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बैटिंग करते हुए फोन ले जाते तो वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते

बोर्ड वाले ढंग का स्क्रीन बोर्ड लगा दें तो फोन की क्या ज़रूरत ?

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खेल लल्लनटाप
15 अक्तूबर 2016 (Updated: 15 अक्तूबर 2016, 11:34 AM IST) कॉमेंट्स
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उभरते सितारों की कर्मभूमि – रणजी ट्रॉफी. हम लोग देखते नहीं हैं. हम देखें या न देखें रिकॉर्ड बनाने वाले रिकॉर्ड बनाएंगे ही. और कल फोन पैवेलियन में ही रह जाने की वजह से एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड टूटते-टूटते रह गया. क्रिकेट में सबसे बड़ी साझेदारी का वर्ल्ड रिकॉर्ड. महाराष्ट्र के स्वप्निल गुगले और अंकित बावने ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दिल्ली के खिलाफ 594 रन की नाबाद साझेदारी कर डाली. और जब महेला जयवर्धने-कुमार संगाकारा का सबसे बड़ी साझेदारी का वर्ल्ड रिकॉर्ड सिर्फ 30 रन दूर था, जानकार लोग ट्वीट करते ही रह गए और कप्तान स्वप्निल ने पारी की घोषणा कर दी. बाद में फोन देखने पर पता चला कि इस रिकॉर्ड के इतना पास आ गए थे. मोहनदास स्वप्निल ने एक क्रिकेट वेबसाइट को बताया, ‘मेरे फोन में करीब 100 मिस कॉल और 200 मैसेज आए हुए थे. मैसेज देखने के बाद ही पता चल पाया कि हम वर्ल्ड रिकॉर्ड से सिर्फ 30 रन दूर थे. इसलिए मलाल तो हो रहा है. शायद मैं वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद पारी घोषित करता. लेकिन फैसला सिर्फ मेरा था तो मैं किसी से शिकायत नहीं कर सकता.’cricket first class गुगले किसी से शिकायत नहीं कर सकते लेकिन हम कर सकते हैं. दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है बीसीसीआई लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच में एक ढंग का इलेक्ट्रॉनिक स्कोरबोर्ड भी नहीं लगा सकते. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के घरेलू मैचों में स्कोरिंग और आंकड़ेबाज़ी की पूरी व्यवस्था रहती है. काश कि एक बड़ी सी स्क्रीन रहती जिस पर स्कोरर आंकड़े डाल कर बताते रहते कि भइय्या इत्ते बड़े कारनामे से इत्ता दूर हो. स्वप्निल गुगले ने 12 घंटों से 3 मिनट कम, कुल 717 मिनट बैटिंग की, 37 चौकों और 5 छक्कों के साथ 521 गेंदों में 351 रन बनाए. गुगले का साथ दिया अंकित बावने ने. बावने ने 11 घंटे 14 मिनट बैटिंग की और 18 चौकों, 2 छक्कों के साथ 500 गेंदों पर 258 रन बनाए. दोनों ने 41-2 पर बैटिंग शुरू की और 635-2 पर घोषित की. गुगले तो पहली गेंद खेलने उतरने थे. इतनी लंबी पारी में टुकर-टुकर रन बटोरते हुए बोर नहीं हुए क्या? इस सवाल पर गुगले ने कहा, ‘ बैटिंग में कभी बोर होते हैं क्या ? दिल्ली वाले लड़के भी हमें पूछ रहे थे, बोर नहीं हो रहे हो क्या? हम लोग बॉलिंग करके बोर हो गए, तुम लोग बैटिंग करके बोर कैसे नहीं हो रहे हो.’ इसके साथ ही गुगले ने बड़ी साफगोई से एक बात और कुबूल की कि ये पिच बल्लेबाज़ों के लिए जन्नत जैसी थी. खैर दोनों वर्ल्ड रिकॉर्ड चाहें न बना पाए लेकिन 70 सालों बाद रणजी रिकॉर्ड बन गया है. 1946-47 में विजय हजारे और गुल मोहम्मद ने 577 रनों की साझेदारी की थी. लेकिन पिच मदद कर सकती है रिकॉर्ड तो खिलाड़ी ही बनाते हैं, वो भी इत्ता बड़ा रिकॉर्ड.

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