राजस्थान पंचायती राज LDC में सेलेक्ट हुए सात साल हो गए, अब तक जॉइनिंग नहीं हुई
अशोक गहलोत की सरकार ने 2013 में निकाली थी भर्ती, 2018 में दोबारा सरकार बनी, पर भर्ती नहीं हुई.

कांग्रेस के नेताओं ने वादा किया था कि जो भर्ती हमारे कार्यकाल की शेष रही है उसे सत्ता में आते ही पूरा करेंगे. इस तरह इन्होंने पंचायती राज विभाग में LDC 2013 की भर्ती को भी पूरा करने का वादा किया था. 5 मार्च 2019 को इन्होंने बचे हुए पदों पर भर्ती के लिए कैलेंडर भी जारी कर दिया था. लेकिन उसके बाद लोकसभा की आचार संहिता लग गई तो भर्ती को इन्होंने पेंडिंग कर दिया. साल भर से ज्यादा का समय बीत चुका है. धरना प्रदर्शन सब हुआ. लेकिन भर्ती अब तक नहीं हुई.ये कहना है राम सिंह का. राजस्थान के रहने वाले राम सिंह जिस भर्ती की बात कर रहे हैं वो अशोक गहलोत की सरकार ने 2013 में निकाली थी. सरकार बदली. मुख्यमंत्री बदले. पांच साल का कार्यकाल पूरा हुआ. फिर सरकार बदली, अशोक गहलोत दोबारा मुख्यमंत्री बने. लेकिन ये भर्ती पूरी नहीं हुई.
क्या है पूरा मामला? 2013 में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने 19515 पदों के लिए भर्ती निकाली. ये भर्ती प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो लोवर क्लर्क लगाने के लिए निकाली गई थी. मनरेगा, जलग्रह, सर्व शिक्षा अभियान, स्वच्छ भारत मिशन आदि में संविदा पर काम करने वालों को इस भर्ती में अनुभव के आधार पर बोनस देने का फैसला किया गया. एक साल के अनुभव वाले को 10 अंक, दो वाले को 20 और तीन वाले को 30 अंक. अधिकतम 30 अंक ही बोनस दिए जा सकते थे. भर्ती पूरी हुई और 7755 अभ्यर्थियों को जॉइनिंग भी मिल गई. इसी बीच कुछ अभ्यर्थी बोनस अंकों के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए. हाईकोर्ट ने 15 जुलाई 2013 को भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी. मनरेगा कार्मिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक वैर्ष्णव बताते हैं,#पंचायतीराज_LDC2013 The pre-election Congress party's slogan was, "Now there will be justice". Recruitment of Panchayati Raj Department 2013 is still stuck till date.Recruitment is in place even after the government comes back. @ashokgehlot51 @SachinPilot @RajCMO @zeerajasthan_
— Sanjay (@Sanjay18718066) June 14, 2020
हम लगभग 9 हजार लोग पहले से ही राजस्थान सरकार के पंचायती विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे थे. सरकार ने हमारे लिए बोनस अंक का प्रावधान किया. मेरिट सूची जारी हो गई और इसके बाद सरकार ने पहले लाट में लगभग 9 हजार लोगों की फाइनल लिस्ट जारी की. फिर दूसरी लिस्ट भी आई बचे हुए दस हजार लोगों की. दूसरी लिस्ट में शामिल लोगों का पुलिस वेरिफिकेशन, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन आदि भी कर लिया गया. पूरा प्रोसेस कर लिया बस हमें नियुक्ति पत्र मिलना बाकी था. लेकिन तभी मामला हाईकोर्ट में चला गया.
हाईकोर्ट ने 10,20,30 की जगह 5,10,15 बोनस अंक तय कर दिए. सरकार और बोनस पाने वाले अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट गए. 29 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने 10,20,30 को सही ठहराया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अभ्यर्थी फिर से हाईकोर्ट गए और सभी पदों पर नियुक्ति की मांग की. सरकार ने 15 जुलाई 2017 तक शेष पदों पर नियुक्ति देने की बात कही. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अशोक बताते हैं,माननीय मुख्यमंत्री गहलोत जी LDC भर्ती 2013 को 7 साल हो गए लेकिन अभी तक पूरी नहीं हुई है! 10029 पद पर अभी भी बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति का इंतजार हैं!
कृपया मामले को संज्ञान में ले, ताकि युवाओं का भविष्य खराब होने से बच जाये।#पंचायतीराज_LDC2013 @Dev1pj9 @sanjaym1993 pic.twitter.com/EaSkzjPYHh — Narayan Godara (@Narayan30658953) June 14, 2020
सुप्रीम कोर्ट से आदेश के बाद हमने प्रेशर बनाना शुरू किया कि भाई हमें नौकरी दो. नवंबर में फैसला आया, दिसंबर-जनवरी में हम पीछे लगे तो इन्होंने कहा कि हम कर रहे हैं. हमारे साथ के ही अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट में सरकार ने एफिडेविट दिया कि 17 जुलाई 2017 तक हम बची हुई सारी 10029 पोस्ट को भर देंगे. इसके बाद सरकार का पूरा कार्यकाल निकल गया हमें नियुक्ति नहीं मिली.
2018 में फिर से अशोक गहलोत सत्ता में आए तो बाकी के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा किया. 1 मार्च 2019 को सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर पोस्ट किया. लेकिन इसके बाद लोकसभा चुनाव आ गया और फिर अब एक साल हो चुके हैं. अशोक कहते हैं,यहां निवास पर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए युवाओं ने मुलाकात कर पंचायतराज विभाग की कनिष्ठ लिपिक भर्ती में शेष रहे 10 हजार 29 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के महत्वपूर्ण निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया।इस निर्णय से करीब 6 साल से नियुक्ति की राह देख रहे युवाओं की आस पूरी होगी pic.twitter.com/wcWfBSBlte
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 1, 2019
1 मार्च 2019 को मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल से हमें खाली पदों को भरने की जानकारी दी. दो मार्च को हम उनके पास गए उन्हें मिठाई भी खिलाई कि हम आपका आभार प्रकट करते हैं. उसके तीन दिन बाद ही 5 मार्च को 10029 पोस्ट भरने का ऑर्डर पंचायती राज विभाग ने जारी कर दिया. 11 मार्च को लोकसभा की आचार संहिता लग गई और फिर बात वहीं अटक गई. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के टोंक विधानसभा में हमने दिसंबर में 21 दिन तक आमरण अनशन किया. करीब 40 लड़कों ने. उस समय हमें कहा गया कि हम जल्द ही आपके जॉइनिंग ऑर्डर जारी करा रहे हैं. लेकिन हुआ कुछ नहीं. अब 7 साल बीत चुके हैं और हमारी कोई सुनने वाला नहीं है.पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी राजस्थान सरकार में उपमुख्यंत्री सचिन पायलट के पास है. उनके विधानसभा क्षेत्र में सफल अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन भी किया. भूख हड़ताल पर भी बैठे. लेकिन उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों का रवैया बेहद उदासीन रहा. ऐसा लगता है जैसे राजस्थान सरकार को इस भर्ती को पूरा कराने में कोई दिलचस्पी ही न हो.
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