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दिल्ली हिंसा में किस-किस समय क्या हुआ, यहां देख लीजिए

हरेक घंटे का हिसाब.

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जाफराबाद-मौजपुर में हुए प्रदर्शन का एक सीन. सरेआम फायरिंग करता हुआ शाहरुख. फोटो- PTI.
जाफराबाद-मौजपुर में हुए प्रदर्शन का एक सीन. सरेआम फायरिंग करता हुआ शाहरुख. फोटो- PTI.
25 फ़रवरी 2020 (Updated: 25 फ़रवरी 2020, 08:28 IST)
Updated: 25 फ़रवरी 2020 08:28 IST
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दिल्ली में हिंसा हो रही है. सीलमपुर के आसपास के कई इलाके - मसलन, ज़ाफराबाद, भजनपुरा, चांद बाग़, मौजपुर - इस हिंसा की ज़द में हैं. नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध और समर्थन करने वाले गुटों के बीच पथराव हुए हैं. गोलियां चली हैं. ये खबर लिखे जाने तक 7 लोगों के मारे जाने की खबर आई है. इनमें एक दिल्ली पुलिस का जवान है, बाकी 6 आम नागरिक. दिल्ली में कब क्या कैसे घटा? दिन के किस पहर क्या हुआ? कैसे घटनाएं सामने आयीं? ये भी एक बड़ा सवाल है. और इसका पूरा ब्यौरेवार जवाब हमारे पास. सबकुछ शुरू हुआ 22 फरवरी की रात से. 22 फरवरी, रात 10:30 बजे : क़ानून का विरोध कर रहे बहुत सारे लोग जमा हुए. ज़ाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सड़क के एक बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लिया. खबरों में कहा गया कि भीम आर्मी ने राष्ट्रव्यापी बंद का ऐलान किया था. उसके मद्देनज़र ये कदम उठाया गया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वो चांद बाग़ से राजघाट तक पैदल मार्च करेंगे. 23 फरवरी, सुबह 9 बजे : प्रदर्शनकारियों से कहा गया कि वे रास्ता खाली करें. ट्रैफिक की समस्या पड़ा हो रही है. और राजघाट तक मार्च करने की कोई इजाज़त नहीं है. इस समय तक भाजपा नेता कपिल मिश्रा लगातार अपने ट्विटर पर प्रदर्शन के बारे में कुछ न कुछ लिख रहे थे. दोपहर चढ़ते-चढ़ते कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया. नागरिकता संशोधन क़ानून का समर्थन कर रहे लोगों से अपील की कि 3 बजे भारी संख्या में मौजपुर चौक पर पहुंचें. 23 फरवरी, शाम 3:30 से 4 बजे का समय : कपिल मिश्रा ने एक भाषण दिया. कहा कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें कहा है कि वो आगे न जाएं. एसीपी की मौजूदगी में कपिल मिश्रा ने तीन दिन का अल्टीमेटम दिया. कहा कि फिर दिल्ली पुलिस की भी नहीं सुनेंगे. इसके बाद कपिल मिश्रा चले गए. इसके तुरन्त बाद पत्थरबाज़ी शुरू हुई. मौजपुर चौक के पास CAA समर्थक मौजूद थे, बाबरपुर के पास विरोधी. दोनों पक्षों के बीच पत्थर चलने शुरू हुए. 23 फरवरी, शाम 4 से 5 के बीच का वक़्त : मौजपुर, करावल नगर, बाबरपुर और चांद बाग़ में हिंसा फ़ैल गयी. पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू किया. आंसू गैस के गोले छोड़े. कई वीडियो सामने आये. पुलिस क़ानून के समर्थकों के साथ मिलकर या तो पत्थर चलाते हुए दिखी. या तो मूकदर्शक की तरह. पुलिस से सवाल पूछे गए. कोई जवाब नहीं. 23 फरवरी, शाम 7 से 8:30 बीच का वक़्त : थोड़ी देर तक शान्ति. फिर से हिंसा भड़क गयी. 23 फरवरी, रात 9 से 11 का समय : दोनों पक्षों की ओर से हिंसा होने लगी. मौजपुर, करावल नगर, बाबरपुर और चांद बाग़ में. कारों और गाड़ियों को तोड़ा गया. आग लगा दी गयी. दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया गया. 24 फरवरी, सुबह 10 बजे : ज़ाफराबाद में प्रदर्शन जारी थे. कानून का समर्थन करने वाले लोग विरोधियों के बहुत करीब आ गए. जाफराबाद से जाने से इंकार कर दिया. मांग की कि तब तक नहीं जायेंगे, जब तक CAA का विरोध कर रहे लोग छोड़कर जाते नहीं या उन्हें हटाया नहीं जाता. 24 फरवरी, दोपहर 12 से 1:30 का समय : बाबरपुर में दोनों पक्षों की ओर से पत्थरबाजी शुरू हुई. पैरामिलिट्री फ़ोर्स को भी बुला लिया गया. पुलिस ने आंसू गैस के गोले चलाए. खबर चली कि आंसू गैस का प्रभाव ख़त्म करने के लिए महिलाओं ने बाल्टी भर-भरकर पानी फेंका. करावल नगर, शेरपुर चौक और गोकुलपुरी में भी हिंसा फैल जाने की खबरें आने लगीं. 24 फरवरी. शाम 2:30 से 3:30 के बीच का समय : बसों, गाड़ियों में आग लगा दी गयी. घरों में पत्थर फेंके गए. पेट्रोल पंप में आग लगा दी गयी. दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल के सर पर पत्थर से चोट लगी. मौके पर ही मौत. डीसीपी भी घायल हुए. 24 फरवरी, शाम 3:50 - 6 बजे का समय : पुलिस के जवानों और पैरामिलट्री के जवानों ने स्थिति को काबू में लाने की कोशिश जारी रखी. 24 फरवरी, शाम 7:30 से 8 बजे तक का समय : गोकुलपुरी के टायर मार्केट में आग लगा दी गयी. पास में मौजूद स्कूल को भी नुकसान पहुंचा. मौजपुर चौक और घोंडा चौक पर भी देर रात 10 बजे तक हिंसा जारी रही. खबरें चलीं कि रात भर लोग गलियों में बैठे रहे. 25 फरवरी, सुबह करीब 10 बजे : फिर से हिंसा भड़की. फिर से बवाल हुआ. फिर से पत्थरबाज़ी. अब भी मौके पर सुरक्षाबल तैनात.
लल्लनटॉप वीडियो : दिल्ली में एंटी CAA और Pro-CAA लोग आमने सामने, हिंसा में एक पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत

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