लखनऊ के एक होटल में जुटे 40 ठाकुर विधायक, यूपी की राजनीति में क्या चल रहा?
Uttar Pradesh विधानसभा के पहले दिन Lucknow के फाइव स्टार होटल में एक बैठक हुई. इस बैठक में शामिल होने वाले ज्यादातर विधायक क्षत्रिय समुदाय से थे. इस बैठक में उत्तर प्रदेश में कुल 49 ठाकुर विधायकों में से 40 विधायक शामिल हुए.

उत्तर प्रदेश में विधानमंडल का मानसून सत्र चल रहा है. इसकी शुरुआत 11 अगस्त को हुई. पहले दिन सदन में खूब गहमागहमी रही. विपक्ष ने प्रदर्शन किया तो सत्ता पक्ष ने भी खूब जुबानी तीर चलाए. लेकिन शाम ढलते ही लखनऊ के फाइव स्टार होटल में एक ऐसी बैठक हुई, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है. इस बैठक में शामिल होने वाले अधिकतर विधायक क्षत्रिय समुदाय से थे.
बीजेपी के विधान परिषद सदस्य जयपाल सिंह वयस्त और मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक ठाकुर रामवीर सिंह की ओर से ये बैठक बुलाई गई थी. इसमें बीजेपी समेत विपक्ष के ठाकुर विधायकों को भी निमंत्रण दिया था. इस बैठक में उत्तर प्रदेश में कुल 49 ठाकुर विधायकों में से 40 विधायक शामिल हुए. सपा के दोनों बागी विधायक अभय सिंह और राकेश प्रताप सिंह भी इस बैठक में शामिल रहे. इनके अलावा बैठक में कुछ विधायक दूसरी जाति से भी थे.
लखनऊ के होटल क्लार्क में हुई इस बैठक को ‘कुटुंब परिवार’ नाम दिया गया. बैठक खाने-पीने और मिलने जुलने तक सीमित नहीं रही. कुटुंब परिवार नाम से एक वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया गया. बताया जा रहा है कि इस ग्रुप में बीजेपी से लेकर सपा और बसपा के क्षत्रिय विधायकों को भी शामिल किया गया है.
कुटुंब परिवार की इस बैठक में सपा से निष्कासित विधायक राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, बसपा विधायक उमा शंकर सिंह, बीजेपी विधायक अभिजीत सांगा और एमएलसी शैलेंद्र् प्रताप सिंह सहित 40 से ज्यादा विधायक और एमएलसी शामिल हुए. बैठक में विपक्ष के भी कई विधायकों और पूर्व विधायकों को बुलाया गया था, लेकिन विपक्ष के ज्यादातर नेताओं ने इससे दूरी बना रखी थी.
‘कुटुंब परिवार’ की बैठक के मायनेकुटुंब परिवार नाम से पार्टी आयोजित करने वाले ठाकुर रामवीर सिंह की ओर से कहा जा रहा है कि यह सिर्फ पारिवारिक कार्यक्रम था, जिसमें ठाकुर समाज के विधायकों के साथ-साथ दूसरे समुदाय के भी विधायक थे. इसे पारिवारिक कार्यक्रम के तौर पर देखा जाए, ये किसी तरह का शक्ति प्रदर्शन नहीं है. लेकिन सियासत में हर बात का मतलब निकाले जाते रहे हैं. और इसके भी मायने निकाले जा रहे हैं.
इतनी बड़ी संख्या में एक ही समुदाय के विधायकों और विधानपरिषद सदस्यों को बैठक को यूपी की भविष्य की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है जब यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति से लेकर योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा चल रही है.
सपा के बागी विधायकों ने लिखी स्क्रिप्टकुटुंब परिवार के बैनर पर MLC जयपाल सिंह व्यस्त और विधायक ठाकुर रामवीर सिंह का नाम था. लेकिन बताया जा रहा है कि इस बैठक के पीछे गौरीगंज से सपा के बागी विधायक राकेश प्रताप सिंह और गोसाइगंज के विधायक अभय सिंह की अहम भूमिका रही. सपा से निष्कासित दोनों बाहुबली विधायकों ने खुद सामने आने के बजाय पश्चिमी यूपी से आने वाले बीजेपी एमएलसी और विधायक को आगे रखा.
पश्चिम से ही शुरू हुई थी क्षत्रियों की नाराजगीलोकसभा चुनाव 2024 में टिकट वितरण को लेकर क्षत्रिय समुदाय की बीजेपी से नाराजगी भी पश्चिमी यूपी से शुरू हुई थी. बीजेपी ने पहली सूची में गाजियाबाद के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह का टिकट काट कर अतुल गर्ग को उम्मीदवार बनाया था. इस बैठक के आयोजक MLC जयपाल सिंह व्यस्त और विधायक ठाकुर रामवीर सिंह भी पश्चिमी यूपी से हैं.
भेंट में दिए गए प्रतीक चिन्हबैठक में शामिल होने वाले सभी वधायकों को भगवान राम की मूर्ति, महाराणा प्रताप की तस्वीर और पीतल का एक बड़ा त्रिशूल भेंट किया गया. उत्तर प्रदेश में पिछले आठ साल से बीजेपी की सरकार है. लेकिन बीते आठ सालों में ये किसी समुदाय विशेष या फिर भाजपा के विधायकों की पार्टी या सरकार से इतर इस तरह की पहली बैठक है.
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यूपी में 49 ठाकुर विधायक, बीजेपी के 43उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से 49 पर ठाकुर विधायक चुन कर आए हैं. इनमें से 43 विधायक बीजेपी की सीट पर जीते हैं. वहीं चार विधायक सपा की सीट से जीते थे. इनमें से राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह अब बीजेपी के खेमे में हैं. इसके अलावा बसपा से एक ठाकुर विधायक उमाशंकर सिंह हैं. और एक जनसत्ता पार्टी से आने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया है.
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