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कौन है ये एक्टर, जिसने रामायण में ढेरों रोल किए हैं और जिसके मीम सोशल पर ग़दर काट रहे हैं

इस एक्टर ने एक बार तो रामानंद सागर तक को रुला दिया था अपनी एक्टिंग से.

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विभिन्न रोल में असलम खान
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विजेता दहिया
7 अप्रैल 2020 (Updated: 7 अप्रैल 2020, 03:11 PM IST) कॉमेंट्स
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कुछ दिन से 'रामायण' सीरियल के एक एक्टर फेसबुक पर जमकर वायरल हो रहे हैं. पॉपुलर होने की वजह है रामायण में इनके बहुत सारे रोल.
कौन हैं ये? नाम है असलम खान. ट्विटर पर ज़ैग़म नाम के एक यूज़र ने लिखा -
"यह मेरे लिए एक गर्व का क्षण है. डीडी नेशनल पर रामायण को दिखाने के लिए धन्यवाद. मेरे पिता श्रीमान असलम खान मुख्य सपोर्टिंग रोल का हिस्सा रहे हैं. पूरी रामायण टीम को बहुत बहुत धन्यवाद."
साथ में असलम जी की कुछ तस्वीरें साझा की. दर्शकों को इन्हें पहचानना आसान हो गया. ये कभी ऋषि मुनि के वेश में दिखते हैं, कभी गुप्तचर के भेष में. कभी वानर बनकर राम की तरफ से लड़ते हैं, तो कभी राक्षस के रोल में गरजते हैं. इनका सबसे अहम रोल है समुद्र देव का.
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असल ज़िंदगी में असलम खान

'चलो महाराज ने बुलाया है.'
यूट्यूब चैनल नारद टीवी ने इनसे फ़ोन पर बातचीत की. इनके टीवी के सफर के बहुत से किस्से सामने आए. असलम 1961 में झांसी में पैदा हुए. जब एक साल के थे, परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया. क्योंकि पिताजी की रेलवे में नौकरी थी. मुंबई में ही पले-बढ़े. 19-20 साल के हुए, तो इधर-उधर नौकरी ढूंढने लगे. रेलवे में नौकरी के लिए फॉर्म भरा. फिर प्राइवेट नौकरी देखने लगे.
एक्टिंग में इनकी कोई रुचि नहीं थी. लेकिन इनके एक दोस्त 'यात्री' थिएटर ग्रुप में काम करते थे. एक दिन इन्हें नाटक दिखाने ले गए. पहली बार इन्होने ऐसा कुछ देखा था. अच्छा लगा. उसके कुछ दिन बाद दोस्त ने कहा शूटिंग पर चलने को. वे 'विक्रम और बेताल' सीरियल में छोटे-मोटे रोल करते थे. बोले कि चलो, तुम भी कोई रोल कर लेना. इनको एक्टिंग का कुछ पता नहीं था. लेकिन दोस्त के साथ पहुंच गए 'सागर विला'. किसी असिस्टेंट ने इनके नाम लिख लिए.
उस दिन एक एक्स्ट्रा कैरेक्टर को डायलॉग बोलना था -
"चलो महाराज ने बुलाया है."
पूछा गया कि कौन बोल सकता है डायलॉग. आज किसी नए चेहरे को इसके लिए लिया जाए. नज़र पड़ी असलम पर. कहा गया कि डायलॉग बोलकर दिखाओ. इन्होंने डायलॉग बोला ज़ोर से चिल्लाकर. समझाया गया कि भाई, इतना जोश नहीं. थोड़ा आराम से. उस दिन इनका वह शॉट हुआ. और इनके टीवी करियर की शुरुआत हुई. धीरे धीरे ऐसे ही दूसरे रोल करने लगे.
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'ब्रह्मा विष्णु महेश' सीरियल में असलम खान

रामायण में एंट्री -
उस सीरियल पर असिस्टेंट थे विजय काविश. वही जो 'रामायण' में 'शिव' और 'वाल्मीकि' बने हैं. असलम को बोले कि तुम में कॉन्फिडेंस आ ही गया है. चलो, तुम्हें रामायण में भी रोल करवाते हैं. 'रामायण' भी रामानंद सागर की पेशकश थी.
उसमें सिलेक्शन का जिम्मा मिला हुआ था 'पापा जी' को. वे बहुत ध्यान से कास्टिंग करते थे. चेहरा केरेक्टर से मिलता है कि नहीं. एक्टर के एक्सप्रेशन कैसे हैं. सब देखते थे.
असलम में उन्हें अपने 'संत एकनाथ महाराज' मिल गए. उसके बाद नए नए रोल मिलने लगे. कभी गांव वाला, तो कभी निषादराज के सेनापति.
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असलम खान निषादराज के सेनापति के रोल में.

कैसे मिला समुद्र देवता का रोल -
अब देखिए किस्मत का फेर. समुद्र देवता के लिए एक एक्टर को चुना गया था. वह एक्टर शूटिंग पर पहुंचा नहीं. उसका इंतज़ार किया जाने लगा. उसी समय किसी ने असलम को स्क्रिप्ट दे दी. बोले कि डायलॉग याद कर तैयार रहो. तुम्हारा नंबर पड़ सकता है.
वह एक्टर इंतज़ार करने पर भी नहीं आया. कैमरामैन थे अजीत नायक. उन्होंने 'पापा जी' को बोला कि सर, एक बार असलम से करवाकर देख लो. असलम पहले से तैयार थे. खट से डायलॉग सुनाया, और फट से रोल मिला. यह उनका अब तक का सबसे अहम रोल था. उसके बाद सब लोग उन्हें 'समुद्र देवता' ही बुलाने लगे. इस रोल में उनकी एक्टिंग देखिए -

कृष्ण के लिए दीवानगी-
फिर उन्होंने अरुण गोविल के सीरियल 'मशाल' में भी काम किया. 'अलिफ़ लैला' में नज़र आए. 'ये हवाएं' सीरियल में एक बाबा का रोल किया. संजय खान ने इनको 'महारथी कर्ण' में जयद्रथ का रोल दिया. वह केरेक्टर जो अभिमन्यु की हत्या करता है. और अगले दिन अर्जुन जिसका वध करते हैं.
रामानंद सागर इन्हें बहुत पसंद करने लगे थे. कहते थे कि वो बड़ी-बड़ी आंखों वाला कहां है. 'कृष्णा' सीरियल में इनको एक अंधे व्यक्ति का रोल दिया. जो कृष्ण के लिए दीवाना हो चुका है. सागर ने सब अच्छे से एक्सप्लेन किया. कहां से आएगा, कहां गिरेगा. असलम ने सब ध्यान से सुना. उसके बाद गाना शूट हुआ.
सीन 'कट' हुआ. सागर इनके पास आए, और इन्हें गले लगा लिया. कृष्णा में इनका 'द्वारपाल' का रोल भी इन्होंने खूब निभाया.

भावुक होकर रोने लगे रामानंद सागर
एक और महत्वपूर्ण रोल किया अधिरथ का. जिन्होंने कर्ण को पाला था. एक सीन था जिसमें अधिरथ कर्ण के बड़ा होने पर उसे सच्चाई बताते हैं. कि वह सूतपुत्र नहीं है. वह उनको नदी में एक टोकरी में मिला था.
जब एपिसोड टेलीकास्ट हुआ, तो पूरी टीम इकट्ठे बैठकर देख रही थी. असलम वाला सीन आया. रामानंद सागर उठे. जाकर टीवी के पास बैठ गए. सीन ख़त्म हुआ तो टीवी में अधिरथ रो रहे थे. और टीवी के बाहर रामानंद सागर. असलम को आवाज़ लगाई. अरे, मेरा बंदा कहां है. असलम आए, तो उनको कसकर गले लगा लिया.
'जय माता की' सीरियल में उन्होंने दुर्वासा ऋषि का रोल किया. जो क्रोधित होकर किसी राजा को श्राप देते हैं. पुनीत इस्सर डायरेक्ट कर रहे थे. असलम की एक्टिंग से इतने खुश हुए कि अपनी अगली फिल्म 'गर्व' में रोल देने का वादा कर दिया. हालांकि किसी वजह से असलम को वह रोल नहीं मिल सका.
रामायण से मिली ज़िंदगी की जरूरी सीख -
2002 में असलम ने फिल्म लाइन छोड़ दी. मन भर गया था. अब वे झांसी में रहते हैं. किसी कंपनी में काम करते हैं.
उन पर बन रहे मीम्स को लेकर उत्साहित हैं. बोले कि काश, उस वक़्त अगर सोशल मीडिया होता, तो शायद तभी पॉपुलर हो जाता. कुछ और अच्छे रोल मिलते. लेकिन अब भी अच्छा लग रहा है.
रामायण का उनकी ज़िंदगी पर क्या प्रभाव पड़ा? कहते हैं कि चाहे रामायण हो, भागवदगीता या क़ुरान, सभी में अच्छी बातें बताई गई हैं. वैसे रामायण में एक चीज़ अहम है. कि राम और सीता में बहुत सब्र दिखता है. इंसान को भी हमेशा सब्र रखना चाहिए.


वीडियो देखें - दूरदर्शन पर 'रामायण' सीरियल को हिट कराने में मीम्स बनाने वालों का बड़ा हाथ है

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