भारत की लड़की मिस यूनिवर्स नहीं बन पाई, क्योंकि कपड़ों का ट्रक नहीं पहुंचा!
हाथ तक आया मुंह ना लगा. 2011 मिस इंडिया-यूनिवर्स के साथ यही हुआ था.
ऐसा दर्द ना तो दिल टूटने पर होता है, ना सिर फूटने पर. जो दर्द होता है आता हुआ पेपर छूटने पर. किसी एग्जाम की पूरी तैयारी कर के जाओ. और एडमिट कार्ड ले जाना ही बिसरा जाए. एग्जाम में बैठने को ही ना मिले. हमेशा एक यही मलाल रह जाता है. अगर एग्जाम देने को मिल जाता, शायद क्वालीफाई कर ही जाते. तैयारी पूरी थी. लेकिन. सिर्फ अफ़सोस रहता है. ये दर्द और तब बढ़ जाता है जब वो एग्जाम मिस यूनिवर्स कॉन्टेस्ट हो.
आय एम शी-मिस इंडिया-यूनिवर्स 2011 के साथ यही हुआ था.

वासुकी सुन्कावल्ली 2011 में मिस इंडिया बनी. बहुत सारे टीवी ऐड्स में आई. मॉडलिंग की. प्रोफेशन से वकील हैं. 2011 में ब्राज़ील में मिस यूनिवर्स कॉन्टेस्ट हुआ था. वासुकी पहुंचीं. लेकिन वो ट्रक, जिसमें उनके कपड़े आ रहे थे. वो कस्टम में फंस गया. छूटा ही नहीं. इस वजह से वासुकी मिस यूनिवर्स में नेशनल कॉस्टयूम राउंड में पार्टिसिपेट ही नहीं कर पाईं.
पूरा देश यहां नज़र टिकाये बैठा था. वहां वासुकी की हालत क्या हो रही होगी, ज़रा अंदाज़ा लगाओ. सब कुछ सही था. बस कपड़े वक़्त पर नहीं पहुंचे. बहुत सारे लोग हैं, जो फाइनल तक नहीं पहुंच पाते. पहले ही निकल जाते हैं. लेकिन वो उनके परफॉरमेंस की वजह से होता है. कस्टम में ट्रक फंसे रह जाने की वजह से हिस्सा लेने का मौका नहीं मिला. इमेजिन करो कित्ता गुस्सा आया होगा उस बालिका को.