सऊदी अरब से एक वीडियो चला है. आजकल गजब वायरल हो रहा है. वीडियो में सऊदी अरब की औरतें गार्डियनशिप से आजादी मांग रही हैं. नाचने, गाने, झूमने की आजादी मांग रही हैं. और दुनिया को बता रही हैं कि वो खुद की गार्डियन हैं. यानी अपना खयाल खुद रख सकती हैं. उन्हें जरूरत नहीं कोई मर्द उनका ख़याल रखे.
वीडियो में गीत की भाषा हमें समझ नहीं आती. पर गीत का म्यूजिक और मिजाज इतना सही है कि सुनकर मन मस्त हो जाता है. देखिए वीडियो.
वीडियो में औरतें बड़े ही मजेदार ढंग से अपनी आजादी मांग रही हैं. वो घूम रही हैं, स्केटिंग कर रही हैं. शुरुआत में ही हम देखते हैं कि गाड़ी में औरतें पीछे बैठी हैं. और गाड़ी एक बच्चा चला रहा है. वीडियो इस बात पे व्यंग्य कर रहा है कि मर्दों को औरतों से ज्यादा काबिल माना जाता है, फिर भले ही वो मर्द कोई छोटा बच्चा क्यों न हो.
वीडियो में ये भी दिख रहा है कि कितने मज़े से मर्द सूटकेस लिए जहाज के सामने दुनिया घूमने को तैयार खड़े हैं. वहीं औरतों को बिना मर्दों की इजाजत कहीं भी जाने की छूट नहीं है.
वीडियो में डॉनल्ड ट्रम्प भी दिखाई पड़ रहे हैं, जो अपने इस्लामोफोबिक टिप्पणियों के लिए चर्चा में रहे हैं.
इस वीडियो के जरिए औरतें ये बताने की कोशिश कर रही हैं कि हम बुर्का पहनती हैं तो क्या हुआ, हम पिछड़ी औरतें नहीं हैं.
क्या है सऊदी अरब में औरतों का हाल
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम ने सऊदी अरब को जेंडर गैप में 134वें नंबर पर रखा है. ये रैंकिंग 145 देशों में की गई है. तो आप आलम समझ सकते हैं. यहां हर औरत का गार्डियन यानी रक्षक होना जरूरी है. जिसके बिना वो कहीं आ-जा नहीं सकतीं. साथ ही साथ सऊदी अरब ही एक ऐसा देश है जहां औरतों को ड्राइव करने की छूट नहीं है. और तो और वोट डालने की भी छूट नहीं थी. मगर 2011 में ये बैन हटाया गया और औरतों ने 2015 में पहली बार वोट डाला.
सऊदी अरब की औरतों में इन चीजों को लेकर गुस्सा बहुत है. और धीरे-धीरे ही सही वो सोशल मीडिया के सहारे अपनी आवाज़ बुलंद कर रही हैं.
ऐसी औरतों को हमारा सलाम.