आज का लेटेस्ट ट्रेंड देखा? फूल्स डे के अलावा. Two Pit Toilet. इस ट्रेंड में सबसे धाकड़ ट्वीट अक्षय कुमार का है. ये देखो.
मध्य प्रदेश में मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ आकर लैटरीन के लिए खुदाई की. खरगोन गांव में. फोटो पोस्ट की. ये वाली खुदाई अच्छी होती है जिसमें सिर पर से फूल नहीं गिरते और सफेद कपड़ों पर मिट्टी नहीं लगती. खैर, ये अचानक वाला फैसला नहीं है. न ही अप्रैल फ़ूल बनाने की कोशिश. अक्षय ने अपनी फिल्म की मार्केटिंग के लिए ये किया है. खुले में पॉटी जाने वाली जनता की समस्या वाला बटन दबाया. ये ट्वीट भी देख लो.
इन दो ट्वीट्स के आधार पर नहीं, अक्षय की नजदीकी हिस्ट्री में झांको तब पता चलेगा. अक्षय की मार्केटिंग स्किल गजब की है. उन्होंने देश की सारी कमजोर नसें खोज ली हैं. हाल ये है कि हर 15 दिन पर उनकी एक फिल्म रिलीज हो जाती है. और अच्छी खासी रकम पीट ले जाती है. इसी शुक्रवार को नाम शबाना रिलीज हुई है. उसके कलेक्शन की डीटेल्स आनी बाकी हैं. लेकिन उसके प्रमोशन के लिए अक्षय ने कौन सा तरीका निकाला था याद है न. लड़कियों की आत्मरक्षा वाली टेक्नॉलजी अपनी फिल्म से जोड़ दी थी. इस फिल्म की प्रमोशन के लिए नारी सुरक्षा वाली समस्या का बटन दबाया.
ये जो तापसी पन्नू के साथ वीडियो आया था, ये भी प्रमोशन ही था.
https://twitter.com/akshaykumar/status/838713469885022208
इसके पहले जॉली एलएलबी 2 आई थी. सुपरहिट रही. उसके लिए पब्लिक के अंदर क्यूरियॉसिटी के कीड़े वाला बटन दबा दिया था. स्कूटर के पीछे एक फोन नंबर था. जिस पर कोई फोन करता तो उससे फिल्म देखने की रिक्वेस्ट की जाती थी.
इन सब बटन्स के अलावा एक सदाबहार बटन है देशभक्ति का. जिसका इस्तेमाल वो न सिर्फ अपनी फिल्में हिट कराने के लिए करते हैं बल्कि टाइल्स के ऐड में भी यही बटन दबाते हैं. क्योंकि आजकल देशभक्ति का मार्केट सबसे महंगा चल रहा है, इसलिए हर फिल्म का रुख उधर ही मोड़ देने की कोशिश भी होती है. देश में देशभक्ति के नाम पर गुंडे अपनी फ्रस्टेशन निकाल रहे हैं. नेता चुनाव जीत रहे हैं. तो अभिनेता क्यों नहीं अपनी फिल्म का प्रचार कर सकते. बेबी, हॉलीडे जैसी कम से कम दो फिल्में हर साल आनी चाहिएं जिसमें खून जलाती पब्लिक का अति राष्ट्रवाद 'फीलिंग कूल' हो सके.
https://twitter.com/akshaykumar/status/823855393973538816
उनके टाइम के कितने ही हीरो पता नहीं कहां गुम गए. बॉबी देओल को काम नहीं मिल रहा. सनी देओल भी 2-3 साल में नजर आते हैं. अजय देवगन साल में एक फिल्म कर लें वही बड़ी बात है. संजय दत्त भी थोड़ा थोड़ा ट्रैक पर आने लगे हैं. सुनील शेट्टी का कुछ पता नहीं चल रहा है. शाहरुख आमिर की फिल्मों का आने से पहले ही विरोध शुरू हो जाता है. ऐसे में अक्षय कुमार ही हैं जो धकापेल फिल्में करते जा रहे हैं और हिट भी कराते जा रहे हैं. देशभक्ति का नशा ऐसा है जिसे देकर सरकारें बनाई जा सकती हैं, ये तो सिर्फ फिल्में हैं.
कुल मिलाकर अक्षय ने बाजार का मिजाज़ दबोच लिया है. इसीलिए कमाई और फिल्मों में सबसे आगे भागे जा रहे हैं. उनके स्टंट्स बुरे नहीं हैं. कभी कभी वो किसानों की, फौजियों के परिवारों की मदद भी करते हैं. उसकी पब्लिसिटी के बारे में उनका कहना है कि खुद नहीं करते, अपने मन से हो जाती है. उनकी ब्रांड वैल्यू अच्छी है, इसलिए उनके साथ ही कितनों का फायदा हो जाता है. सब ठीक है. वो कमाएं खाएं. जब तक वो आग भड़काऊ स्पीच नहीं देते हैं तब तक सब अच्छा है.
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