CGL 2018 का रिजल्ट क्यों नहीं जारी कर रहा है SSC?
UFM की वजह से परेशान हैं CGL 2018 और MTS 2019 के अभ्यर्थी.
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फोटो - thelallantop
'बेरोजगारी का जो उत्तम उदाहरण होता है, उसे NCERT की किताब में प्रचंड बेरोजगारी कहते हैं. इसका मतलब होता है कि ऐसे लोग, जिन्हें पढ़े-लिखे होने और सारी योग्यता के बावजूद रोजगार नहीं मिलता. हम लोग वही बनकर रह गए हैं.'ये कहना है अलवर के रहने वाले रजत मीणा का. रजत पिछले दो साल से SSC एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं. 2018 में उन्होंने CGL के लिए अप्लाई किया था. टियर-1, टियर-2 अच्छे-खासे नंबरों से निकल गया. लेकिन टियर-3 फंस गया है. एग्जाम ये भी अच्छा गया है, लेकिन रिजल्ट नहीं आया अब तक. रजत का कहना है कि वे फंसकर रह गए हैं. ये उनकी अकेले की कहानी नहीं है, उन्हीं की तरह लगभग एक लाख 40 हजार कैंडिडेट SSC द्वारा रिजल्ट जारी किए जाने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ये इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा.
SSC के तीन प्रमुख एग्जामSSC 5 years Plan.
SSC CGL 2018 Notification - 2018 Tier 1,2 & 3 Exam - 2019 Tier 3 result - 2020 Tier 4 and DV - 2020 Final result - 2021 Joining - 2022
Declare Tier-3 result without imaginary UFM and conduct Tier 4 and DV.#SSC_UFM_INJUSTICE
pic.twitter.com/YmAOk5cPqh
— Abhishek (@Abhishe27651382) June 26, 2020
SSC यानी कि कर्मचारी चयन आयोग केंद्र सरकार के विभागों में भर्ती करने वाली एक प्रमुख संस्था है. यह तीन प्रमुख एग्जाम कराती है. CGL यानी कि कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल एग्जाम. इसके माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में बी और सी ग्रेड के अधिकारियों की भर्ती होती है. ये परीक्षा चार चरणों में होती है. टियर- 1 और 2 का एग्जाम ऑब्जेक्टिव होता है. टियर-3 डिस्क्रिप्टिव होता है, इसमें निबंध और लेटर लिखना होता है. टियर-4 कम्प्यूटर बेस्ड स्किल टेस्ट होता है.
CHSL यानी Combined Higher Secondary level Exam. इसके जरिए केंद्र सरकार लोवर डिविजनल क्लर्क, पोस्टल असिस्टेंट, कोर्ट क्लर्क और डेटा इंट्री ऑपरेटर जैसे पदों के लिए भर्ती करती है. CHSL की परीक्षा तीन चरणों में होती है. टियर 1 में ऑनलाइन ऑब्जेक्टिव सवाल पूछे जाते हैं. टियर 2 में डिस्क्रिप्टिव एग्जाम होता है यानी कि पेन और पेपर वाली परीक्षा. टियर 3 में टाइपिंग और डेटा इंट्री स्पीड का टेस्ट होता है.
तीसरा होता है MTS यानी कि मल्टी टास्किंग स्टाफ. ये एग्जाम विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में ग्रेड-सी (नॉन-क्लर्क) की भर्ती के लिए आयोजित किया जाता है. MTS दो टियर में होता है. पहले स्टेज में ऑब्जेक्टिव एग्जाम होता है. दूसरे में डिस्क्रिप्टिव पेपर होता है. इसमें भी कॉपी-पेन से निबंध और लेटर लिखना होता है.
मामला कहां फंसा है?Cgl 2018 no case nothing else prelims condected in 2019 june now 2020 may is done. still after six months of exam.result of just (44kcopies) descriptive exam has yet to come .IBPS UPSC everyone is declaring result still ssc.#SSC_UFM_INJUSTICE
— Yadav (@Yadav_645) June 26, 2020
@DoPTGoI
@PMOIndia
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तीनों एग्जाम में एक पेपर डिस्क्रिप्टिव होता है. और सारा मामला इसी में फंसा है. CHSL के डिस्क्रिप्टिव पेपर का रिजल्ट तो आ चुका है, लेकिन CGL और MTS का अटक गया है. अदिति गोस्वामी बताती हैं,
SSC CGL 2018 का नोटिफिकेशन मई 2018 में आया था. फर्स्ट टियर का एग्जाम हुआ जून 2019 में. यानी कि एक साल बाद.थर्ड टियर का एग्जाम हुआ 29 दिसम्बर को. उसके रिजल्ट की डेट 8 मई की दी हुई थी. लेकिन अब तक रिजल्ट नहीं आया है. वो ये तर्क दे रहे हैं कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से कॉपी नहीं चेक हो पा रही हैं. आप खुद ही ये सोचिए कि दो साल हो चुके हैं नोटिफिकेशन आए हुए और अभी एक टियर का एग्जाम बाकी है, जिसमें कम्प्यूटर टेस्ट होता है. इसके बाद फाइनल रिजल्ट आने में तीन-चार महीने लग ही जाते हैं. यानी कि दो साल बीत जाने के बाद भी अभी कितना समय लगेगा, कुछ क्लियर नहीं है.

SSC CGL 2018 का नोटिफिकेशन
CGL के साथ-साथ MTS 2019 भी रिजल्ट रुका हुआ है. MTS टियर-2 के एग्जाम में करीब 96 हजार कैंडिडेट ने हिस्सा लिया था. शुभम जैन बताते हैं,
MTS 2019 का एग्जाम नवम्बर 2019 में हो चुका है. मतलब उसको हो गए सात महीने. CGL को भी छह महीने से ज्यादा हो चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद रिजल्ट नहीं दे रहे हैं ये लोग. हम लोग इसके लिए कैम्पेन भी चला रहे हैं. लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता है.इन दोनों रिजल्ट में देरी के बीच कैंडिडेट का सबसे बड़ा डर है UFM. शुभम जैन बताते हैं,
CHSL का टियर 2 डिस्क्रिप्टिव होता है. एग्जाम के समय जो ऑन्सर शीट मिलती है, उसके निर्देशों में ये लिखा था कि अगर आप कुछ पर्सनल या इमेजिनरी डिटेल्स में से लिखेंगे, तो आपको UFM दिया जाएगा. यानी कि आपको 0 नंबर दिया जाएगा. जबकि नोटिफिकेशन में ये लिखा था कि अगर आप पर्सनल डिटेल लिखेंगे, तो UFM लगेगा. ये इमेजिनरी वर्ड का यूज उसमें नहीं किया गया था.

छोटी को UFM मानते हुए SSC ने 76 की बजाय 0 नंबर दिया.
UFM क्या है?
आसान भाषा में समझें, तो SSC इस नियम के जरिए कैंडिडेट को परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करने से रोकता है. जैसे –
- कैंडिडेट ऑन्सर शीट में अपनी पहचान नहीं उजागर कर सकता. ऑन्सर शीट में नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि नहीं लिखा जा सकता. ऐसा करने पर 0 मार्क्स दिए जाते हैं.
- कैंडिडेट बुकलेट में दिए स्थान के अलावा कहीं भी साइन नहीं कर सकता. गलती से निरीक्षक के कॉलम में भी अगर साइन कर देता है, तो ऑन्सर शीट चेक नहीं होती.
- ऑन्सर शीट में कहीं भी कोई निशान बनाने या रफ कॉपी करने पर भी प्रतिबंध है.
- यदि कोई कैंडिडेट निश्चित शब्द सीमा से 10 प्रतिशत ज्यादा लिख देता है, तो उसके नंबर काटे जा सकते हैं.

15 अप्रैल 2020 को जारी नोटिस में SSC ने खुद स्वीकार किया है कि नोटिफिकेशन में 'इमेजिनरी' वर्ड नहीं था. इसे एग्जाम के समय ऐड किया गया है.
कैंडिडेट्स का आरोप है कि SSC ने UFM को लेकर अपना नियम बदल दिया. और कैंडिडेट्स को इसका पता एग्जाम से पांच मिनट पहले चला. जबकि नोटिफिकेशन में इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया था. रजत मीणा कहते हैं,
UFM तो पहले भी होता था. लेकिन तभी, जब आपने कुछ अपनी वास्तविक पहचान जाहिर की हो. आप अपना नाम, रोल नंबर, पता वगैरह नहीं लिख सकते. लेकिन इस बार इन्होंने नियम ही बदल दिया. वो भी एग्जाम के पांच मिनट पहले पता चला. एक तो इन्होंने इमेजिनरी पर्सनल आइडेंटिटी नया ऐड कर दिया. ये क्या होती है, इसे डिफाइन भी नहीं किया. ऊपर से क्वेश्चन अधूरा. एक तरह से ट्रैप क्रिएट कर दिया इन्होंने. बच्चों ने जब आरटीआई लगाकर कॉपी निकाली है, तो बड़ी बात ये भी पता चली है कि सबको UFM भी नहीं दिया गया है. एक बच्चे ने 'छोटी को स्नेह' लिख रखा था उसे UFM माना गया है. जबकि एक दूसरे ने भी कॉपी में 'छोटी' लिख रखा था, उसे नहीं माना है. 80 परसेंट कैंडिडेट इसी बात से परेशान हैं कि यूएफएम लग गया, तो क्या होगा?क्या CGL की स्थिति भी CHSL की ही तरह होगी?
CHSL का रिजल्ट आने के बाद UFM को लेकर काफी हल्ला मचा. इसकी वजह से 4560 कैंडिडेट सीधे-सीधे भर्ती से बाहर हो गए. जबकि इनमें से बहुत सारे ऐसे कैंडिडेट थे, जिन्होंने बहुत अच्छा स्कोर किया था. अदिति कहती हैं,
अब हमारा जो पेपर था, उसमें सवाल भी अधूरा था. जैसे कि हमें एक लेटर लिखना था. किसी जीडी रेस्टोरेंट को लेटर लिखना था. उसमें जो सेंडर था, उसका तो एड्रेस दे रखा था. लेकिन जो रिसीवर है, उसका कोई एड्रेस नहीं था. अब उसमें लोगों ने 123 नगर, एबीसी कॉलोनी इस टॉइप से लिखा था. अब समस्या ये है कि अगर CGL में भी UFM लग गया, तो CHSL की ही स्थिति होगी.

15 अप्रैल 2020 को SSC ने कमेटी बनाने की बात कही थी.
CHSL का रिजल्ट आने के बाद जब विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, तो SSC ने एक विशेषज्ञों की कमेटी बनाने की बात कही. लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी इस कमेटी के बारे में कोई जानकारी नहीं है. कमेटी का कुछ भी पता नहीं है. कौन हेड कर रहा है, कौन मेम्बर है, स्टूडेंट्स रिप्रजेंटेटिव कौन है? कुछ पता नहीं चल रहा. शुभम कहते हैं,
UFM के लिए कमेटी भी बनाई थी इन्होंने, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. मैंने उसके लिए एक RTI भी लगाई है. पूछा है कि इस कमेटी में कौन-कौन मेम्बर है? कब तक ये कमेटी अपना रिपोर्ट देगी? 10 दिन हो गए, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया.

CHSL 2018 की ही ऑन्सर शीट जिसमें शुभाशीष और अग्रजा जैसे शब्दों पर UFM नहीं लगा है.
कब आएगा रिजल्ट?
1 जुलाई को SSC ने CGL 2019 टियर-1 का रिजल्ट जारी किया. ये एग्जाम 3 से 9 मार्च 2000 तक आयोजित की गई थी. लेकिन दिसंबर 2019 में आयोजित CGL 2018 टियर-3 के रिजल्ट के बारे में SSC कोई जानकारी नहीं दे रहा है. SSC का ये रवैया कैंडिडेट्स का समय बर्बाद तो कर ही रहा है, साथ में मानसिक तौर पर परेशान भी कर रहा है. अदिति कहती हैं,
ये अब बहुत ज्यादा फ्रस्ट्रेटिंग हो चुका है. इंसान किसी चीज की मन लगाकर तैयारी करता है. लेकिन अब लग रहा है कि इसमें हम फंसकर रह गए हैं. न इसमें रिजल्ट आ रहा है, न ही आगे कोई प्रोसेस हो रहा है. ये जो थर्ड टियर का रिजल्ट होता है, ये फाइनल रिजल्ट होता है, जिसमें मार्क्स दिए जाते हैं. मतलब इससे फाइनल रैंक तय होती है. फोर्थ टियर केवल क्वॉलीफाइंग होता है. ये मानसिक रूप से काफी परेशान करने वाला प्रोसेस बन गया है. ऐसा लगता है कि ये लोग जल्दी रिजल्ट निकालना ही नहीं चाहते हैं.

24 अप्रैल का नोटिस. जिसमें नियत तारीख यानी कि 8 मई को कोरोना की वजह से रिजल्ट न जारी कर पाने की बात कही गई है.
रिजल्ट में देरी के पीछे SSC की ओर से कोरोना और लॉकडाउन को वजह बता रहा है. लेकिन कैंडिडेट्स का कहना है कि अगर SSC दूसरे एग्जाम्स का रिजल्ट जारी कर सकता है, तो फिर CGL का क्यों नहीं? रजत कहते हैं,
रिजल्ट में देरी के पीछे वजह कोरोना को बताया जा रहा है. लेकिन बाकी संस्थान भी तो काम कर रहे हैं. यूपी बोर्ड ने अभी इतने बच्चों का रिजल्ट जारी किया है. राजस्थान आयोग ने भी कई रिजल्ट निकाले हैं. सात महीने हो गए. लेकिन ये लोग दिसंबर से अब तक 42 हजार कॉपी चेक नहीं कर पाए.हमने इस मामले में SSC का पक्ष जानने के लिए SSC चेयरमैन के ऑफिस में संपर्क किया. वहां से भी रिजल्ट के बारे में अभी कोई जानकारी न होने की बात कही गई. SSC चेयरमैन के पर्सनल असिस्टेंट पंकज कुमार ने हमसे फोन पर हुई बातचीत में कहा,
SSC की वेबसाइट देखते रहिए. जो भी जानकारी होगी, आपको वहीं से मिलेगी. रिजल्ट कब आएगा, इसके बारे में हमें भी कोई जानकारी नहीं रहती है. मेरे पास इससे सम्बन्धित कोई जानकारी नहीं है.ABC, छोटी, अनुज जैसे छोटे-छोटे शब्दों की वजह से CHSL 2018 में 4,560 कैंडिडेट को सीधे-सीधे बाहर कर दिया गया. इनमें से कई सारे ऐसे कैंडिडेट थे, जिन्होंने काफी अच्छा स्कोर किया था और मेरिट में आते थे. वजह बताया गया एक ऐसे नियम को, जिसके बारे में एग्जाम हॉल में पता चला. अब SSC न तो CGL 2018 का रिजल्ट जारी कर रहा है और न ही MTS 2019 का. कैंडिडेट को डर है कि CGL में भी अगर इसी पैटर्न पर UFM लागू हुआ, तो उनकी सारी मेहनत बर्बाद हो जाएगी.
CHSL 2018 का रिजल्ट आने के बाद कैंडिडेट्स ने UFM का भारी विरोध किया था, जिसकी वजह से अप्रैल में एक कमेटी बनाने की बात कही गई थी. लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद न तो कमेटी के बारे में कोई जानकारी है और न ही कमेटी के किसी रिपोर्ट के बारे में.
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CHSL 2018 का रिजल्ट आने के बाद क्यों उठे SSC पर सवाल?