अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए जो ट्रस्ट बना है, वो ऐसे काम करेगा
जानिए 15 सदस्यीय ट्रस्ट को मिले अधिकारों और ज़िम्मेदारियों के बारे में.
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पांच फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की. इसमें 15 सदस्य होंगे.
‘अयोध्या ऐक्ट की धारा 6 और 7 के तहत केंद्र सरकार फैसले की तारीख से 3 महीने के अंदर बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का गठन करेगी. और फिर ये ज़मीन ट्रस्ट को दे दी जाएगी. मंदिर निर्माण कैसे होगा, यह बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज तय करेगा.'सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक मोदी सरकार ने 3 महीने के अंदर ट्रस्ट का गठन कर दिया है. पांच फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में इस ट्रस्ट की घोषणा की. श्री राम जन्म भूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट. बाद में इस संबंध में गृह मंत्रालय की ओर से गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया गया. गैजेट के मुताबिक श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र का रजिस्टर्ड ऑफिस आर-20 ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 110048 नई दिल्ली है.
अब जब ट्रस्ट की घोषणा हो चुकी है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को क्या अधिकार मिले हैं? उसका कामकाज़ क्या होगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बनने वाला ट्रस्ट जन्मस्थली और मंदिर से जुड़े फैसले लेने के लिए स्वतंत्र होगा. केंद्र और श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के बीच करार हुआ है. इस करार के मुताबिक,श्री राम जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार आज भारत सरकार ने अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण की दिशा में अपनी कटिबद्धता दिखाते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नाम से ट्रस्ट बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
— Amit Shah (@AmitShah) February 5, 2020
# ट्रस्ट की पहली बैठक में ट्रस्ट के स्थाई कार्यालय पर चर्चा होगी. फिलहाल R-20, ग्रेटर कैलाश से ट्रस्ट काम करेगा. यहीं पर राम मंदिर निर्माण की रूप रेखा और आगे किस तरह से काम करना है, इसका रोडमैप तैयार किए जाएगा. मंदिर निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने का काम ट्रस्ट करेगा.
# केंद्र सरकार ट्रस्ट के कामकाज में दखल नहीं देगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा है कि ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण से जुड़े हर फैसले लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होगा. यह ट्रस्ट श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह की सुविधाएं जैसे- अन्नक्षेत्र, किचन, गौशाला, प्रदर्शनी, म्यूजियम और सराय का इंतजाम करेगा.
# ट्रस्टी किसी भी व्यक्ति, संस्था से दान, अनुदान, अचल संपत्ति और सहायता स्वीकार कर सकते हैं. इतना ही नहीं ट्रस्ट लोन भी ले सकता है.
# ट्रस्टीज का बोर्ड किसी एक ट्रस्टी को प्रेसिडेंट- मैनेजिंग ट्रस्टी नियुक्त करेगा. वह सभी बैठकों की अध्यक्षता करेगा. वहीं जनरल सेक्रेटरी और कोषाध्यक्ष (Treasurer) को भी इन्ही सदस्यों में से नियुक्त किया जाएगा.
# राम मंदिर बनाने के लिए लोगों ने दान दिए थे. चंदा इकट्ठा किया था. इस मौजूदा धन को लेकर ट्रस्ट निवेश पर फैसला लेगा. लेकिन सभी निवेश ट्रस्ट के नाम पर ही होंगे.
# जो दान मिलेगा उसका इस्तेमाल सिर्फ ट्रस्ट के कामों के लिए किया जाएगा. किसी अन्य काम के लिए नहीं होगा. # अचल संपत्तियां बेचने का अधिकार ट्रस्टीज के पास नहीं होगा.
# राम मंदिर के लिए मिलने वाले दान और खर्च का हिसाब ट्रस्ट को रखना होगा. इसकी हर साल की बैलेंस शीट बनाई जाएगी और चार्टर्ड एकाउंटेंट ट्रस्ट के खातों का ऑडिट करेगा.
# राममंदिर ट्रस्ट के सदस्यों को वेतन का प्रावधान नहीं है, लेकिन सफर के दौरान हुए खर्च का भुगतान ट्रस्ट के द्वारा किया जाएगा.अयोध्या एक्ट के मुताबिक 67.703 एकड़ की अधिगृहीत भूमि ट्रस्ट को सौंपी जाएगी. इस जमीन में भीतरी और बाहरी आंगन भी शामिल है. ट्रस्ट अयोध्या में मंदिर बनाएगा. ट्रस्ट मंदिर निर्माण से जुड़े सारे फैसले लेने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होगा. जैसे मंदिर कौन बनाएगा, मंदिर बनाने की रूपरेखा क्या होगी, मंदिर का स्ट्रक्चर क्या होगा, मंदिर बनाने के लिए पैसे का प्रबंधन, हर तरह का काम ट्रस्ट के जिम्मे होगा.
Today we take a historic step ahead towards building a grand Ram Temple in Ayodhya! It was my honour to address the Lok Sabha on this subject, which is special to many. I also applauded the remarkable spirit of the people of India. This is what I said... pic.twitter.com/MJHDHnR3Xo — Narendra Modi (@narendramodi) February 5, 2020इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे. इनमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा. अयोध्या के पूर्व राज परिवार के सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को ट्रस्टी कमिश्नर बनाया गया है. इसके अलावा अन्य सदस्यों के नाम सामने आए हैं. ट्रस्ट के नियमों के मुताबिक, इसमें 9 स्थायी सदस्य हैं, जिन्हें वोटिंग का अधिकार होगा. बाकी के पांच सदस्यों को वोटिंग का अधिकार नहीं है. लगभग सभी सदस्यों के हिंदू होने की अनिवार्यता भी रखी गई है. इसके साथ ही एक शर्त ये भी है कि सदस्य राजनीतिक व्यक्ति नहीं होंगे. हालांकि ट्रस्ट में शामिल हुए अयोध्या राजपरिवार के विमलेश मोहन प्रताप मिश्रा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. उन्हें राजनीतिक व्यक्ति बताया जा रहा है. क्योंकि वे बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. अयोध्या से पहले गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का ट्रस्ट भी इसी तरह बना था और कार्यरत है. हालांकि अभी बहुत कुछ साफ नहीं है. जैसे ही ट्रस्ट का गठन हो जाएगा और यह पूरी तरह काम करने लगेगा. इसके बारे में और जानकारी सामने आएगी.
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