The Lallantop
Advertisement

संतूर को सकल राष्ट्र से वाकिफ कराने वाले शर्मा जी का जन्मदिन है आज

पापा ने की रिसर्च और फिर कहा, मेरा बेटा इसे बजाएगा. जानें कुछ और बातें.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
सौरभ द्विवेदी
13 जनवरी 2016 (Updated: 13 जनवरी 2016, 08:50 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
सबसे सुंदर होती है सुबह. सब कुछ शुरू होता है उस वक्त. और सुबह की आवाज अगर इंसान पैदा करना चाहे, तो होता है संतूर. स्टील का बक्से सा बाजा, बाजा जो दो डंडियों से बजता है. जलतरंग सा कुछ. संतूर साबुन भी आता था. उसकी मॉडल सुंदर दिखती थी. संतूर संतूर. मम्मी आपकी त्वचा से उम्र का पता ही नहीं चलता. उम्र तय होती है जन्म के दिन से. और आज जन्मदिन है पंडित शिवकुमार शर्मा का. वही जो संतूर बजाते हैं. मिले सुर मेरा तुम्हारा में देखा था पहली बार. साजन की आंखों में प्यार. प्यार हो गया उस दिन से संतूर से. छोटे थे, तो सोचते थे. बड़े होकर बजाएंगे. पढ़ाई ने बजा दी. पर पंडित जी ने बचपन से संगीत की पढ़ाई की. उनके पापा उमादत्त शर्मा जम्मू के नामी सिंगर थे. जम्मू कश्मीर में संतूर का इस्तेमाल लोकगीतों के दौरान खूब होता था. शर्मा जी उसी पर रिसर्च कर रहे थे. तब उन्होंने एक दिन तय किया. मेरा बेटा तबला और गायन के फेर में ढेर नहीं होगा. वो तो संतूर पर क्लासिक मौसिकी पैदा करेगा. नतीजा सामने है. पंडित जी ने सनीमा में भी संगीत दिया. बांसुरी वाले पंडित हरिप्रसाद चौरसिया जी के साथ मिलकर. शिव-हरि के नाम से जोड़ी थी उनकी. सिलसिला में वही हैं. लम्हे और डर में भी. मगर शिव-हरि की जोड़ी फिल्म ने नहीं बनाई. उसके पहले उन्होंने एक एलबम निकाला था. 1967 में घाटी की पुकार के नाम से. साथ में तबले पर पंडित ब्रजभूषण कालरा भी थे. सुनिए कॉल ऑफ द वैली https://www.youtube.com/watch?v=6UkkkdjCerk पंडित जी की पत्नी का नाम है मनोरमा. दो बेटे हैं. उनमें से एक राहुल है. संतूर बजाता है. लड़की लोगन को हॉट और क्यूट भी लगता है. 1997 से बाप-बेटा जुगलबंदी कर रहे हैं. नतीजा ये रहा. रहस्मयी आवाजों की दुनिया https://www.youtube.com/watch?v=JVRYSBNUnRI और फिल्मी गाना कोई बुरी चीज तो है नहीं. तो जाते जाते ये गाना भी सुन ही लें. सिलसिला से. यश चोपड़ा की फिल्म. रेखा और अमिताभ. कविता भी सुंदर है. जावेद अख्तर जादू की लिखी देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए ये गिला है आपकी निगाहों से फूल भी हों तो दरमियां तो फासले हुए गाना वहां से बजेगा जहां से संतूर की एंट्री होती है. https://youtu.be/gl-8q17o1vk?t=1m54s

Advertisement