देश के लिए मेडल जीतते-जीतते दीपा करमाकर मर भी सकती हैं
दीपा करमाकर. इंडियन एथलीट. इंडिया को मेडल दिलाने वाली हैं.
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फोटो - thelallantop
मणिपुर में एक फुटबॉल मैच खेला जा रहा था. दो क्लब्स के बीच में. मैच एक घंटे के ऊपर खेला जा चुका था कि पहला गोल हुआ. गोल मारने वाला खिलाड़ी जश्न मनाने को दौड़ा. उसने हवा में कलाबाजियां खानी शुरू कर दीं. पहली कलाबाजी एकदम सटीक. लेकिन दूसरी में चूक हो गयी. वो अपनी गर्दन के बल ज़मीन पर गिरा. उसकी मौत हो गयी.
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ऐसी ही सैकड़ों कलाबाजियां खाने के बाद भारत की एक लड़की आज रिओ ओलम्पिक में नाम कमा रही है. दुनिया की सबसे कठिन वॉल्ट में.
एथलीट - दीपा करमाकरवॉल्ट - प्रोदुनोवाकठिनाई का लेवल - 7 (सबसे खतरनाक)कोच बिश्वेश्वर नंदी कहते हैं कि रिस्क तो है, लेकिन अगर कोई एथलीट 150 रोटेशन करके ओलम्पिक में चला जाता है तो वो रिस्क ज़्यादा बढ़ जाता है. इसलिए उन्होंने दीपा करमाकर से कई गुना ज़्यादा रोटेशन करवाईं. यानी दीपा ने जिम में इस प्रोदुनोवा के कितने ही रिहर्सल किए होंगे. कितनी ही बार अपनी जान जोखिम में डाली होगी.
प्रोदुनोवा
वॉल्ट में कुल पांच कैटेगरी होती हैं. हर कैटेगरी का अपनी-अपनी डिफिकल्टी लेवल होता है. सबसे खतरनाक को 7 नम्बर दिए जाते हैं. प्रोदुनोवा यही 7 नम्बर की डिफिकल्टी लेवल वाला वॉल्ट है. 1999 में रूस की येलेना प्रोदुनोवा ने पहली बार सफलतापूर्वक इस वॉल्ट को कम्प्लीट किया था, जिसके बाद से इस वॉल्ट को प्रोदुनोवा वॉल्ट ही कहा जाने लगा. इस वॉल्ट को आज तक कुल पांच एथलीट्स ही कर पाई हैं.- येलेना प्रोदुनोवा - रूस
- यामिलेत पेना - डोमिनिकन रिपब्लिक
- फ़दवा महमूद - इजिप्ट
- ओक्साना चुसोवितिना - उज़्बेकिस्तान
- दीपा करमाकर - इंडिया