बाबूजी ने मां से कहा, ये नचनिया-बजनिया बनना चाहता है
गांव में थे तो सतनरैन भगमान की पूजा के बीच में होने वाला कीर्तन ढोलक से सुर-ताल की तरफ आगे बढ़ा रहा था, अब हम बलभद्दरपुर आ गये थे.
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फोटो- सुमेर सिंह राठौड़
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