दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों की मांगें मानने के अलावा नरेंद्र मोदी ने सब कर लिया
कभी गुजरात गए, कभी सिख समुदाय पर बुकलेट निकाला, तो कभी गुरुद्वारे चले गए

ये भी सवाल उठे थे कि IRCTC ने ये ईमेल केवल सिख समुदाय से जुड़े ग्राहकों को भेजे थे. लेकिन मिंट में छपी ख़बर बताती है कि ऐसा नहीं है. वहीं IRCTC ने अपने आधिकारिक बयान में दावा किया कि ऐसा पहली बार नहीं है. सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों का IRCTC पहले भी ऐसे ही प्रसार करती रही है. किसान दिल्ली में बैठे थे, मोदी पहुंच गए कच्छ 15 दिसंबर 2020. नरेंद्र मोदी इस दिन पहुंचे गुजरात के कच्छ में. यहां पर बरसों से रह रहे सिख किसानों से नरेंद्र मोदी मिले. फ़ोटो वग़ैरह वायरल हुई. नरेंद्र मोदी ने किसानों से कहा कि ये जो कृषि क़ानूनों में बदलाव किए गए हैं, वो वही बदलाव हैं, जो बरसों से किसान संगठन और विपक्षी भी मांग करते रहे हैं. सरकार किसानों के हित के लिए कटिबद्ध है. नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि उनकी सरकार किसानों की दिक्कतों को सुन रही है, जबकि विपक्ष उन्हें गुमराह कर रहा है.A news report has been published in a section of media that Govt has reached out to Sikhs through IRCTC emails. It may be informed to all that comments of IRCTC have not been quoted correctly & mails have been sent to all irrespective any particular community: IRCTC
— ANI (@ANI) December 14, 2020
इसी दिन पीएम मोदी ने कहाPrime Minister Narendra Modi interacted with Sikh farmers, in Dhordo village, #Gujarat.
The Sikh #farmers are settled in Kutch district since independence. pic.twitter.com/1UT9VjDtVh — All India Radio News (@airnewsalerts) December 15, 2020
“साज़िश के तहत दिल्ली के पास बैठे किसानों को गुमराह किया जा रहा है. उनसे कहा जा रहा है कि अगर नए क़ानून लागू कर दिए जाएं तो दूसरे लोग उनकी ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर लेंगे. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आप अपनी गाय का दूध डेयरी वाले को देते हैं, इस वजह से डेयरी का मालिक आपसे आपकी गाय ले लेता है क्या?”
इस मौक़े पर पीएम मोदी ने कृषि क़ानूनों को ऐतिहासिक बताया, और विपक्ष को कई बातों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा,The agriculture reforms that have taken place are exactly what farmer bodies and even Opposition have been asking over the years. Government of India is always committed to farmer welfare & we will keep assuring the farmers and addressing their concerns: PM Narendra Modi in Kutch pic.twitter.com/CdzSqFq4NI
— ANI (@ANI) December 15, 2020
“जब विपक्षी सत्ता में थे, तब वो कृषि क्षेत्र में बदलाव की बात करते थे. लेकिन उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया. अब जब देश ने निर्णय ले लिया है कि इस बदलाव को अपनाया जाए, तो वो झूठी बातें फैलाकर किसानों को गुमराह कर रहे हैं. मैं फिर से कहना चाहता हूं कि मेरी सरकार 24 घंटे आपकी शंकाओं का समाधान करने के लिए मौजूद है.”नरेंद्र मोदी पहुंचे गुरुद्वारे 20 दिसम्बर 2020. नरेंद्र मोदी इस दिन बिना किसी पूर्व सूचना और कार्यक्रम के दिल्ली के गुरुद्वारा रक़ाबगंज साहिब पहुंच गए. क्यों? पीएम ने ट्वीट करके इस बारे में बताया.
पीएम ने ट्वीट में लिखा, मैंने आज सुबह ऐतिहासिक गुरुद्वारा रक़ाबगंज साहिब में, जहां गुरु तेग बहादुर का अंतिम संस्कार हुआ था, वहां प्रार्थना की. आगे उन्होंने कहा कि गुरु साहिब की विशेष कृपा है कि गुरु तेग बहादुर का 400वां प्रकाश पर्व का विशेष उत्सव हमारी सरकार के कार्यकाल में पड़ा है. वहीं एक्सप्रेस में छपी ख़बर ये भी बताती है कि दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर धरनारत किसानों ने भी तेगबहादुर की पुण्यतिथि पर दिन भर लंगर, अरदास और पाठ किया. मंत्रियों और बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि गुरुद्वारे में नरेंद्र मोदी का जाना एकदम औचक विज़िट थी. कोई भी पुलिस बंदोबस्त नहीं किया गया था. आम आदमी के लिए ट्रैफ़िक पर भी कोई रोकटोक नहीं थी. 18 हज़ार करोड़ की पीएम किसान सम्मान निधि अब तक के प्रयास सिख समुदाय से जुड़े नज़र आ रहे थे. प्रधानमंत्री कार्यालय यानी PMO की एक हालिया घोषणा में बताया गया कि 9 करोड़ किसान परिवारों को 18 हज़ार करोड़ रुपए दिए जायेंगे. किस मद में? पीएम किसान सम्मान निधि के मद में. ये राशि 25 दिसम्बर को रिलीज़ की जाएगी. इसके साथ ही PMO ने ये भी बताया कि नरेंद्र मोदी 6 राज्यों के किसानों के साथ संवाद करेंगे. किसान नरेंद्र मोदी से किसान सम्मान निधि से जुड़े अपने अनुभव साझा करेंगे. साथ ही सरकार द्वारा किसानों के लिए किए गए कामों पर भी चर्चा होगी. प्रधानमंत्री कार्यालय ने ये भी बताया कि इस संवाद में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद होंगे. बिज़नेस टुडे में छपी ख़बर बताती है कि नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सभी भाजपा सांसद, मंत्री और राज्यों की इकाइयों को देखने वाले पदाधिकारी ब्लॉक लेवल के किसानों से मिलें, अपने क्षेत्रों में जाएं, किसानों की समस्याओं को समझें और कृषि बिलों के बारे में समझाएं. और किसानों से मिलने का अगला प्रयास? कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने धरनारत किसानों को पत्र लिखा. कहा कि मुद्दों पर बात करने के लिए सरकार हमेशा तैयार थी, और आगे भी तैयार रहेगी.This morning, I prayed at the historic Gurudwara Rakab Ganj Sahib, where the pious body of Sri Guru Teg Bahadur Ji was cremated. I felt extremely blessed. I, like millions around the world, am deeply inspired by the kindnesses of Sri Guru Teg Bahadur Ji. pic.twitter.com/ECveWV9JjR
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
पत्र में किसानों से दिन और समय मांगा गया है, ताकि दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के साथ चर्चा की जा सके.Govt writes to agitating farmers, asking them to decide the date and time for the next round of talks. "Govt is committed to reaching logical solutions of the issues raised by you," it reads. pic.twitter.com/tBglPwi8fs
— ANI (@ANI) December 24, 2020