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देश के लिए मेडल जीतते-जीतते दीपा करमाकर मर भी सकती हैं

दीपा करमाकर. इंडियन एथलीट. इंडिया को मेडल दिलाने वाली हैं.

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फोटो - thelallantop
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केतन बुकरैत
10 अगस्त 2016 (Updated: 10 अगस्त 2016, 08:44 AM IST) कॉमेंट्स
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मणिपुर में एक फुटबॉल मैच खेला जा रहा था. दो क्लब्स के बीच में. मैच एक घंटे के ऊपर खेला जा चुका था कि पहला गोल हुआ. गोल मारने वाला खिलाड़ी जश्न मनाने को दौड़ा. उसने हवा में कलाबाजियां खानी शुरू कर दीं. पहली कलाबाजी एकदम सटीक. लेकिन दूसरी में चूक हो गयी. वो अपनी गर्दन के बल ज़मीन पर गिरा. उसकी मौत हो गयी. https://www.youtube.com/watch?v=D1DTd70qgpo ऐसी ही सैकड़ों कलाबाजियां खाने के बाद भारत की एक लड़की आज रिओ ओलम्पिक में नाम कमा रही है. दुनिया की सबसे कठिन वॉल्ट में.
एथलीट - दीपा करमाकरवॉल्ट - प्रोदुनोवाकठिनाई का लेवल - 7 (सबसे खतरनाक)
कोच बिश्वेश्वर नंदी कहते हैं कि रिस्क तो है, लेकिन अगर कोई एथलीट 150 रोटेशन करके ओलम्पिक में चला जाता है तो वो रिस्क ज़्यादा बढ़ जाता है. इसलिए उन्होंने दीपा करमाकर से कई गुना ज़्यादा रोटेशन करवाईं. यानी दीपा ने जिम में इस प्रोदुनोवा के कितने ही रिहर्सल किए होंगे. कितनी ही बार अपनी जान जोखिम में डाली होगी.

प्रोदुनोवा

वॉल्ट में कुल पांच कैटेगरी होती हैं. हर कैटेगरी का अपनी-अपनी डिफिकल्टी लेवल होता है. सबसे खतरनाक को 7 नम्बर दिए जाते हैं. प्रोदुनोवा यही 7 नम्बर की डिफिकल्टी लेवल वाला वॉल्ट है. 1999 में रूस की येलेना प्रोदुनोवा ने पहली बार सफलतापूर्वक इस वॉल्ट को कम्प्लीट किया था, जिसके बाद से इस वॉल्ट को प्रोदुनोवा वॉल्ट ही कहा जाने लगा. इस वॉल्ट को आज तक कुल पांच एथलीट्स ही कर पाई हैं.
  1. येलेना प्रोदुनोवा - रूस
  2. यामिलेत पेना - डोमिनिकन रिपब्लिक
  3. फ़दवा महमूद - इजिप्ट
  4. ओक्साना चुसोवितिना - उज़्बेकिस्तान
  5. दीपा करमाकर - इंडिया
https://www.youtube.com/watch?v=132z3h1hWkY दीपा करमाकर कहती हैं कि कुछ अचीव करने के लिए रिस्क लेना ही पड़ता है. 'रिस्क' शब्द बोलने में वो एक गलती करती हैं. ये उनकी आदत में शामिल है. वो इसे 'रिक्स' कहती हैं. लेकिन कोई ग़म नहीं. वो प्रोदुनोवा में गलती नहीं करतीं. हाथों से खुद के शरीर को हवा में उछालती हैं और फिर हवा में आगे की ओर दो बार रोटेट करती हैं. और फिर अपने पैरों पर आकर खड़ी हो जाती हैं. सारा कमाल पैरों पर आकर गिरना ही है. वरना पॉइंट्स नहीं मिलते. दीपा वॉल्ट-दर-वॉल्ट ये कमाल करती आ रही हैं. दुनिया की एक छटांक भर आबादी जो ये वॉल्ट कर सकती है, उसमें दीपा का नाम शामिल है. दीपा इस वक़्त रियो ओलम्पिक में मेडल लाने के करीब पहुंच रही हैं. वॉल्ट का फाइनल 14 अगस्त को होगा.

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