछताछ के लिए दफ्तर में जा रही थीं.

तो क्या है पूरी कहानी, कैसे एक बड़ी अभिनेत्री पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है? कैसे सुकेश चंद्रशेखर नाम के महाठग ने लोगों को करोड़ों का चूना लगाया? विस्तार पर आएं उससे पहले आज के घटनाक्रम को बता देते हैं. सुकेश फिलहाल दिल्ली की जेल में बंद है. आज जैकलीन और सुकेश को आमने-सामने बिठाकर पूछाताछ की गई. सूत्रों के मुताबिक जैकलीन से कुल 39 सवाल पूछे गए. मसलन वो सुकेश को कैसे जानती हैं? उनकी बैंक डीटेल क्या है, क्या वो ठगी में शामिल थीं ? जैसे सवाल हुए. आज तक से जुड़े संवाददाता तंसीम हैदर की रिपोर्ट के मुताबकि, जैकलीन ने बताया कि सुकेश से उनकी पहली बार बात फरवरी 2021 में वॉट्सऐप कॉल के जरिये हुई थी. अप्रैल 2021 से दोनों की बातचीत रोजाना होने लगी.

क्या जैकलीन ने सुकेश चंद्रशेखर से कोई गिफ्ट लिया? इस पर जैकलीन ने जवाब दिया कि उन्होंने सुकेश से कई गिफ्ट लिए. इनमें मिनी कूपर कार, लिमिटेड एडिशन परफ्यूम से लेकर महंगे जूते, डायमंड ईयर रिंग्स और ब्रैसलेट जैसे गिफ्ट शामिल थे. हालांकि जैकलीन ने ये भी कहा कि उन्होंने मिनी कूपर कार वापस लौटा दी थी. जैकलीन ने दिल्ली पुलिस को बताया कि जून 2021 में वो पहली बार सुकेश से मिली थीं. सुकेश ने जैकलीन को मुंबई से चेन्नई लाने के लिए प्राइवेट जेट भेजा था. चेन्नई के हयात होटल में मुलाकात हुई. अगले दिन प्राइवेट जेट से ही वो वापस मुंबई लौटीं. एक हफ्ते बाद फिर से दोनों की मुलाकात हुई. जैकलीन ने यह भी बताया कि वो प्राइवेट जेट से दो बार केरल भी गईं. सुकेश ने उनके लिए एयरपोर्ट से होटल के लिए हेलीकॉप्टर राइड भी बुक की थी. जैकलीन का दावा है कि सुकेश से उनकी आखिरी बार 8 अगस्त 2021 को बात हुई थी.  

ये तो हुई आज की कहानी. अब जरा इस पूरे खेल के विस्तार को समझते हैं. इंडिया टुडे मैगजीन के 21 सितंबर वाले अंक में एक कवर स्टोरी छपी है. जिसे कौशिक डेका और मुनीष चंद्र पाण्डेय ने लिखा है. मोटा अनुमान है कि सुकेश चंद्रशेखर पिछले 15 साल में करीब एक हजार लोगों को कम से कम 500 करोड़ रु. का चूना लगा चुका है. यह आंकड़ा उसके खिलाफ छह राज्यों—आंध्र प्रदेश,, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली के पुलिस थानों में दर्ज 30 से अधिक मामलों की रकम का मोटा-मोटा जोड़ है. 

दिलचस्प बात ये है कि उसने अपनी सबसे बड़ी लूट जून 2020 से मई, 2021 में दिल्ली के रोहिणी जेल में बैठकर की. आखिरी गिनती में उसके पास 18 करोड़ रुपए की 85 घड़ियां और 35 करोड़ रुपए कीमत की 54 कारें थीं. उसने ये महंगी ऐशो आराम की चीजें देश के इतिहास में सबसे शातिराना किस्म की ठगी से हासिल की हैं. 

कौन है सुकेश चंद्रशेखर?

सुकेश चंद्रशेखर तमिलनाडु के मदुरै का रहने वाला है. पिता विजयन चंद्रशेखर रबड़ के ठेकेदार और पार्ट टाइम मैकेनिक थे. मां माला गृहणी थीं. बिलकुल सामान्य सा मध्यम वर्गीय परिवार. शुरू में ये लोग चंद्रा लेआउट इलाके में किराए के मकान में रहते थे. सुकेश के मां-बाप ने इकलौते बेटे को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए उसका नाम शहर के बाल्डविन बॉयज हाइस्कूल में लिखा दिया. स्कूल के सहपाठी बड़ी आलीशान कारों से आते और सुकेश को उसके पिता स्कूटर से स्कूल छोड़कर जाते. जानकार बताते हैं तभी से उसका दिमाग अमीरों वाली जीवनशैली के ख्वाब देखने लगा.

पहली ठगी तब कि वो बालिग भी नहीं हुआ था. 2006 में एक चिट्ठी पर तत्कालीन पुलिस कमिशनर के फर्जी हस्ताक्षर कर लिए, जिसमें लिखा था कि उसे कर्नाटक में कहीं भी कार और बाइक चलाने की इजाजत है. लोगों को लगा कि मां-बाप भी इस जालसाजी में शामिल हैं. पहली ठगी के मामले सहित तीन बार सुकेश के साथ वे भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. 2007 में सुकेश और उसके मां-बाप को 76 साल के एक बुजुर्ग से 1.15 करोड़ रु. की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था. उन लोगों ने उस मजबूर शख्स से वादा किया था कि वो बेंगलूरू डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिग्रहण किए उनके प्लॉट को छुड़ाने में मदद करेंगे और एक अपार्टमेंट बनाने के लिए विदेशी निवेश भी जुटा लाएंगे. ये सुकेश के खिलाफ पहली बड़ी ठगी का मामला था. हालांकि परिवार को निचली अदालत से उस मामले में रिहाई मिल चुकी है.  

वो अपना शिकार बड़ी सावधानी से चुनता और पहले से ही पूरी जानकारी इकट्ठा कर लेता है. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, 

''अमूमन वह अपने शिकारों के बारे में उनसे ज्यादा जानता होता था. प्रमुख रूप से वो उन्हीं लोगों पर जाल बिछाता, जो लालची थे या कोई काम कराने में दिक्कत का सामना कर रहे थे. मसलन ठेके का काम हो या अदालती मुकदमा या स्कूल में दाखिला."

कभी वो बड़ा अफसर बन जाता, कभी उद्योगपति तो कभी किसी नेता का रिश्तेदार. एक वक्त में वो खुद को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे करुणानीधि का पोता बताता था, जालसाज इतना बड़ा कि लाल बत्ती वाली लग्जरी कार से चलता और किसी को भनक तक नहीं लगती थी. उसने 2015 में लीना मारिया पॉल नाम की मलायम फिल्मों की अभिनेत्री से शादी की. सुकेश लीना को भी जालसाजी का शिकार बनाना चाहता था, आगे मोहब्बत हुई तो मंजिल शादी से जेल तक पहुंची. लीना भी कई मामलों में सुकेश के साथ आरोपी रह चुकी है.

ईडी के जांच अधिकारियों ने जब उसका कच्चा चिट्ठा खोलना शुरू किया तो पता लगा, वो नेताओं, कारोबारियों और ऐक्टरों को बड़ी आसानी से झांसा दे देता है. इसकी वजह जाननी चाही तो पता चला. उसकी चिकनी-चुपड़ी बातें.  वोअंग्रेजी, हिंदी, तमिल, कन्नड़, तेलुगु, मलयालम जैसी कई भाषाओं में पारंगत है. अपनी बात मनवाने और डोरे डालने में उस्ताद, मेलजोल में माहिर, जिसकी नकल करना चाहे, वैसी आवाज और अंदाज में भी उस्ताद. कई बार उससे कड़ी पूछताछ करने वाले अधिकारी भी धोखा खा जाते हैं.

एक बार बेंगलूरू में जालसाजी के वक्त पकड़ा तो उसने मिलने के बदले फोन पर झांसा देने की बेहतर तकनीक पकड़ ली. थोड़ी-बहुत टेक्नोलॉजी की जानकारी के साथ उसे सारी चालबाजियां आती हैं. फर्जी पहचान-पत्र का इस्तेमाल करता है, आवाज बदल लेता और सरकारी दफ्तरों से फोन किया करता था. जिसको भी शिकार बनाना होता था, उसे तो वो पूरी तरह इस भरोसे में ले लेता था कि मानो सच में उसे किसी IAS ऑफिसर ने फोन किया हो.

सुकेश और उसकी पत्नी लीना ने 2013 में अपना पहला बड़ा हाथ तब मारा जब दोनों ने चेन्नई में केनरा बैंक से 12 करोड़ रुपए की हेराफेरी की. तब सुकेश ने फ्यूचर टेक्निक्स नाम की एक नैपकिन-वेंडिंग मशीन फर्म चलाने वाले कारोबारी दंपती एम. बालसुब्रह्मण्यम और चित्रा से संपर्क किया. उनको अपना परिचय कर्नाटक के एक वरिष्ठ आइएएस अधिकारी जयकुमार के तौर पर दिया. झांसा क्या दिया? ये कि वो सरकार की एक मुफ्त नैपकिन योजना में कंपनी को भागीदार बनाने वाला है. उन्हें 132 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट देने का वादा किया. कन्फर्म करने के लिए जब कंपनी मालिक बालसुब्रह्मण्यम ने दिए गए लैंडलाइन नंबर पर फोन किया. तो अधिकारी के सचिव के तौर पर सुकेश की पत्नी लीना ने फोन उठाया. कंपनी मालिक को भरोसा हो गया.

इस पर सुकेश ने एक पेंच फसाया. बोला 132 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट तभी मिलेगा. जब वो 19 करोड़ रुपये जमा कराए. इतने रुपये थे नहीं तो व्यापारी ने केनरा बैंक से लोन मांगा. लोन नहीं मिल रहा था तो सुकेश ने बैंक मैनेजर को भी झांसे में ले लिया. फर्जी सरकारी कागज दिखा ये भरोसा दिला दिया कि कंपनी को बड़ा टेंडर मिलने वाला है. लोन पास हो गया. जबकि बैंक के बड़े अधिकारियों को भनक लगी, खाता सीज किया. तब तक सुकेश 12 करोड़ रुपये के वारे-नारे कर गया.  

सुकेश कई बार पकड़ा गया. जमानत मिलती, फिर नए शिकार पर लग जाता. यहां तक कि तमिलनाडु के बड़े नेता टी.टी.वी. दिनाकरण 2017 में सुकेश ने अपने जाल में फांस लिया था. सुकेश को पता था कि शशिकला के भतीजे दिनाकरण किसी भी तरह से जयललिता की विरासत को हथियाने के लिए बेचैन हैं और अपनी पार्टी AIDMK के  ''दो पत्ते’’ वाले निशान को हासिल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. सुकेश ने इसका फायदा उठाया. उसने दिनकरण से संपर्क किया और उन्हें बताया कि वह चुनाव आयोग के अधिकारियों को जानता है और 50 करोड़ रुपए खर्च करके वह उन्हें दिनकरण के पक्ष में फैसला करने के लिए राजी कर सकता है. बाद में, दिल्ली के एक होटल में चुनाव आयोग के कुछ अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश करते हुए, सुकेश को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हालांकि दिनाकरण ने सभी आरोपों से इनकार किया था.  

जैकलीन फर्नांडिस को कैसे फंसाया?

अगर सुकेश के कारनामों की लिस्ट बनेगी तो ये सारे उसके लिए छोटे-मोटे थे. असली खेल तो उसने दिल्ली की रोहणी जेल में रहकर किया. इसी के बाद जैकलीन फर्नांडिस की भी जालसाजी केस में एंट्री होती है. चुनाव आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में सुकेश जेल में बंद था. तभी उसे पता चला कि उद्योगपति शिविंदर मोहन सिंह भी उसी जेल में बंद हैं. जो दवाइयों की कंपनी रेलीगेयर एंड रैनबैक्सी और फोर्सिस हॉस्पिटल चेन के वाइस चेयरमैन रहे हैं. शिविंदर और उनके भाई मलविंदर को 2019 में आर्थिक धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामले में ED भी जांच कर रही है.

यहीं पर सुकेश को अपना अगला शिकार मिल गया. पहले तो उसने शिविंदर सिंह के बारे में पूरी जानकारी जुटाई. फिर उनकी पत्नी अदिति सिंह को ठगने का पूरा प्लान बनाया. सबसे पहले उसने जेल अधिकारियों को रिश्वत देकर मोबाइल और इंटरनेट का जुगाड़ कर लिया. सुकेश ने सबसे पहले 15 जून, 2020 को अदिति के सेलफोन पर कॉल किया. हालांकि स्मार्टफोन में इजराएली सिम कार्ड था, सुकेश ने एक स्पूफिंग ऐप का इस्तेमाल किया जिससे अदिति के फोन पर फ्लैश होने वाला नंबर केंद्रीय गृह मंत्रालय का दिख रहा था. 

अब ठगी का तरीका देखिए. वो अदिति से केंद्रीय कानून सचिव अनूप कपूर के तौर पर अपना परिचय कराता है. अदिति से कहता कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर फोन कर रहा है. स्वास्थ्य सेवा में शिविंदर की विशेषज्ञता को देखते हुए,,सरकार उन्हें कोविड पर एक उच्च समिति में शामिल करना चाहती है और इसलिए जेल में बंद व्यवसायी को जल्द से जल्द जमानत दिलाने में मदद करना चाहती है.

सुकेश ने दिन में बाद में अदिति को फिर से फोन किया. इस बार उसने अपना परिचय अभिनव के रूप में देते हुए खुद को अनूप कुमार का अवर सचिव बताया, और उनके परिवार की मदद की सरकार की मंशा को दोहराया. फोन पर तीन बार बात करने के बाद 'अभिनव बने सुकेश ने अदिति से पार्टी फंड में 20 करोड़ रुपए का योगदान करने को कहा. अदिति पति को छुड़ाने के लिए झांसे में फंस गई. भुगतान दो किस्तों में किया.  पहला 1 करोड़ रुपए हांगकांग से भेजे और 19 करोड़ रुपए दिल्ली में नकद दिए गए. 

जिसे सुकेश के दो साथियों ने लिया. इसके बाद सुकेश और पैसे की मांगने लगा. वो शिविंदर और उनके बच्चों के बारे में बहुत सी सटीक व्यक्तिगत जानकारियों के बारे में बताता है. जिससे अदिति को डर लगने लगा कि कि वो वास्तव में उनके पति और बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है. उसने अदिति को इतना डरा दिया कि पति और बच्चों से इसकी चर्चा किए बिना पैसे के जुगाड़ में लग गईं. गहने बेचे, दोस्तों, परिवार वालों से उधार लिए, निवेश समेत सारी संपत्ति को दांव पर लगा दिया.

इसके बाद हुआ ये कि अदिति ने 2020 से मई 2021 के बीच सुकेश को 40 ट्रांजैक्शन में 200 करोड़ रुपए का भुगतान किया. इतने ट्रांसजेक्शन पर ईडी को शक हुआ, चूंकि अदिति के पति और फोर्टिस के वाइस चेयरमैन रहे शिविंदर तो पहले से ही ईडी की रडार पर थे. जांच शुरु की तो मामला खुलता गया. इसी मामले की जांच के दौरान कानूनी एजेंसियों को महंगे तोहफे देने के शौक के बारे में जानकारी मिली.  जो दंग कर देने वाली थी. केस में ईडी की तरफ से फाइल चार्जशीट के मुताबिक सुकेश ने फरवरी, 2021 और अगस्त, 2021 के बीच अभिनेत्री जैकलिन फर्नांडीस और उनके परिवार को दिए तोहफों पर 7 करोड़ रु. खर्च किए. दोनों की कुछ अंतरंग तस्वीरों के आधार पर एजेंसी का मानना है कि उनके बीच रोमांटिक रिश्ते थे. हालांकि जैकलिन ने इससे इनकार किया है.

फिलवक्त जैकलीन इस केस में ईडी और दिल्ली पुलिस की रडार पर हैं. आरोप है कि उन्हें जालसाजी के बारे में पता लगने के बाद उन्होंने ने महंगे तोहफे लिए. जैकलीन का पक्ष कहता है, उन्हें जालसाजी के बारे में पता ही नहीं था. फिलहाल जांच जारी है. एक और बात जैकलीन ही नहीं उसे कई दूसरी अभिनेत्रियों को भी फांसने की कोशिश. लिस्ट में नोरा फतेही, जाह्नवी कपूर, सारा अली खान, भूमि पेडणेकर का भी नाम शामिल है. मगर उन्होंने तोहफे लेने से मना कर दिया, सो बच गईं. 

वीडियो: जैकलीन फर्नांडिस को फांसने वाले सुकेश चंद्रशेखर ने जेल से 200 करोड़ कैसे ठगे?

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