The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • gemini ganeshan, a tamil superstar and father to actress rekha

किस्से जेमिनी गणेशन के, दुनिया के लिए रेखा जिनकी 'नाजायज़' औलाद थीं

जिसपर लाखों लड़कियां मरती थीं, उस जेमिनी गणेशन की आज डेथ ऐनिवर्सरी है.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
प्रतीक्षा पीपी
22 मार्च 2019 (Updated: 21 मार्च 2019, 03:24 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
आज जहां चेन्नई का लक्ज़री होटल 'द पार्क' खड़ा हुआ है, वहां कभी एक स्टूडियो हुआ करता था. 1940-50 के दशकों में देश का टॉप स्टूडियो, जेमिनी. जेमिनी की टॉप एक्ट्रेस पुष्पवल्ली. कहते थे पुष्पवल्ली, जो पिछले रिलेशनशिप से दो बच्चों को जन्म दे चुकी थी, का जेमिनी के मालिक वासन से अफेयर था. वासन पुष्पा को सब कुछ देने को तैयार था, एक अपने नाम के अलावा. और इस तरह पुष्पा उसकी जिंदगी में दूसरी औरत बनकर रही, पहली नहीं.
उसी दौरान मद्रास क्रिस्चियन कॉलेज में एक जवान, हैंडसम केमिस्ट्री लेक्चरर का मन पढ़ाई से हट रहा था. वो कुछ नया करना चाहता था. सिल्वर स्क्रीन का चस्का चढ़ा तो जेमिनी स्टूडियो आ गया. फिल्म 'मिस मालिनी' में उसे पुष्पवल्ली के साथ रोल मिला. फिल्म के बनने के दौरान पुष्पा और इस लेक्चरर के बीच करीबियां बढ़ने लगीं. इधर वासन पुष्पा के साथ एक के बाद एक हिट फ़िल्में दे रहा था. अगला कदम बॉम्बे होने वाला था. अपनी अगली फिल्म के लिए वासन ने दिलीप कुमार और देव आनंद को साइन किया. इसकी हिरोइन पुष्पा होने वाली थी.
फिर यूं हुआ कि वासन को पुष्पा की इस नए लेक्चरर के साथ बढ़ रही करीबियों के बारे में पता चला. उसने पुष्पा से फैसला लेने को कहा. या तो वो अपना जगमगाता करियर चुन ले. या इस नए लड़के को. पुष्पा प्यार में थी. उसने लड़के को चुना. लड़के का नाम था रामस्वामी गणेशन.
जेमिनी गणेशन
जेमिनी गणेशन

***

हालांकि गणेशन जेमिनी स्टूडियो छोड़ चुके था, लेकिन उन्होंने स्टूडियो के नाम को अपना नाम बना लिया. और जिस वक़्त वो तमिल सिनेमा के सुपरस्टार बने, लोग उन्हें जेमिनी गणेशन के नाम से जानते थे. जेमिनी न ही सिर्फ परदे पर मोहब्बत के सौदागर थे, बल्कि असल जिंदगी में भी. सबको मालूम था कि उनकी एक मुस्कान पर कितनी औरतें मरती थीं. उनकी बड़ी-बड़ी आंखें किसी भी औरत का दिल जीत सकती थीं.
जेमिनी और पुष्पा की जोड़ी के लोग कायल थे. पर जेमिनी शादीशुदा थे. और शादीशुदा जेमिनी पुष्पवल्ली से एक मंदिर में छुपकर शादी कर चुके हैं, ये खबर अखबारों में छप चुकी थी. हालांकि इसका कोई सबूत नहीं था. जेमिनी भी पुष्पा को सबकुछ देने को तैयार थे, सिवा अपने नाम के. जिस चीज की ख्वाहिश में पुष्पा अपने करियर और वासन को छोड़कर जेमिनी के पास आई थी, वो उसे नहीं मिली. पुष्पा जेमिनी की जिंदगी में भी दूसरी औरत थी, पहली नहीं.
दोनों ने शादी की या नहीं, कोई नहीं जानता. लेकिन लोग ये जरूर जानते हैं कि कुछ ही सालों में पुष्पा ने अपनी और जेमिनी की पहली औलाद को जन्म दिया. जिसका नाम रखा गया भानुरेखा गणेशन.
पिता और बहनों के साथ रेखा. सोर्स: फ़िल्मी मंकी
पिता और बहनों के साथ रेखा. सोर्स: फ़िल्मी मंकी

***

भानुरेखा के साथ 'गणेशन' जुड़ा होना उसके लिए सबसे बड़ी मुश्किल बनने वाला था.
जिस समय भानुरेखा पैदा हुई, जेमिनी 'मनम्पोल मंगलायम' फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. उनकी हिरोइन थीं सावित्री. जेमिनी और भानुरेखा की जोड़ी पहले स्क्रीन पर हिट हुई. फिर रियल लाइफ में. जेमिनी की पुष्पा और उसके बच्चों से दूरियां बढ़ने लगीं. फिर एक दिन खबर आई कि जेमिनी ने सावित्री से शादी कर ली. सावित्री अपने नाम के साथ 'गणेशन' लिखने लगी थी. जिस चीज के लिए पुष्पा कब से तरस रही थी, वो किसी और औरत की हो चुकी थी.
भानुरेखा इस दौरान बड़ी हो रही थी. अब वो अपने पिता को केवल अखबारों से जानती थी. इसी बीच पुष्पा का अफेयर सिनेमेटॉग्रफर के प्रकाश के साथ हुआ. दो बच्चे भी हुए. पुष्पा अपना नाम के पुष्पवल्ली लिखने लगीं. इसी बीच जेमिनी ने बयान दिया, मेरी सिर्फ एक ही पत्नी है, जिससे मैंने शादी की थी. सावित्री और पुष्पा मेरी पत्नियां नहीं थीं.
गणेशन का सुपरस्टार होना भानुरेखा के लिए शाप था. स्कूल में जितनी बार टीचर अटेंडेंस के समय उसका पूरा नाम पुकारते, उसकी आत्मा छिल जाती. सब जानते थे, थे सरनेम 'नाजायज़' है. उसे लगता उसका जीवन ही एक बड़ा झूठ है.
पुष्पवल्ली के पास फ़िल्में नहीं थीं. लेकिन आदतें बड़े लोगों वाली थीं. सारे पैसे घोड़ों की रेस में लगा देती थीं. इसपर तबीयत ख़राब रहने लगी. भानुरेखा की बहन रमा की सेहत बुरी रहती थी. भाई संगीतकार बनना चाहता था, पर बार-बार असफल रहा. इसी बीच भानुरेखा ने तंग आकर सुसाइड करने के कोशिश की.
घंटो मेहनत करने के बाद डॉक्टरों ने भानुरेखा को बचा लिया. अब जीने के लिए उसके पास तीन विकल्प थे: एक्टिंग, पढ़ाई या शादी. पैसे सिर्फ फिल्मों से आ सकते थे.

***

भानुरेखा फ़िल्में नहीं करना चाहती थी. उस समय उसकी उम्र महज 14 साल थी. पर वो मना करती तो भाई पीटता था. भानुरेखा इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रही थी.
जेमिनी गणेशन चाहते तो भानुरेखा को एक फोन कर फिल्म दिलवा सकते थे. तमिल, तेलुगु और कन्नड़ सिनेमा इंडस्ट्री में सबको जानते थे वो. और न भी करते, तो इतने पैसे थे कि उसे खुद लॉन्च कर सकते थे. लेकिन अपने पिता की ठुकराई हुई भानुरेखा एक प्रोड्यूसर से दूसरे के दरवाजे अपनी मां के साथ जाती रही. छोटे रोल करती रही. प्रड्यूसरों की गंदी निगाहें झेलती रही. गणेशन का सरनेम उसे बर्बाद कर रहा था.
फिर यूं हुआ कि कुलजीत पाल नाम के बिजनेसमैन ने रेखा को देखा. और तय किया कि उसे लेकर फिल्म बनाएंगे. भानुरेखा अब बॉलीवुड में आने वाली थी. भानुरेखा गणेशन अब 'रेखा' होने वाली थी.
सोर्स: ट्विटर
सोर्स: ट्विटर


1991 में पुष्पवल्ली लंबी बीमारी के बाद मर गईं. उनकी आखिरी सांस तक जेमिनी ने उन्हें अपनी पत्नी नहीं माना. मां की मौत के 3 साल बाद जब जेमिनी को फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिलना था, अवॉर्ड देने रेखा आईं. सबके सामने रेखा ने उनके पांव छुए और अवॉर्ड दिया. तब जेमिनी गणेशन ने कहा, उन्हें ख़ुशी है उन्होंने अपनी 'बॉम्बे वाली बेटी' के हाथों से अवॉर्ड लिया.


ये भी पढ़ें :

रेखा का वो इंटरव्यू, जिसमें उन्होंने अमिताभ के बारे में सबसे चौंकाने वाला बयान दिया

वो औरत जिसे मुहब्बत के मारों का मसीहा कहा जाता था

मशहूर एक्ट्रेस रेखा ने क्यों की थी सुसाइड की कोशिश?

Advertisement