BJP में शामिल होने के बाद ममता का नाम लिए बिना दिनेश त्रिवेदी ने क्या कहा?
कोलकाता में पीएम मोदी की रैली से पहले TMC के पूर्व नेता ने पाला बदला.
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तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता दिनेश त्रिवेदी शनिवार, 6 मार्च को बीजेपी में शामिल हो गए
आज वो पल है जिसका मुझे इंतजार था. एक पॉलिटिकल पार्टी ऐसी होती है जिसमें परिवार सर्वोपरी होता है. जिसे कहते हैं पॉलिटिकल फैमिली. एक परिवार होता है जनता का परिवार. आज मैं जनता के परिवार में शामिल हुआ हूं. वहां दूसरी पार्टी में, मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं, वहां एक परिवार की सेवा होती है. जनता की सेवा होती है कि नहीं मुझे पता नहीं है. हमने कभी अपनी विचारधारा को नहीं छोड़ा. जहां भी हम रहे, मेरे लिए देश सर्वोपरी रहा है और हमेशा रहेगा.उन्होंने आगे कहा,
मैं चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय रहूंगा, चाहे मैं चुनाव लड़ूं या नहीं. बंगाल ने TMC को खारिज कर दिया है. वे प्रगति चाहते हैं, न कि भ्रष्टाचार या हिंसा. वे वास्तविक परिवर्तन के लिए तैयार हैं. राजनीति कोई खेल नहीं है, यह गंभीर मसला है. राजनीति करते वह (सीएम) अपने आदर्शों को भूल गईं.
वहीं जेपी नड्डा ने कहा कि मैं दिनेश त्रिवेदी के बारे में हमेशा कहता था कि वह एक अच्छे व्यक्ति हैं, लेकिन गलत पार्टी में थे. अब वह सही पार्टी में हैं. दिनेश त्रिवेदी पर ममता बनर्जी का कितना भरोसा था, ये इस बात से समझा जा सकता है कि जब 2011 में ममता बंगाल की सीएम बनीं तो केंद्र में रेल मंत्रालय दिनेश त्रिवेदी के जिम्मे कर गईं. गुजराती परिवार में जन्मे और कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन करने के बाद दिनेश त्रिवेदी ने राजनीति में कदम रखा. वह साल 1980 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. लेकिन 1990 में जनता दल में चले गए. जब 1998 में ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी बनाई तो दिनेश त्रिवेदी उनके साथ हो गए. पार्टी के महासचिव बनाए गए. 2001 से 2006 के बीच दिनेश त्रिवेदी ने ममता का जबरदस्त विश्वास हासिल किया. गौरतलब है कि ममता के राजनीतिक जीवन का ये सबसे बुरा दौर था. 2001 में ममता ने त्रिवेदी को राज्यसभा भेजा. साल 2006 में जब ममता बनर्जी सिंगूर भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 26 दिन लंबी भूख हड़ताल पर बैठी थीं, तब भी त्रिवेदी उनके साथ खड़े रहे. दोनों के बीच उस समय दरार आ गई, जब दिनेश त्रिवेदी ने 2012 में रेल मंत्री रहते हुए रेल किराया बढ़ा दिया और जिम्मेदारी ममता बनर्जी पर डाल दी. इसके बाद ममता बनर्जी ने उन्हें सरकार से बर्खास्त की सिफारिश कर दी.I'll be active in election process, irrespective of whether I contest or not. Bengal has rejected TMC. They want progress, not corruption or violence. They're ready for real change. Politics isn't 'khela', it's serious. She (CM) forgot her ideals while playing: Dinesh Trivedi pic.twitter.com/JiRMlo2xrW
— ANI (@ANI) March 6, 2021