'सिंघम' IPS से तमिलनाडु BJP के सबसे युवा अध्यक्ष बने अन्नामलाई की कहानी
पहला चुनाव हार गए थे, बीजेपी ने राज्य की जिम्मेदारी सौंपी है.
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पूर्व आईपीएस अफ़सर अन्नामलाई बीजेपी की सदस्यता लेते. (केंद्र में) बाएं- पार्टी महासचिव मुरलीधर राव और दाहिने पार्टी नेता एल मुरुगन. (फ़ाइल फ़ोटो-पीटीआई)
"क्या तुम मेरी बच्ची को वापस लाओगे?"डेक्कन क्रोनिकल अख़बार को दिए एक इंटरव्यू में अन्नामलाई ने कहा था -
“इसका जवाब देना बहुत मुश्किल था. एक मां की आंखों में देखकर जवाब देना, जिसकी 17 वर्षीय बेटी के साथ रेप हुआ हो और फिर हत्या कर दी गई हो. मैंने उनसे कहा, नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकता. लेकिन मैं यह सुनिश्चित कर सकता हूं कि वो सबके दिलों में रहे, सबको याद रहे.के अन्नामलाई का जिक्र क्यों? क्योंकि कर्नाटक कैडर के इस पूर्व IPS अफसर को तमिलनाडु बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है. पिछले साल 2020 में वह बीजेपी में शामिल हुए थे. एल मुरुगन के मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद खाली हुए प्रदेश अध्यक्ष पद पर युवा चेहरे अन्नामलई को लाया गया है. वह राज्य में बीजेपी के अब तक के सबसे युवा अध्यक्ष हैं. कौन हैं के अन्नामलाई. IPS की नौकरी छोड़ राजनीति में आने वाले के अन्नामलाई की कहानी क्या है? लड़की के नाम पर छात्रवृति शुरू की नाबालिग से रेप और हत्या की घटना के बाद के अन्नामलाई ने बिंदूर तालुक में दसवीं कक्षा की परीक्षा में टॉप करने वाली छात्राओं के लिए पीड़िता के नाम पर अक्षत देवाडिगा छात्रवृत्ति की शुरुआत की. जिसके तहत हर महीने 10 हज़ार रुपए की राशि दी जाती है. ये पिछले 5 साल से चल रही है. 27 मार्च 2015 को उडिपी पुलिस ने एक “सुरक्षा” ऐप लॉन्च किया. इस ऐप के तहत कोई भी व्यक्ति पुलिस को शिकायत दर्ज कर सकता. साथ ही उस शिकायत पर क्या काम हो रहा है वो भी देख सकता था. इसके अलावा लोग अपनी शिकायत सीधे SP को भेज सकते थे. ये वहां के लोगों के लिए ये एक बड़ा फ़ैसला था, जिसे आम लोगों ने खूब सराहा. इस ऐप को लॉन्च करने वाले खुद तत्कालीन एसपी अन्नामलाई ही थे. जब लोगों ने समर्थन में प्रदर्शन किया 26 जुलाई 2016, कर्नाटक के उडुपी ज़िले के पुलिस मुख्यालय के बाहर आम लोग प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस मुख्यालय के बाहर पुलिस के विरोध में प्रदर्शन तो आम बात है,लेकिन लोगों का यह प्रदर्शन वहां के SP अन्नामलाई के समर्थन और उनके तबादले के विरोध में था. लेकिन अगर ऐसा एक बार हुआ होता तो कोई बड़ी बात नहीं होती. लेकिन दोबारा 16 अक्टूबर 2018 को कर्नाटक के चिकमंगलूर ज़िले के पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन हुआ. इस बार भी इसी एसपी के समर्थन में और इनके तबादले के विरोध में. लोगों का कहना था कि ऐसा ईमानदार अफ़सर मिलना मुश्किल है.


“यूपी मेरे लिए एक सदमे की तरह था. वहां, लोग 5 रुपये के लिए हत्या कर देते थे. मैंने वहां जो चीजें देखीं, उन्होंने मुझे हमेशा के लिए बदल दिया. मैंने कभी इतनी ग़रीबी नहीं देखी थी, यहां तक कि कल्पना भी नहीं की थी कि जीवन इस तरह भी हो सकता है. इसने मुझे झकझोर दिया और तब मैंने अपनी ज़िंदगी के आगे के सफ़र के बारे में सोचा. तब मैंने सोचा कि पैसा प्राथमिकता नहीं हो सकता. मैं एक ऐसा जीवन चाहता था, जहां मैं लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकूं. सिविल सेवा मुझे ऐसा करने का एक तरीका लगा. मैंने बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्लेस्मेंट के बजाय सिविल सेवा की परीक्षा दी. आईएएस मेरी पहली पसंद थी, लेकिन मेरे नंबर कम आएं. मैं आईपीएस बन गया. मैं वर्दी में खुश था."25 मई 2019 को पुलिस से इस्तीफ़ा देते वक़्त अन्नामलाई बेंगलुरु दक्षिण के डीसीपी थे. तब उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था,
“मैंने 10 साल पुलिस की सेवा की. मुझे लगता हैं एक व्यक्ति अपने जीवन में सिर्फ़ तीन महत्वकांक्षाएं पूरी कर सकता है. पुलिस सेवा में मुझे जो करना था वो मैंने हासिल कर लिया है. अब आगे का सफ़र तय करुंगा.”29 मई 2019 को पुलिस सेवा से इस्तीफ़ा देने के बाद अन्नामलाई 25 अगस्त 2020 को बीजेपी में शामिल हुए. तमिलनाडु के करूर ज़िले से आने वाले और कोईंबतूर में एक साधारण कृषि परिवार में जन्मे अन्नामलाई कोंगु-वेल्लार जाति के हैं. इनकी जाति आज़ादी के वक़्त तो फ़ॉर्वर्ड जाति थी, लेकिन 1975 से इसे बैक्वर्ड जाति का दर्ज़ा दे दिया गया. 11 महीने का पॉलिटिकल करियर 9 जुलाई 2021 को तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनने वाले अन्नामलाई कुप्पुसामी (Annamalai Kuppusamy) का राजनीतिक करियर महज़ 11 महीने का रहा है. 36 साल की उम्र में एक राज्य के प्रदेश अध्यक्ष बनने को राजनीतिक जानकार बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रहे हैं. जानकार इसे बीजेपी की छोटी जातियों को लुभाने के नीतिगत फ़ैसले से जुड़ा कदम मानते हैं. क्योंकि दलित समाज से आने वाले पूर्व अध्यक्ष एल मुरुगन को मोदी कैबिनेट के विस्तार में जगह मिली और साथ ही पार्टी के 'एक व्यक्ति, एक पद' की नीति के तहत नए अध्यक्ष के चयन का फ़ैसला किया गया है. हाल ही में तमिलनाडु में हुए विधानसभा चुनावों में अन्नामलाई बीजेपी की तरफ से चुनाव भी लड़े थे पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अरवाकुरुच्ची सीट से चुनाव लड़ने वाले अन्नामलाई को 24300 वोटों से हार मिली थी.