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यूपी में पांच साल बाद बिजली हुई महंगी, कंज्यूमर्स को लगा झटका, अब से 1.2% सरचार्ज भी देना होगा

Uttar Pradesh: अप्रैल से उपभोक्ताओं को हर महीने बढ़ा हुआ बिल चुकाना पड़ेगा. इसका असर यूपी में 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं के ऊपर पड़ेगा. अब से फ्यूल सरचार्ज (ईंधन अधिभार) के एवज में बिजली कंपनियों ने 1.24 प्रतिशत बिजली महंगी कर दी है.

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बिजली कंपनियों ने 1.24 प्रतिशत बिजली महंगी कर दी है (फोटो: आजतक)
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आशीष श्रीवास्तव
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22 अप्रैल 2025 (Published: 11:34 AM IST) कॉमेंट्स
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उत्तर प्रदेश में पांच साल बाद बिजली महंगी हुई है. महंगाई की मार झेल रहे प्रदेशवासियों पर एक और गाज गिरी है. अब से फ्यूल सरचार्ज (ईंधन अधिभार) के एवज में बिजली कंपनियों ने 1.24 प्रतिशत बिजली महंगी कर दी है. यानी अब उपभोक्ताओं को ज्यादा बिल चुकाना होगा. यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने फैसला लेते हुए कहा कि अप्रैल महीने से ही ये सरचार्ज बिजली के बिल में जुड़ेगा.

अप्रैल से ही बढ़ेगा शुल्क

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, ये बढ़ोतरी ‘फ्यूल चार्ज’ के नाम पर की गई है. अब उपभोक्ताओं को हर महीने बढ़ा हुआ बिल चुकाना पड़ेगा. इसका असर यूपी में 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं के ऊपर पड़ेगा. जनवरी महीने का ‘फ्यूल एंड पॉवर पर्चेज एडजस्टमेंट सरचार्ज’ यानी FPPAS अब अप्रैल के बिल में जोड़ा जाएगा. बताया जा रहा है कि यूपी पावर कॉर्पोरेशन को जनवरी में 78.99 करोड़ रुपये की वसूली करनी है. जिसका बोझ उपभोक्ताओं पर डाला गया है.

ये भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश के शहरों में क्यों गुल है बिजली, कहां गए सारे बिजली कर्मचारी?

उपभोक्ता परिषद ने जताई नाराजगी

एक तरफ बिजली कंपनियां कह रही हैं कि ये बढ़ोतरी नियामक आयोग की नई नीति के तहत की गई है. जहां हर महीने ईंधन की कीमतों के हिसाब से सरचार्ज लगाया जाएगा. वहीं, बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर उपभोक्ता परिषद ने तीखी आपत्ति जताई है. दैनिक भास्कर रिपोर्ट के मुताबिक, परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने आरोप लगाया है कि बिजली निगम ने उपभोक्ताओं का 33 हजार करोड़ रुपए जमा कर रखा है, जिसका अब तक कोई हिसाब नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा,

जब तक जमा धनराशि का हिसाब नहीं दिया जाएगा, तब तक उपभोक्ताओं पर बोझ डालना पूरी तरह गलत है. यह नियमों का उल्लंघन है.

सरल शब्दों में कहें तो यूपी में अब हर महीने बिजली का बिल कितना बढ़ेगा, ये इस बात पर तय होगा कि उस महीने बिजली कंपनियों ने कितना महंगा ईंधन खरीदा. बहुवार्षिक टैरिफ वितरण विनियमन 2025 (मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन) में संशोधन कर दिया गया है. जिसके तहत वर्ष 2029 तक फ्यूल सरचार्ज वसूला जाएगा.

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