संजय झा कौन हैं, जिन्हें पहले कांग्रेस प्रवक्ता और फिर पार्टी से ही निलंबित कर दिया गया
संजय झा कांग्रेस पार्टी के लिए टीवी का चेहरा थे.
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लगभग सात साल तक पार्टी में रहे संजय झा को सचिन पायलट का पक्ष लेने के बाद पार्टी ने सस्पेंड कर दिया है. (फोटो www.sanjayjha.com)
कांग्रेस कवर करने वाले पत्रकार कहते हैं कि राहुल गांधी को इस इंटरव्यू के लिए संजय झा ने राजी किया था. उन्होंने ही अर्णब के साथ ये इंटरव्यू फिक्स किया था. वही संजय झा, जो कभी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हुआ करते थे. अब पार्टी ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से भी सस्पेंड कर दिया है.
पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया. अब सचिन पायलट. अगला कौन? देखते रहिए.
14 जुलाई दोपहर दो बजे संजय झा ने ये ट्वीट किया. उसी दिन शाम होते-होते कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया. संजय झा पहले कांग्रेस के प्रवक्ता थे. एक महीने पहले ही उन्हें इस पद से हटाया गया था. अब कांग्रेस ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी सस्पेंड कर दिया है. पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासन तोड़ने के मामले में. हालांकि झा सोनिया गांधी से पूछ रहे हैं कि उनकी गलती क्या है, जो उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है.First, Jyotiraditya Scindia.
Now, Sachin Pilot.
Who next?
Watch this space!
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) July 14, 2020
राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही लड़ाई में संजय झा ने सचिन पायलट का पक्ष लिया था. उन्हें सीएम बनाने की बात की थी. पिछले कुछ समय से वो ट्विटर पर कांग्रेस के खिलाफ खुलकर लिख रहे थे. सिंधिया और पायलट को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में देखने वाले संजय झा ने तो सचिन पायलट को पीएम मटेरियल तक बता दिया है.Shri Sanjay Jha has been suspended from the Congress Party with immediate effect for anti-party activities and breach of discipline. pic.twitter.com/TaT0gWbCc7
— Maharashtra Congress (@INCMaharashtra) July 14, 2020
आखिर कौन हैं संजय झा?
आप को कौन से संजय झा से मिलवाएं. वो संजय झा, जो अपने बारे में कहते हैं कि कांग्रेस उनके डीएनए में है. भले ही कांग्रेस ने उन्हें निलंबित कर दिया है, इसके बावजूद वो कांग्रेस पार्टी में रहेंगे. कांग्रेस पार्टी के लिए लड़ेंगे. या उस संजय झा से, जो कभी क्रिकेट की वेबसाइट के संस्थापक रहे, क्रिकेट एक्सपर्ट के रूप में टीवी चैनलों पर दिखे, या फिर उस संजय झा से, जो किताबों के लेखक हैं, या फिर उस संजय झा से जो खुद को पॉलिटिशियन कहते हैं. या लुटियन मुंबई के उस संजय झा से, जो मोटिवेशन स्पीकर हैं. अखबारों में लेख लिखते हैं. हम एक-एक करके सभी से मुलाकात करवाएंगे.इस तरह शुरू हुई राजनीतिक पारी
साल 2013. लोकसभा चुनाव से एक साल पहले का वक्त. 'अबकी बार मोदी सरकार' का नारा गुंजने लगा था. माहौल ऐसा था कि कांग्रेस का नाम लेने वालों तक से लोग चिढ़ने लगते थे. वैसे समय में संजय झा अंग्रेजी न्यूज चैनलों पर कांग्रेस को डिफेंड करते थे. अपनी फर्राटेदार अंग्रेजी में. ऐसे माहौल में, जब 'कांग्रेस मुक्त भारत' की बातें होने लगी थीं, संजय झा कांग्रेस में शामिल हुए थे. महाराष्ट्र कांग्रेस में उन्होंने सदस्यता ली. खुद को एंटरप्रेन्योर बताने वाले संजय झा कांग्रेस प्रवक्ता बनने से पहले क्रिकेट के एक्सपर्ट के तौर पर टीवी पर दिखाई देते थे. उस समय वो खुद एक क्रिकेट की वेबसाइट चलाते थे. नाम था CricketNext.Com.इसके वो फाउंडर थे. धीरे-धीरे टीवी का चेहरा बने और फिर कांग्रेस का प्रवक्ता.जब उन्हें कांग्रेस का प्रवक्ता बनाया गया, कांग्रेस सर्कल में उनके बारे में बहुत कम लोग जानते थे. लेकिन कांग्रेस को उस समय चेहरा चाहिए था, जो टीवी चैनलों पर कांग्रेस का बचाव कर सके. ऐसे संजय झा ने अंग्रेजी चैनलों पर कांग्रेस का पक्ष रखना शुरू किया.

पार्टी के लिए सिर्फ टीवी का चेहरा!
संजय झा कांग्रेस के लिए टीवी का चेहरा थे. वो कभी पार्टी के मंच पर नहीं दिखे. संजय झा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने एक ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की, वो भी डिजास्टर साबित हुई. वो पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दे पाए थे. उसके बाद उन्हें किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं बुलाया गया.ये दिल मांगे मोर
संजय झा कांग्रेस के प्रवक्ता थे. लेकिन सिर्फ प्रवक्ता बनकर नहीं रहना चाहते थे. उन्हें उम्मीद थी कि देर-सबेर उन्हें राज्यसभा का टिकट मिल जाएगा. कांग्रेस की राजनीति पर नजर रखने वाले कहते हैं कि संजय झा के साथ ही प्रियंका चतुर्वेदी भी टीवी पर कांग्रेस का बचाव करती थीं. संजय के साथ ही उन्होंने भी कांग्रेस का हाथ थामा था. लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस छोड़ शिवसेना का दामन थाम लिया. पार्टी ने प्रियंका को कुछ महीने के भीतर ही राज्यसभा सांसद बना दिया.
फिर संजय झा को लगा कि ये क्या हो रहा है. कांग्रेस के अंदर की खबर रखने वाले एक पत्रकार ने बताया कि पार्टी में किसी ने उन्हें राज्यसभा टिकट के लिए आश्वस्त किया था, लेकिन बात बनी नहीं. ऐसे में संजय झा प्रेशर पॉलिटिक्स करने लगे. कांग्रेस के खिलाफ खुलकर आर्टिकल लिखने लगे. ट्विटर पर भी पार्टी और पार्टी आलाकमान के खिलाफ लिखने लगे. नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस ने पहले प्रवक्ता पद छीना और फिर पार्टी से ही सस्पेंड कर दिया.
पढ़ाई-लिखाई का शौक
संजय झा को पढ़ने-लिखने का शौक है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उनेक पिता उनके बर्थडे पर किताबें गिफ्ट किया करते थे. पंडित जवाहरलाल नेहरू की 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' और गांधी की लिखी किताबें उन्होंने बहुत पहले पढ़ ली थीं. नेहरू और गांधी के विचारों से प्रभावित होकर खुद को कांग्रेसी बना लिया. संजय झा अंग्रेजी के अखबारों में कई मुद्दों पर लेख लिखते हैं. उन्होंने दो किताबें भी लिखी हैं. 11—Triumphs, Trials and Turbulence in Indian cricket. क्रिकेट पर लिखी उनकी किताब है. Superstar Syndrome The Making Of A Champion के सह लेखक हैं. ये किताब 2013 में आई थी.संजय झा ने टॉप बिजनेस स्कूल में से एक XLRI college जमशेदपुर से MBA किया है. पुणे यूनिवर्सिटी के गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स से इकोनॉमिक्स में मास्टर किया है. पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है.
जब अपने बयानों की वजह से घिरे
संजय झा अपने विवादित बयानों की वजह से भी चर्चा में रहे हैं. एक बार उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सबसे कमजोर प्रधानमंत्री बता दिया था. उन्होंने कहा था कि अपनी सरकार बचाने के लिए उन्होंने गुजरात में दंगों को रोकने की कोशिश नहीं की, यह कमजोर प्रधानमंत्री होने की निशानी है. इस बात पर खूब बवाल हुआ था. वहीं पीएम मोदी के बारे में उन्होंने कहा था- उनके बाल सफेद हैं, लेकिन वो ब्लान्ड लगते हैं. उनके इस रिमार्क को सेक्सिएस्ट करार दिया गया था. इसकी काफी आलोचना हुई थी.Video: जब मायावती के इस दांव ने अटल बिहारी बाजपेयी को चारों खाने चित्त कर दिया था