The Lallantop
Advertisement

केरल के पूर्व सीएम वीएस अच्युतानंदन का निधन

1964 में, अच्युतानंदन CPI से अलग होकर CPI (M) में शामिल हुए थे. 1967 में पहली बार विधायक बने.

Advertisement
VS Achuthanandan, former Kerala CM and icon of communist movement, passes away
1952 में अच्युतानंदन CPI अलप्पुझा डिवीजन के सेक्रेटरी बने. (फोटो- इंडिया टुडे)
pic
प्रशांत सिंह
21 जुलाई 2025 (Published: 06:56 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

केरल के पूर्व सीएम और भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के दिग्गज नेता वेलिक्काकाथु शंकरन अच्युतानंदन (VS Achuthanandan) का तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वो 101 वर्ष के थे. 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री रहे अच्युतानंदन ने आठ दशक से अधिक लंबे राजनीतिक जीवन में सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण और गरीबों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया. उनकी मृत्यु को केरल और भारतीय वामपंथी आंदोलन के लिए अपूर्णीय क्षति माना जा रहा है.

अच्युतानंदन को 23 जून को घर पर दिल का दौरा पड़ा था. इसके बाद उन्हें तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब से वो इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे.

जीवन और संघर्ष

1923 में अलप्पुझा के पुन्नप्रा में एक गरीब किसान परिवार में जन्मे अच्युतानंदन ने कम उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया. 11 साल की उम्र से उन्होंने काम करना शुरू किया. पहले एक सिलाई दुकान में और बाद में फैक्ट्री में. 16 साल की उम्र में, कम्युनिस्ट नेता पी कृष्ण पिल्लई के प्रभाव में वो स्वतंत्रता संग्राम और मजदूर आंदोलन में शामिल हुए. उन्होंने 1940 में कम्युनिस्ट पार्टी जॉइन की और 1946 के ऐतिहासिक पुन्नप्रा-वायलर विद्रोह में हिस्सा लिया.

राजनीतिक करियर

1952 में अच्युतानंदन CPI अलप्पुझा डिवीजन के सेक्रेटरी बने. इसके बाद जिले के सेक्रेटरी बने. 1964 में, अच्युतानंदन CPI से अलग होकर CPI (M) में शामिल हुए थे. 1967 में पहली बार विधायक बने. अलप्पुझा विधानसभा से चुनाव जीता.

अपने करियर में वो 10 बार चुनाव लड़े और सात बार केरल विधानसभा में जीत हासिल की. 2006-2011 तक मुख्यमंत्री रहे. उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान, भूमि सुधार, और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया. उन्होंने मुन्नार में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई और प्लाचिमडा में कोका-कोला के जल शोषण के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व भी किया.

पर्यावरण और सामाजिक कार्य

अच्युतानंदन अपने पर्यावरण से जुड़े कामों के लिए जाने जाते थे. 2002 में उन्होंने माथिक्केट्टन शोला के जंगल को अतिक्रमण से बचाने के लिए कठिन यात्रा की. उनके अभियान की वजह से इसे नेशनल पार्क घोषित किया गया. उन्होंने मुन्नार में अवैध निर्माण को रोकने से जुड़े मुद्दों पर भी काम किया.

अच्युतानंदन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, सहित अन्य बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उनके जनसेवा और विचारधारा के प्रति अटल प्रतिबद्धता की सराहना की. पीेएम मोदी ने X पर लिखा,

“केरल के पूर्व मुख्यमंत्री श्री वीएस अच्युतानंदन जी के निधन से दुखी हूं. उन्होंने अपने जीवन के कई वर्ष जनसेवा और केरल की प्रगति के लिए समर्पित कर दिए. मुझे उन दिनों की यादें ताजा हो रही हैं जब हम दोनों अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्री थे. इस दुःख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं.”

अच्युतानंदन का अंतिम संस्कार 23 जुलाई को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

वीडियो: वायनाड से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं CPI नेता एनी राजा ने क्या बताया?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement