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प्रिय दीपा कर्मकार, कुछ लोग आपका खेल चौपट करने की फिराक में हैं

हर बार यही होता है अपने यहां. एक सितारा मिलता है और फिर हम सब मिलकर उसे डुबो देते हैं. प्लीज़, इस बार ऐसा मत करना.

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खेल लल्लनटाप
15 अगस्त 2016 (Updated: 15 अगस्त 2016, 06:38 PM IST) कॉमेंट्स
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प्रिय दीपा,
आपने एक कमजाने से इलाके से आकर एक अनजाने से खेल में भारत को लगभग पदक दिला ही दिया था. बदकिस्मती से आपका ओलंपिक का पहला और कुल 78वां पदक नहीं आ पाया. दिल टूटा थोड़ा-सा, पर चौथे नंबर पर रहकर भी आप भारत के लिए रियो ओलंपिक की प्रतीक बाला बन गई हैं.
इधर भारत में आपका खेल चौपट करने के लिए इंतज़ार हो रहा है. विजेन्द्र सिंह तो याद ही होंगे जो 2008 में भारत के लिए कांस्य लाए थे. वो मॉडलिंग में ऐसे गए कि आज तक नहीं लौटे. हरियाणा के एक बड़े नेता ने उनसे कहा भी था ‘रै ये तू बंबई के टूर लगाणे बंद कर दे’. लेकिन एक चैंपियन बॉक्सर जो स्वर्ण ला सकता था सिर्फ कांसे तक रह गया. आजकल वो बॉक्सिंग ही कर रहे हैं लेकिन ऐसे शानदार बॉक्सर हो गए हैं कि हर मुकाबला वो ही जीतते हैं और फाइनल दिल्ली में होता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनकी जीत का जश्न मना पाएं. एक स्वर्ण की लौ थे विजेन्द्र !! काश कि उनके सीवी में 1-2 फिल्मों के साथ एक कांस्य और एक स्वर्ण होता.
Gymnastics - Olympics Qualifier - Rio de Janeiro, Brazil - 18/4/2016 - Dipa Karmakar of India performs during her vault in the women's apparatus final. REUTERS/Sergio Moraes - RTX2AJC2
Dipa Karmakar of India performs during her vault in the women's apparatus final. REUTERS

खैर, दीपा आप इतनी लोकप्रिय हो गई हैं कि राजनीति वाले आप पर टूट कर पड़ेंगे. जो लोग राजनीति में दिलचस्पी नहीं लेते उन पर उनसे कमतर लोग राज़ करते हैं. लेकिन राजनीति में ऐसे मत जाइएगा जैसे कृष्णा पूनिया गईं. ऐसी गईं कि खेल ने फिर कभी उनको अपनाया ही नहीं. चक्का फेंक की शानदार खिलाड़ी थीं वो, बीच में विधायकी का चुनाव लड़ा, जीत न पाईं और फिर खेल में भी वो कृष्णा पूनिया न दिखीं जो पहले होती थी.
अभी आप पदक वर्षा कीजिए. पदक वर्षा करती रहेंगी तो ऐसी वोट वर्षा होगी कि आपके खिलाफ कोई भी आ जाए, जमानत जब्त करवाएगा.
शुक्र है आप क्रिकेटर नहीं हैं. नहीं तो श्रीलाल शुक्ल के शब्दों में कुछ अर्ध-शिक्षित किस्म के लोग जो खुद को पत्रकार कहते हैं और जिन्हें पत्रकार शोहदे कहते हैं, खबर लगाते – ये देखिए फलां की फलां के साथ अंतरंग तस्वीरें. अगर कोई ऐसा छिछोरापन कर दे तो उसे ट्विटर, फेसबुक पर एक्सपोज़ कीजिएगा. उसे कभी इंटरव्यू मत दीजिएगा.
प्रिय दीपा, एमसी मैरीकॉम चैंपियन खिलाड़ी हैं भी और थीं भी. कई वर्ल्ड कप, एक ओलंपिक कांस्यऔर भी न जाने क्या-क्या. लेकिन स्वयं मैरीकॉम मानेंगी कि उनका ध्यान भटक गया.
 Dipa Karmakar (IND) of India reacts with her coach. REUTERS
Dipa Karmakar (IND) of India reacts with her coach. REUTERS
तो आपको रोज़ रियलिटी टीवी के, फिल्मों में आने के मौके मिलेंगे. आपको हर वीकेंड पर किसी होटल में वीमेन्स अपैरल लॉन्च करने का लालच मिलेगा. ऐसा मत कीजिएगा कि हर वीकेंड आप अगरतला कि बजाए मुंबई में हैं.
विज्ञापन करिएगा, आखिर अच्छी ट्रेनिंग और परिवार के सुरक्षित भविष्य के लिए पैसा जरूरी है लेकिन मूलत: खिलाड़ी और भूलत: मॉडल रहिएगा. ये नहीं कि आज कोलकाता में फीता काट रही हैं, कल मुंबई के फैशन शो में हैं और परसों दिल्ली में किसी इवेंट में.
उम्मीद है सायना नेहवाल जो मैच हारी हैं वो मीडिया और ग्लैमर की वजह से नहीं बल्कि एक खराब दिन की वजह से हारी हैं. उम्मीद है मैरीकॉम वापसी न करें तो भी अपने जैसी कई मैरीकॉम तैयार करेंगी.
भारत में स्पोर्ट्स मैनेजर सिर्फ क्रिकेट में ही होते हैं. इसलिए यहां आप सुशील कुमार और अभिनव बिंद्रा से टिप्स लीजिएगा. सुशील 2 पदक ले आए और अभिनव लगभग 2 ले ही आए थे. उन्होंने अपने को उतना ही खोला जिससे उनके अंदर का खिलाड़ी न मरे.
Dipa Karmakar of India performs during her vault in the women's apparatus final. REUTERS
Dipa Karmakar of India performs during her vault in the women's apparatus final. REUTERS

प्रिय दीपा, आप बहुत देर से जिम्नास्टिक में आईं. कोच कहते हैं जिम्नास्टिक में आने की सही उम्र तीन-साढ़े तीन साल है – जब भारत में मां-बाप बच्चे के लिए ऐसा अंग्रेजी स्कूल ढूंढते हैं जो पड़ोसी के बच्चे से ज्यादा अंग्रेजी सिखा दे. आप तो आप हैं, देरी से आकर भी चैंपियन की तरह खेलीं. लेकिन ऐसे मां-बाप को समझाइएगा कि अंग्रेजी के अलावा खेल में भी करियर बनाया जा सकता है.
जिम्नास्टिक का ऐसा दीपक जलाइएगा कि कई दीपाएं तैयार हो जाएं. रूस-चीन की तरह हमारे यहां भी 16-16 साल के जिम्नास्ट स्वर्ण लाएं.
प्रिय दीपा जी, हम चाहते हैं आप अगले कई सालों तक वैसे ही खेलती रहें जैसे 41 साल की एक उज़बेक जिम्नास्ट एक 22 साल की छोरी के साथ, आपके साथ प्रोदुनोवा लगा रही थीं. हम चाहते हैं आप अरबों लोगों का दबाव यहीं फेंककर जाएं. टोक्यो 2020 में अपने साथ कई जिम्नास्ट ले जाएं औऱ स्वर्ण लाएं और हम दफ्तर में नागिन-नृत्य पर सबको नचाएं !!

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