दुनिया की 'सबसे अकेली जगह' Point Nemo क्या है जिसे 'सैटेलाइट्स का कब्रिस्तान' भी कहते हैं?
Point Nemo पर पहुंचकर इंडियन नेवी की दो महिला अधिकारियों ने रिकॉर्ड बना डाला है. लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए ने INSV Tarini पर सवार होकर पॉइंट नीमो तक की जर्नी पूरी की. इस पॉइंट को लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं.

Point Nemo. प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) के बीच स्थित एक जगह. इस पॉइंट पर पहुंचकर इंडियन नेवी की दो महिला अधिकारियों ने रिकॉर्ड बना डाला है. लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए ने INSV Tarini पर सवार होकर पॉइंट नीमो तक की जर्नी पूरी की. ये नाविका सागर परिक्रमा II का हिस्सा है. लेकिन इस पॉइंट को लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं. यहां तक पहुंचना इतना आसान भी नहीं है.
‘सैटेलाइट्स के लिए कब्रिस्तान’, ‘पृथ्वी की सबसे अकेली जगह’ कहे जाने वाले Point Nemo के बारे में और क्या फैक्ट्स हैं? इसकी लोकेशन क्या है? यहां तक कैसे पहुंचा जा सकता है? ये सब जानेंगे, लेकिन इससे पहले बता देते हैं कि दुनिया की सभी बड़ी स्पेस इंडस्ट्रियों के लिए ये पॉइंट एक रिसर्च का विषय है.
Point Nemo की सटीक लोकेशन क्या है?Point Nemo को "loneliest place on earth" कहा जाता है. माने ‘पृथ्वी की सबसे अकेली जगह’. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस पॉइंट तक पहुंचने के लिए धरती पर जो सबसे करीब जगह है वो भी 2700 किलोमीटर दूर है. इतना ही नहीं, 2700 किलोमीटर दूर स्थित ये जगह द्वीपों का एक छोटा सा समूह है. जहां सिर्फ चिड़िया पाई जाती हैं. अब आते हैं Point Nemo की सटीक लोकेशन पर.
अगर आप दुनिया का मैप देखेंगे तो प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) को चारों ओर से घिरा पाएंगे. एक तरफ दक्षिण अमेरिकी कॉन्टिनेंट. बाईं ओर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड. और इन सब के नीचे अंटार्कटिका. "Pole of inaccessibility" के नाम से जाना जाने वाला ये पॉइंट Easter Island के दक्षिण में स्थित है. इस द्वीप से Point Nemo 2681 किलोमीटर दूर है. न्यूजीलैंड के वेलिंगटन से इस पॉइंट की दूरी 4795 किलोमीटर है. वहीं अंटार्कटिका के माहेर द्वीप से ये 2694 किलोमीटर दूर है.
लाइव साइंस में छपी जानकारी के मुताबिक Point Nemo की गहराई 4000 मीटर है. फीट में कहें तो 13 हजार फीट इसकी गहराई है. इसी वजह से दुनिया की स्पेस इंडस्ट्रियों के लिए ये जगह एक रिसर्च का मुद्दा भी है. पर इन सब से इतर इस पॉइंट को Satellite Graveyard कहा जाता है. पर क्यों?
इसका जवाब भी एम्मा ब्राइस की लाइव साइंस में छपी रिपोर्ट में मिला.
300 रिटायर्ड स्पेसक्राफ्ट्स समा चुके हैंएम्मा की रिपोर्ट में बताया गया है कि 1970 के दशक से अब तक अलग-अलग स्पेस प्रोग्राम्स के तहत लगभग 300 रिटायर्ड स्पेसक्राफ्ट्स Point Nemo में समा चुके हैं. इसमें कई स्पेस स्टेशन और सैटेलाइट्स शामिल हैं. NASA ने हाल ही में घोषणा की है कि वो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के साथ भी ऐसा ही करेगा. स्पेस स्टेशन 25 सालों से ऑर्बिट में है. और ये आधिकारिक तौर साल 2031 में रिटायर कर दिया जाएगा.
357 फीट (109 मीटर) लंबा और 4 लाख 19 हजार किलोग्राम वजन वाला ये स्टेशन पॉइंट नीमो के 'अंतरिक्षयान कब्रिस्तान' में सबसे बड़ा स्पेस स्टेशन होगा. यूरोपियन स्पेस एजेंसी में स्पेस डेबरी एनालिस्ट स्टिजन लेमेंस ने लाइव साइंस को बताया,
“स्पेसक्राफ्ट के क्रैश से होेने वाली मृत्यु और विनाश के जोखिम को कम करने के लिए रिसर्चर्स दुनिया भर में उन जगहों की तलाश करते हैं जहां कोई नहीं रहता है. या जो जगह जमीन से दूर हो. पॉइंट नीमो उनमें से एक है."
रिपोर्ट के मुताबिक एक और कारण है कि Point Nemo सैटेलाइट्स के लिए एक ‘आदर्श’ कब्रिस्तान कहा जाता है. इस इलाके में समुद्री करेंट्स काफी कमजोर रहती हैं, और भूमि से दूरी समुद्र के इस हिस्से में पोषक तत्वों के प्रवाह को भी सीमित करती है. इतना ही नहीं, इस पॉइंट के आसपास UV किरणें भी काफी तीव्र रहती हैं. जिस वजह से यहां रहना और यहां पर किसी भी तरह का जीवन एक बड़ी चुनौती है.
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