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प्रियंका गांधी फूट-फूटकर क्यों रोईं?

'वो दो मिनट तक चुपचाप मुझे देखती रहीं, फिर एक सवाल पूछकर रो पड़ीं.'

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नलिनी, प्रियंका
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कुलदीप
21 मई 2019 (Updated: 21 मई 2019, 06:02 AM IST) कॉमेंट्स
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ये भारत के राजनीतिक इतिहास की वो तस्वीर है, जिसे आप जब भी देखें, ठहर जाते हैं. 'जीवित' राजीव गांधी की आखिरी तस्वीर. उनकी हत्या से कुछ सेकेंड पहले.
Rajiv Gandhi Nalini
राजीव गांधी की आखिरी तस्वीर.

तमिलनाडु का श्रीपेरम्बदूर. 21 मई 1991. राजीव गांधी लोगों से मिल रहे हैं. तस्वीर में नीली साड़ी में एक महिला और एक स्कूली बच्ची दिख रही है. राजीव का हाथ बच्ची के कंधे पर है. इसके ठीक पीछे बालों में संतरी रंग के फूल लगाए खड़ी है. वही राजीव गांधी की कातिल थी. नाम था, धनु.
घड़ी में ठीक 10 बजकर 21 मिनट हुए थे. धनु राजीव गांधी से मिली, उनका अभिवादन किया. फिर उनके पांव छूने के बहाने झुकी और अपने कपड़ों में लगी RDX से लदी बेल्ट का डेटोनेटर दबा दिया. धमाका. राजीव गांधी और धनु समेत 15 लोगों की मौत.

इस साजिश में पांच लोग शामिल थे, जिसमें अब सिर्फ नलिनी श्रीहरन जिंदा है. जेल में सजा काट रही हैं और बीते सालों में कई वजहों से सुर्खियों में रही हैं.

नलिनी को भी कोर्ट ने मौत की सजा दी थी, लेकिन राजीव गांधी की पत्नी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने साल 2000 में नलिनी की बेटी की दुहाई देते हुए उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की अपील की. अपील स्वीकार कर ली गई. बाद में नलिनी ने अपने किए पर अफसोस भी जाहिर किया और ये भी कहा कि हत्या के असली गुनहगारों का अब तक कुछ नहीं बिगड़ा है. नलिनी ने बाद कोर्ट में अर्जी भी डाली कि जेल में 20 साल बिताने के आधार पर उन्हें रिहाई मिलनी चाहिए, लेकिन वह नहीं मिली.

गांधी परिवार ने नलिनी की फांसी तो माफ करवा दी, लेकिन क्या उन्हें हत्या के लिए भी माफ कर दिया?

कोई अपने पिता के हत्यारे से मिले तो क्या करेगा? प्रियंका गांधी जब पहली बार नलिनी श्रहरन से मिलीं तो उनके साथ क्या क्या हुआ, उन्होंने क्या कहा?

ये सारे ब्यौरे अब एक किताब की शक्ल में सामने आने वाले हैं. किताब का नाम है- 'राजीव गांधी असैसिन: हिडेन ट्रुथ्स'. लेखक एगलेवियन ने इसे नलिनी से बातचीत के आधार पर और उनकी इजाजत से लिखा है. किताब गुरुवार को ही रिलीज हुई है.
नलिनी को अब जेल में 24 साल हो गए हैं. वो भारत में सबसे लंबी सजा काटने वाली महिला हैं. किताब में उन्होंने जेल में अपने टॉर्चर और प्रियंका गांधी से अचानक हुई मुलाकात का जिक्र किया है.

नलिनी के मुताबिक,

प्रियंका ने मुझसे पूछा, 'मेरे पिता एक अच्छे आदमी थे! तुमने ऐसा क्यों किया?'
नलिनी के हवाले से इस किताब में लिखा है, 'मैं पहले ये सोचती थीं कि 17 साल की एक लड़की जो अपने पिता के घर लौटने का इंतजार कर रही थी, उस तक टीवी के जरिये पिता की मौत की खबर पहुंची. वो कैसे ये मानेगी कि मैं बेकसूर हूं.'
नलिनी, पुरानी तस्वीर. नलिनी, पुरानी तस्वीर.

'वो दो मिनट तक चुपचाप मेरी तरफ देखती रही. उस जगह की शांति डराने वाली थी. मैंने हिम्मत करके आंखें उठाईं और देखा कि उनके (प्रियंका के) गाल लाल हो चुके हैं. कांपते होठों से उन्होंने पूछा, 'तुमने ऐसा क्यों किया? मेरे पिता एक अच्छे आदमी थे. तुम्हें जो भी चाहिए था, बात करके सुलझा सकती थीं.'
ये कहते हुए प्रियंका फूट-फूट कर रोने लगीं. मैंने नहीं सोचा था कि ऐसा होगा. मुझे पता है कि आंसू कितने दर्दनाक होते हैं.
नलिनी ने प्रियंका के सवालों का जवाब भी दिया. उसने कहा, 'मैडम मुझे कुछ नहीं पता. मैं एक चींटी को भी नुकसान नहीं पहुंचा सकती. मैं हालात की कैदी हूं. मैंने सपने में भी किसी को नुकसान पहुंचाने के बारे में नहीं सोचा था.' नलिनी के मुताबिक, वो अपने दर्द से ज्यादा दर्द प्रियंका को रोते हुए देखने में महसूस कर रही थी.
प्रियंका ने फिर नलिनी से पूछा कि क्या तुमने अपने आप जुर्म स्वीकार कर लिया? नलिनी ने कहा कि मुझे लगातार टॉर्चर किया गया. मेंटली और फिजिकली. उन्हें मुझे ग्लूकोज देना पड़ा. मैं और नहीं लड़ सकी, जब उस अफसर ने अपना हाथ मेरी ड्रेस पर रख दिया. मैंने सरेंडर कर दिया और जो कनफेशन वो चाहते थे, मैंने उस पर साइन कर दिए.
प्रियंका ने पूछा कि क्या तुम उन सुसाइड बॉम्बर्स के बारे में जानती थीं. इस पर नलिनी ने कहा कि वो उनके बारे में कुछ नहीं जानती थी. नलिनी के मुताबिक, प्रियंका गांधी उनके साथ जिस तरह पेश आईं, उससे मैं प्रभावित हुई. मुझे लगा कि वो जरूर किसी बड़े पॉलिटिकल मूवमेंट को लीड कर सकती हैं.
600 पेज की ये किताब तमिल में लिखी गई है, जिसकी अलग-अलग प्रस्तावनाएं तमिल नेताओं ने करीब 100 पन्नों में लिखी है.
https://www.youtube.com/watch?v=Q-uSgPig69U


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