The Lallantop
Advertisement

पेपर लीक पर क्या करने जा रही योगी की STF?

पेपर लीक पर CM Yogi ने STF को दिया ये बड़ा आदेश

Advertisement
paper leak
पेपर लीक पर CM Yogi ने STF को दिया ये बड़ा आदेश (प्रतीकात्मक तस्वीरें. साभार- पीटीआई)
pic
लल्लनटॉप
30 मार्च 2022 (Updated: 30 मार्च 2022, 06:23 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
भारत में नौकरी या डिग्री के लिए पढ़ाई कर रहा छात्र क्वेश्चन पेपर से उतना नहीं डरता, जितना क्वेश्चन पेपर लीक से डरता है. कितने ही छात्र हैं जो तैयारी के साथ-साथ काम करते हैं. अपने घर वालों का हाथ बंटाते हैं. ये लोग बड़ी मुश्किल से परीक्षाओं की तैयारी के लिए वक्त निकाल पाते हैं. दोगुनी मेहनत करते हैं. जब पर्चा लीक होता है, तब इन बच्चों के साथ सबसे बड़ा धोखा होता है. आज फिर हुआ. उत्तर प्रदेश के बलिया में यूपी बोर्ड का अंग्रेज़ी का पेपर लीक हो गया. अब योगी सरकार एक्शन मोड में है. जांच एसटीएफ को दे दी है. दोषियों पर रासुका लगाने की तैयारी भी कर ली गई है. लेकिन आज हम इसी सवाल को बार बार दोहराएंगे, कि आखिर पर्चा लीक होने का ये क्रम टूटेगा कब. कब तक छात्र और अभिभावक इसी तरह मायूस होते रहेंगे. 2017, दारोगा भर्ती परीक्षा - लीक 2018, UPPCS परीक्षा - लीक 2018,नलकूप चालक चयन परीक्षा - लीक 2019,सबॉर्डिनेट परीक्षा - लीक 2021,ग्रामीण विकास अधिकारी - लीक 2021,UPTET परीक्षा -लीक और यूपी बोर्ड में 12वीं का इंग्लिश पेपर लीक हो गया. बीते कुछ सालों में यूपी में परीक्षाएं कुछ ऐसे लीक हो रही हैं, जैसे किसी जर्जर टोंटी से पानी चू रहा हो. छात्र-छात्राएं साल-सालभर तैयारी करते हैं. कभी खुद के वाहन तो कभी रेल, बस, टेंपो का किराया दे परीक्षा केंद्र पहुंचते हैं. परीक्षा देने बैठते हैं और ऐन मौके पर पता चलता है कि पेपर लीक हो गया. परीक्षा से पहले ही कुछ लोगों के हाथ पेपर लग गया और फिर परीक्षा रद्द हो जाती है. फिर शुरु होती हैं सरकारी रस्में. कार्रवाई का आश्वासन, परीक्षा की नई तारीख. आजकल बुल्डोजर का जोर है तो कहा जाता है कि आरोपियों के घर बुल्डोजर भी चलेगा. हर पेपर लीक के बाद ये एक रिवाज सा बन गया है. सो इस बार वही हुआ. मगर छात्र-छात्राओं की मेहनत का क्या ? इन दिनों उत्तर प्रदेश में यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं के पेपर चल रहे हैं. 75 जिलों में आज दूसरी पाली यानी दोपहर दो बजे से 12वीं के इंग्लिश पेपर होने थे. तभी बलिया जिले में पेपर लीक होने की खबर आई. शुरुआती जांच में पता चला कि सीरीज 316 ED और 316 EI के पेपर नकल माफिया के हाथ लग गए. यहां  बताते चलें कि एक ही पेपर के कई सेट बनाए जाते हैं, ताकि नकल को रोका जा सके. मगर जब यहां पूरा पेपर ही लीक हो गया तो क्या कहा जाए ? 51 जिलों में तो परीक्षा हो गई. लेकिन 24 जिलों में परीक्षा रद्द करनी पड़ी. वो जिले कौन-कौन से हैं. नोट करते चलिए बलिया, गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़, एटा , बागपत, बदायूं, सीतापुर, कानपुर देहात ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, गोंडा, आगरा, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, शामली, शाहजहांपुर, उन्नाव, महोबा, जालौन, आंबेडकरनगर अब इन जिलों में दोबारा परीक्षा होगी. तारीख मिल गई 13 अप्रैल, वक्त सुबह 8 बजे. लेकिन आज हुए घटनाक्रम से छात्रों में खासी नाराजगी दिखी. कमोबेश हर जगह के छात्रों के ऐसे ही बयान है. मन में निराशा, जुंबा पर आक्रोश और व्यवस्था के खिलाफ एक झुंझलाहट. कई जगहों पर पेपर लीक की खबर के बाद परिक्षार्थियों को गेट पर ही रोक दिया गया. कुछ जगहों पर छात्रों ने हंगामा भी काटा. पेपर लीक ने योगी सरकार की समूची परीक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया. पूछा जाने लगा कि सीलबंद पेपर आखिर लीक कैसे हुआ ? क्या सिस्टम के लोग ही लीक माफिया बने हुए हैं? ताबड़तोड़ सवालों के बीच विपक्षियों की तरफ से भी योगी सरकार को रडार पर ले लिया गया. सबसे पहले अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा - उप्र भाजपा सरकार की दूसरी पारी में भी पेपर लीक करवाने का व्यवसाय बदस्तूर जारी है. युवा कह रहे हैं कि रोज़गार देने में नाकाम भाजपा सरकार जानबूझकर किसी परीक्षा को पूर्ण नहीं होने देना चाहती है. भाजपा सरकार अपने इन पेपर माफ़ियाओं पर दिखाने के लिए सही, काग़ज़ का ही बुलडोज़र चलवा दे. बीएसपी अध्यक्ष मायावती का भी ट्वीट आया. लिखा- यूपी बोर्ड परीक्षाओं में पेपर लीक होने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज दोपहर इण्टर की अंग्रेजी विषय की परीक्षा होने से पहले पेपर लीक होने के बाद गोरखपुर व वाराणसी सहित प्रदेश के 24 जिलों में परीक्षा रद्द करनी पड़ी है. छात्रों के जीवन से बार-बार ऐसा खिलवाड़ क्या उचित है? विपक्ष के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी सरकार को खूब घेरा गया. शाम होते-होते सरकार को जवाब देना पड़ा. जांच चल रही है, कार्रवाई की जा रही, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. वही रटा-रटा बयान, बंधा-बंधाया पैटर्न. हर बार परीक्षा लीक के बाद ऐसे ही जवाब सरकारों से मिलते हैं. चाहे यूपी की सरकार हो या फिर राजस्थान या फिर कहीं और की. रात-रात जग कर छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. इस उम्मीद में परीक्षा कायदे से हो गई तो आगे की राह आसान हो जाएगी. भर्तियों की परिक्षाएं लीक होती रही हैं. मगर जब इंटरमीडियट की परीक्षा लीक हो जाए तो क्या कहने? सीसीटीवी से निगरानी, तीन लेयर की पेपर सुरक्षा, फिर भी इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई? ये अब तक रहस्य का विषय बना हुआ है. फौरी कार्रवाई के तौर पर बलिया के DIOS ब्रजेश कुमार मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया है, मुकदमा भी दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है. सीएम योगी की तरफ से कड़ी कार्रवाई के आदेश हैं और बाकी का काम अब STF के हवाले है. STF ने टीमें बनाकर आरोपियों को ढूंढना शुरू कर दिया. STF की कोशिश उस मॉड्यूल को भी तोड़ने की है, जिसके जरिए बार-बार पेपर लीक होता. इससे पहले के भी TET पेपर लीक जैसे मामलों की जांच STF के हाथ में ही है. ये वो फोर्स जो कभी कुख्यात अपराधियों और डाकुओं को खत्म करने के लिए बनाई गई थी, लेकिन अब इसके जिम्मे पेपर माफिया की मोडस ऑपरेंडी को भी खत्म करने की जिम्मेदारी है. STF की तैयारी आरोपियों पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट NAS लगाने की भी तैयारी में है. आरोपियों को पकड़ा जाए. ये जरूरी है. उससे भी जरूरी उस मॉड्यूल, उस माध्यम को तोड़ना है, जिसके दम पर ऐसी हरकतें बार-बार हो रही हैं. पिछली कार्रवाइयों में कुछ तो कमी रही होगी, तभी माफियों के बीच वो मैसेज नहीं गया, जो उनके मन में खौफ पैदा करे. चूंकि लल्लनटॉप की तासीर युवाओं के मुद्दे पर बात करने की है. देशभर के युवाओं के मैसेज, ट्वीट, ईमेल हमारे पास खूब आते हैं. अलग-अलग राज्यों के छात्रों की समस्या लगभग एक जैसी रहती है. ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि दो दिन पहले मध्यप्रदेश में MPTET का भी पेपर लीक हो गया था. वैंकैसी आती नहीं, आ जाए तो परिक्षाएं समय पर होती नहीं, होती हैं तो लीक हो जाती हैं. और कोर्ट-कचहरी जाए बिना क्लीयर होती नहीं. उदाहरण के तौर पर UPPSC यानी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की अब तक 21 परिक्षाएं लंबित हैं. 2022 का साल चल रहा है, 2015 तक की कई भर्तियां अब तक लटकी हैं. भर्ती छोड़ दीजिए, परीक्षा ही नहीं हुई है. ऐसे में कई छात्रों का हौसला भी टूटता है. प्रयागराज जैसे जिलों से छात्रों की आत्महत्या की खबर भी आती है. उसके पीछे की वजह यही शिथिल व्यवस्था बनती है. यूं तो सरकारें बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी करती हैं. नीति नियंताओं, खासकर नेताओं के वादों की ऊंचाई बुर्ज खलीफा से ऊंची होती है. मगर सच्चाई ये है कि सालभर में होने वाली तमाम परिक्षाओं को सुचारू और साफ-सुथरे रूप से करा पाना अब भी किसी मृग मारिचिका से कम नहीं. चलते चलते आपको बिहार के एक मामले के बारे में भी बताते चलते हैं, जो तूल पकड़ता जा रहा है. 29 मार्च की सुबह खबर आई कि बिहार के भोजपुर में स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह के प्रपौत्र की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. नाम बताया गया रोहित सिंह. चूंकि रोहित का संबंध बाबू वीर कुंवर सिंह से बताया गया, इसीलिए मामला हो गया हाई प्रोफाइल. बाबू वीर कुंवर सिंह 1857 की क्रांति के नायकों में से एक थे. आरा में पड़ने वाले जगदीशपुर के महाराजा वीर कुंवर सिंह ने 80 साल की उम्र में क्रांति का नेतृत्व किया. बताया जाता है कि उनके नेतृत्व में इलाके के अंग्रेज़ अफसरों को आरा हाउस में कैद कर लिया गया था. और भोजपुर की आज़ादी का ऐलान हो गया था. लेकिन ये खुशी सिर्फ एक दिन कायम रही. बावजूद इसके बाबू वीर कुंवर सिंह की हिम्मत और जुर्रत हमेशा हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हुई. आज भी हर साल अप्रैल के महीने में बाबू वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव मनाया जाता है. इलाके का राजपूत समाज बाबू वीर कुंवर को अपना पूर्वज मानता है. इसीलिए सभी राजनैतिक पार्टियां बाबू वीर कुंवर से जुड़े प्रतीकों के साथ खड़ी दिखना चाहती हैं. इस साल के विजयोत्सव में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आने की संभावना है. भोजपुर की घटनाओं को इन्हीं बातों के आलोक में देखना होगा. भोजपुर के जगदीशपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह का किला है. किला परिसर में म्यूज़ियम है. किला परिसर में ही एक बड़ा कमरा है, जहां बिहार पुलिस के Counter Insurgency and Anti Terrorism माने CIAT बल के जवान रहते हैं. ये एक रिज़र्व बल है. और ज़रूरत पड़ने पर ही इन्हें मैदान पर उतारा जाता है. इस कमरे के पीछे एक दीवार है. और दीवार के परे तकरीबन एक दर्जन घर. किला परिसर में बने इन घरों में रहने वाले सभी परिवार खुद को बाबू वीर कुंवर सिंह का वंशज बताते हैं. मृतक रोहित का घर भी यहीं था. रोहित की मां पुष्पा सिंह भाजपा कार्यकर्ता हैं. ये परिवार राजनैतिक रूप से सक्रिय रहता है. इन आरोपों पर दी लल्लनटॉप ने भोजपुर पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी से बात की. उन्होंने हमें बताया कि परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है. लेकिन इसमें किसी पुलिस जवान को नामित नहीं किया गया है. भोजपुर SP ने हमें ये भी बताया कि रोहित की मानसिक अवस्था ठीक नहीं थी और वो नित शराब और नशे का सेवन करता था. 2018 में उसने बाबू वीर कुंवर सिंह की मूर्ति के साथ तोड़फोड़ की थी, और तब उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था. बावजूद इसके, अगर किसी पुलिस जवान को दोषी पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. अभी सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है और पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है. आज इस मामले को लेकर दिनभर भोजपुर में तनाव रहा. बाज़ार को बंद कराने की कोशिश हुई. राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जाम किया गया. दिन भर नेताओं के दौरे होते रहे. लेकिन अभी स्थिति काबू में है.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement