कौन हैं अरविंद कृष्णा, जो दुनिया की सबसे बड़ी IT कंपनी में से एक IBM के CEO बन गए हैं
IIT-कानपुर से पढ़े हैं, देखिए कहां पहुंच गए!
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अरविंद कृष्णा ने 1990 में IBM जॉइन की थी. (फोटो- IBM ट्विटर)
अरविंद भारतीय मूल के ही हैं. देहरादून और कानपुर से पढ़े-लिखे हैं. 1990 में न्यूयॉर्क में IBM का हेडक्वार्टर जॉइन किया और अब वहां CEO बनने जा रहे हैं. IBM ने गुरुवार को अपने ब्लॉग पर अरविंद को CEO बनाए जाने का लेटर पब्लिश किया.

IBM ने अरविंद को CEO बनाए जाने की जानकारी देता ये लेटर जारी किया है. (फोटो- IBM वेबसाइट)
अमेरिका की चार बड़ी टेक कंपनियों के CEO का इंडिया कनेक्शन
अरविंद के नाम का ऐलान होते ही अब अमेरिका की चार बड़ी टेक कंपनियों के CEO भारतीय मूल के ही होंगे. Google के CEO सुंदर पिचाई. Microsoft के CEO सत्या नडेला. Adobe के शांतनु नारायण. अब इसमें IBM के अरविंद का नाम भी जुड़ गया है.
BE तक पढ़ाई भारत में, फिर बाहर गए
अरविंद ने स्कूल लेवल की सारी पढ़ाई देहरादून से की. इसके बाद IIT-कानपुर से बैचलर ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की. इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस से Ph.D. किया. 1990 में Ph.D. खत्म करने के साथ-साथ ही IBM जॉइन कर लिया था.
कितनी बड़ी और पुरानी कंपनी है IBM?
IBM कंपनी 1911 में शुरू हुई थी. 108 साल पुरानी ये कंपनी इस वक्त करीब 170 देशों में ऑपरेशनल है. नंबर ऑफ एम्प्लॉयी के मामले में IBM दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी है. करीब तीन लाख, 70 हजार एम्प्लॉयी IBM के साथ काम कर रहे हैं.
IBM के लिए 108 साल की सबसे बड़ी डील क्रैक की थीBreaking news:
Arvind Krishna elected as IBM Chief Executive Officer Jim Whitehurst elected IBM President Ginni Rometty continues as Executive Chairman of the Board
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— IBM (@IBM) January 30, 2020
IBM ने 2019 में रेड हैट (Red Hat) नाम की एक कंपनी को खरीदा था. ये डील 2.4 लाख करोड़ रुपए में हुई थी, जो IBM के 108 साल के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी डील है. इस डील को क्रैक कराने में सबसे बड़ा रोल अरविंद का ही रहा था.
रेड हैट IT सॉल्यूशन देने वाली अमेरिका की बड़ी कंपनी है. इसको ओवरटेक करने के बाद IBM का रेवेन्यू करीब डेढ़ गुना बढ़ा था.
अरविंद के नाम का ऐलान करने के बाद IBM ने कहा-
“अरविंद ने पिछले एक दशक से ज्यादा वक्त में टेक्नोलॉजी, विज़न और बिज़नेस के मामले में अपनी काबिलियत साबित की है. हम मानते हैं कि वो अगली पीढ़ी के हिसाब से टेक्नोलॉजी तैयार करने में अहम किरदार निभाएंगे.”IBM का मार्केट कैप करीब आधा हो चुका है
अरविंद कृष्णा के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी- IBM का मार्केट कैप सुधारना. कंपनी को बिज़नेस फ्रंट पर उनसे काफी उम्मीदें हैं. वजह- रोमेटी के CEO रहते कंपनी टेक्नोलॉजी फ्रंट पर तो आगे बढ़ी, लेकिन मार्केट कैप काफी नीचे आ गया.
2012-13 में IBM का मार्केट कैप करीब 17 लाख करोड़ रुपए था. अब कैप करीब 8.7 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है.
अरविंद कृष्णा 6 अप्रैल को CEO पोस्ट पर जॉइन करेंगे.
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